अमेरिका के साथ परमाणु समझौता करने पर भी ईरान इस्रायल से अपना बचाव कर नहीं पाएगा

- इस्रायल के प्रधानमंत्री का इशारा

जेरुसलेम – ’विएना में जारी चर्चा द्वारा अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौता भले ही संपन्न हो जाए फिर भी इस्रायल इस से बंधा हुआ नहीं होगा। अब अधिक समय तक ईरान इस्रायल की कार्यवाही से अपना बचाव नहीं कर पाएगा। आतंकवादी संगठनों द्वारा इस क्षेत्र के राष्ट्रों में अपना पैर पसारनेवाले ईरानरूपी ऑक्टोपस का सर जल्द ही पिसा जाएगा’, ऐसा इशारा इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने दिया। अमेरिका और ईरान के बीच जल्द ही परमाणु समझौता होनेवाला है, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर इस्रायल के प्रधानमंत्री ने यह इशारा दिया हुआ दिख रहा है।

परमाणु समझौता, अपना बचाव

पिछले कुछ हफ्तों में इस्रायल ने अपनी संरक्षण सज्जता की गति बढाई है। नई क्षमता के रॉकेट, मिसाईल के अलावा ईंधनवाही विमानों की खरीदारी पर इस्रायल जोर दे रहा है। तो, कुछ घंटे पहले इस्रायल के प्रधानमंत्री ने लेज़र हवाई सुरक्षा यंत्रणा की तैनाती की घोषणा की। इसके अलावा, अगले बारह वर्षों में इस्रायल के सकल राष्ट्रीय उत्पादन एक ट्रिलियन डॉलर्स तक ले जाने का ध्येय अपने सामने होने की बात प्रधानमंत्री बेनेट ने कही थी। इस्रायल आर्थिक दृष्टिकोण से सक्षम होगा तभी लश्करी एवं नीति के दृष्टिकोण से तत्पर रह पाएगा, ऐसा दावा प्रधानमंत्री बेनेट की किया था। इसके अलावा, इस्रायल की सुरक्षा के लिए धोखादाई ईरान के बारे में भी उन्होंने महत्वपूर्ण विधान किए थे। खाडी स्थित वृत्तसंस्था से बात करते हुए प्रधानमंत्री बेनेट ने ईरान के बारे में अपनी भूमिका रखी।

इसके लिए इस्रायल के प्रधानमंत्री ने सन २००६ में लेबेनॉन में लडी हुई ३४ दिनों की लडाई का जिक्र किया। इस संघर्ष में प्रधानमंत्री बेनेट इस्रायली लश्कर के विशेष टुकडी के अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। ’लेबनॉन के संघर्ष में हम हिजबुल्लाह का सामना कर रहे थे। इस आतंकवादी संगठना को ईरान से फंडिंग हो रही थी। ईरान के आयाअतुल्ल दूर बैठकरे इस्रायल के खिलाफ लडाई लड रहे थे। मगर अब ईरान इस्रायल की कार्यवाही अधिक समय तक बच नहीं पाएगा’, ऐसा प्रधानमंत्री बेनेट ने आगाह किया। इसके अलावा, ईरान की तुलना ऑक्टोपस नामक सागरी जानवर करके हिजबुल्लाह, हमास, हौथी आतंकी संगठन खाडी में फैले हुए ऑक्टोपस के पैर होने का दावा बेनेट ने किया।

परमाणु समझौता, अपना बचाव

अब तक इस्रायल ईरान नामक ऑक्टोपस के पैरों पर अर्थात हमास, हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष कर रहा था. मगर अब इस्रायल ऑक्टोपस के सर पर घाव करेगा, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री बेनेट ने दिया। ईरान की हुकूमत बहुत भ्रष्ट है और जनता इस हुकूमत से क्रोधित है। ईरान की अर्थव्यवस्था ढह रही है, देशभर में पानी की किल्लत है। इस स्थिति का लाभ उठाकर इस्रायल ने ईरान पर हमला करना चाहिए, इसका जिक्र भी बेनेट ने किया, इसके द्वारा उन्होंने ईरान में विद्रोह कराने के संकेत देने की संभावना लगती है।

विएना में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौता के बारे में जारी कशमकश के बारे में प्रधानमंत्री ने अपनी भूमिका स्पष्ट की। अमेरिका और पश्चिमी राष्ट्रों ने ईरान के साथ परमाणु समझौता करें तब भी इसकी वजह से इस्रायल ईरान के प्रति अपनी भूमिका में बदलाव नहीं करेगा, ऐसा बेनेट ने ज़ोर देते हुए कहा।

’इस प्रमाणु समझौते के बाद भी अमेरिका इस्रायल का मितव्ययी मित्रराष्ट्र रहेगा। मगर जग बदलता जा रहा है। हम नए युग में जी रहे हैं और यहां पर किसी अकेले पर ही सबकुछ निर्भर नहीं होता। बायडेन प्रशासन और डेमोक्रैट्स के साथ संबंध सुधारने के हमने बहुत कोशिशें की हैं। मगर इस्रायल को अन्य राष्ट्रों के साथ सहकार्य भी बढाना चाहिए। सायबर, प्रौद्योगिकी, मौसम में बदलाव और संशोधन के क्षेत्रों में इस्रायल अन्य राष्ट्रों के लिए महत्वपूर्ण सहकारी राष्ट्र साबित हो सकता है’, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री बेनेट ने बायडेन प्रशासन को भी संदेश दिया है।

पर इतना सबकुछ होते हुए इस्रायल सीरिया में ईरान की गतिविधियों की जरा भी नजरअंदाज नहीं करेगा, ऐसा पुख्ता इशारा भी इस्रायली प्रधानमंत्री ने दिया है।

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