मास्को/मिन्स्क – यूक्रैन के मुद्दे पर रशिया और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है और इसी बीच रशिया द्वारा अपने दो ‘न्यूक्लियर बॉम्बर्स’ बेलारूस भेजे जाने की जानकारी सामने आयी है| यह बॉम्बर्स बेलारूस की वायुसेना के साथ गश्त एवं अभ्यास के लिए भेजे गए थे, ऐसा रशिया ने कहा है| लेकिन, कुछ विश्लेषकों ने दावा किया है कि, बेलारूस में लगातार भेजे जा रहे ‘बॉम्बर्स’ यूक्रैन पर हमले करने की तैयारी का हिस्सा हो सकता है| रशियन बॉम्बर्स पहुँचने से पहले बेलारूस के विदेशमंत्री ने ऐलान किया था कि, रशिया के परमाणु हथियारों की तैनाती करने के लिए हमारा देश तैयार है|
रशिया ने बेलारूस को प्रदान किया हुआ समर्थन और बढ़ रही रक्षा सहायता एवं यूक्रैन की सीमा के करीब हुई बड़ी सैन्य तैनाती की वजह से पश्चिमी देशों में चिंता का माहौल बना है| अमरीका के साथ यूरोपिय नाटो सदस्य देशों ने यूक्रैन के करीब अपनी सैन्य गतिविधियॉं तेज की हैं| अमरीका के साथ नाटो के लड़ाकू विमान एवं युद्धपोत लगातार यूक्रैन के करीबी इलाके में तैनात हैं और यहां पर युद्धाभ्यास और गश्त अभियान भी जारी हैं| अमरीका और नाटो की इन बढ़ती गतिविधियों की वजह से रशिया की नाराज़गी बढ़ रही है| इसका प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया अलग-अलग मार्ग अपना रही है| बेलारूस भेजे गए बॉम्बर्स भी इसी का हिस्सा माना जा रहा है|
रशिया ने शनिवार के दिन अपने दो ‘स्ट्रैटेजिक न्युक्लियर बॉम्बर्स’ (टीयू-२२एम३) बेलारूस भेजे थे| इन बॉम्बर्स विमानों ने बेलारूस की हवाई सीमा में गश्त लगाकर अभ्यास भी किया| इस दौरान बेलारूस की वायुसेना के लड़ाकू ‘एसयू-३०’ विमानों ने भी साथ में उड़ान भरी थी| रशिया ने अपने बॉम्बर्स बेलारूस भेजने की इस महीने की तीसरी घटना है| रशिया ने बॉम्बर्स भेजने से पहले बेलारूस के विदेशमंत्री का अहम बयान भी सामने आया था|
‘बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेज़ैंडर लुकाशेन्को ने कहा था कि, उनके अनुसार हम हमारी सीमा में रशिया के परमाणु हथियारों की तैनाती करने के प्रस्ताव का सोच कर रहे हैं| यह नाटो की पोलैण्ड में हो रही मिसाइल तैनाती का जवाब होगा’, यह बयान बेलारूस के विदेशमंत्री व्लादिमीर मेकेई ने किया है| बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष ने पिछले महीने रशियन परमाणु हथियारों की तैनाती का मुद्दा उठाया था| इस पृष्ठभूमि पर रशियन बॉम्बर्स की बेलारूस में उड़ान भरने की बढ़ता घटनाएँ ध्यान आकर्षित कर रही हैं|
यूक्रैन के सांसदों ने दो महीने पहले इशारा दिया था कि, बेलारूस का इस्तमाल करके रशिया यूक्रैन पर हमला कर सकती है| लुकाशेन्को ने अपनी हुकूमत सुरक्षित रखने के लिए पुतिन से यूक्रैन पर हमला करने की ‘डील’ की है, यह आरोप यूक्रैन की शासक पार्टी के सांसद येगॉर चेर्नेव ने लगाया था| यूक्रैन पर सीधे हमला करने का खतरा रशिया नहीं उठाएगी, इस वजह से बेलारूस के माध्यम से हमला होने की संभावना ज्यादा है, यह भी चेर्नेव ने कहा है| इस इशारे से पहले और बाद में भी रशिया और बेलारूस ने संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास किया है और ‘एस-४००’ जैसी हवाई सुरक्षा यंत्रणा तैनात करने के संकेत भी दिए जा रहे हैं|
बेलारूस में पिछले अगस्त से ही राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं| इन प्रदर्शनों पर की हुई कार्रवाई के मुद्दे पर पश्चिमी देशों ने लुकाशेन्को पर प्रतिबंध लगाए हैं| इससे छुटकारा पाने के लिए बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया से सहायता प्राप्त की है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने बेलारूस के साथ रक्षा एवं व्यापारी समझौते किए हैं| इसके बदले में बेलारूस में रशियन फौज की तैनाती बढ़ाने की बात कही जा रही है|
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