डोनेस्क और लुहान्स्क की आज़ादी का ऐलान करके रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने युक्रेन में दस हज़ार शांतिसैनिक तैनात किये

- रशिया पर सख़्त प्रतिबंध लगाने की अमरीका और मित्रदेशों की घोषणा

दस हज़ार शांतिसैनिक

मॉस्को – रशिया युक्रेन पर हमला करने की तैयारी में होने के दावे ठोकनेवाले युक्रेन, अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों को रशिया ने अनपेक्षित झटका दिया। रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने, युक्रेन का भाग होनेवाले डोनेस्क और लुहान्स्क इन प्रांतों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता घोषित की। रशिया का वर्चस्व होनेवाले इन भागों में दस हज़ार शांतिसैनिक भेजने की घोषणा भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कर दी। सोमवार रात को राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने की घोषणा के बाद अमरीका और पश्चिमी देशों ने रशिया के विरोध में जमकर आलोचना शुरू की। अमरीका और युरोपीय देशों ने रशिया पर कड़े प्रतिबंध लगाकर इस कार्रवाई को प्रत्युत्तर देने की तैयारी की है।

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रशियन जनता को संबोधित करके किए भाषण में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, युक्रेन के कारण रशिया के सामने खड़ी सुरक्षा विषयक चुनौतियों का एहसास करा दिया। युक्रेन पश्चिमी देशों के इशारों पर नाटो का सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है। एक बार जब नाटो को अपना अड्डा युक्रेन में स्थापित करने का मौक़ा मिला, तो च॔द कुछ मिनटों में युक्रेन से दागे गए क्षेपणास्त्र रशिया पर गिर सकते हैं। यह खतरा रशिया बर्दाश्त नहीं कर सकता। बार बार कोशिश करके भी युक्रेन की सरकार ने, शांति कायम रखने के लिए रशिया ने किए प्रयासों को प्रतिसाद नहीं दिया। इस कारण रशिया को मजबूरन अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक फैसले करना पड़ रहा है, यह बताकर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने डोनेस्क और लुहान्स्क के संदर्भ में यह ऐलान किया।

पश्चिमी देश रशिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकियाँ दे रहे हैं। कुछ भी किया, तो भी ये प्रतिबंध लगाने की तैयारी उन्होंने बहुत पहले से ही की थी। जिस मात्रा में रशिया की सार्वभौमिकता मजबूत होती जाएगी, उतनी मात्रा में रशिया पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध बढ़ते जाएँगे, ऐसी फटकार राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने लगाई। लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक फैसले करने का अधिकार रशिया को है और रशिया इसके आगे वही करेगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने डटकर कहा। इसी बीच, संयुक्त राष्ट्र संगठन की सुरक्षा परिषद में बात करते समय रशियन राजदूत ने पश्चिमी देशों को सख्त चेतावनी दी। रशिया के विरोध में लष्करी कार्रवाई करते समय एक बार नहीं, बल्कि दो बार सोचें, ऐसा इस राजदूत ने जताया।

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इसी बीच, अमरीका ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष की इस घोषणा पर जहाल प्रतिक्रिया दी है। अमरीका भारी आर्थिक प्रतिबंध लगाकर रशिया की घेराबंदी करेगी, ऐसा व्हाइट हाउस ने घोषित किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने तो रशिया पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा ही कर दी। इसके अनुसार, रशियन राष्ट्राध्यक्ष के तीन निकटवर्तीय उद्यमी और पाँच रशियन बैंकों पर प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं, जर्मनी ने रशिया के साथ नॉर्ड स्ट्रीम २ इंधन प्रोजेक्ट स्थगित करने का फ़ैसला किया है। सुरक्षा परिषद में बात करते समय अमरीका के प्रतिनिधि ने यह दोषारोपण किया कि रशिया संयुक्त राष्ट्र संगठन का मजाक उड़ा रहा है। सभी देश रशिया की इस मगरूरी के खिलाफ ठोस भूमिका अपनाएँ, ऐसी माँग अमरीका के साथ ब्रिटेन और जर्मनी ने भी की है।

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रशिया ने इससे पहले सन 2008 में साऊथ ओसेटिया और अबखाझिया इन प्रांतों को जॉर्जिया से तोड़कर उन्हें स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। सन 2014 में रशिया ने युक्रेन पर हमला करके क्रीमिया प्रांत पर कब्ज़ा किया था। साथ ही, पूर्वी युक्रेन के डोनेस्क और लुहान्स्क प्रांतों के कुछ भागों पर रशिया समर्थक बागियों ने कब्ज़ा किया था। तब से युक्रेन, डोनेस्क तथा लुहान्स्क पर का नियंत्रण खो चुका था। इसके लिए युक्रेन ने की लष्करी कार्रवाई में, पिछले सात सालों में लगभग दस हज़ार लोगों की जान गई बताई जाती है। इन बागियों के पीछे रशिया का लष्करी सामर्थ्य होने का आरोप युक्रेन ने किया था।

ऐसा होने के बावजूद भी रशिया की इस कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने के सिवाय पश्चिमी देश अन्य कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सके थे। अब डोनेस्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र देश घोषित करके रशिया ने, नाटो की सदस्यता का स्वीकार करने की तैयारी में होनेवाले युक्रेन को एक और सबक सिखाया दिख रहा है।

युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमिर झेलेन्स्की ने रशिया के साथ बने राजनीतिक संबंध तोड़ देने की तैयारी की है

अपने विदेश मंत्रालय ने वैसी सिफ़ारिश की होकर, जल्द ही इस बारे में फ़ैसला किया जाएगा, ऐसा झेलेन्स्की ने घोषित किया। लेकिन हालांकि रशिया ने डोनेस्क व लुहान्स्क में सेना भेजकर इन दो भागों को स्वतंत्र देश घोषित किया है, फिर भी उसका उल्लेख ‘आक्रमण’ ऐसा न करने की सावधानी युक्रेनी राष्ट्राध्यक्ष ने जताई। रशिया की कार्रवाई युक्रेन की सार्वभौमिकता का भंग करनेवाली साबित होती है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने कहा है। अमरीका, फ्रान्स और जर्मनी इन देशों के राष्ट्र प्रमुखों से झेलेन्स्की की चर्चा संपन्न हुई। लेकिन युक्रेन ने अभी भी, रशिया की इस कार्रवाई को लष्करी प्रत्युत्तर देने की घोषणा अधिकृत स्तर पर नहीं की है। वक्त आने पर इमरजेंसी घोषित की जाएगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने कहा है। इसी बीच, युक्रेन की सेना का डोनेस्क और लुहान्स्क स्थित रशिया समर्थक बागियों के साथ संघर्ष शुरू हुआ होने की खबरें आ रही हैं। इसमें युक्रेन के दो जवानों की मौत हुई है। यह संघर्ष आनेवाले समय में और बिगड़ सकता है। लेकिन फिलहाल तो युक्रेन इस बारे में सावधानी बरत रहा दिख रहा है। क्या अमरीका युक्रेन के लिए रशिया के साथ युद्ध पुकारने की जोखिम उठाएगी? ऐसी चर्चा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुई है।

 

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