युक्रेन के बंदरगाह और प्रमुख शहरों पर रशिया के घमासान हमले

किव्ह – राजधानी कीव समेत युक्रेन के 10 प्रमुख शहरों पर रशिया ने घमासान हवाई हमले जारी रखे हैं। खेरसन इस युक्रेन के दक्षिणी ओर के बंदरगाह पर रशिया ने कब्ज़ा किया होकर, मारिपोल बंदरगाह पर भी कुछ घंटों में रशिया का नियंत्रण होगा। इन दोनों बंदरगाहों पर कब्ज़ा करके रशिया युक्रेन की पूरी तरह घेराबंदी करेगा, यह बात स्पष्ट हो रही है। अमरीका और नाटो ने हालांकि युक्रेन को शस्त्रसिद्ध करने की घोषणा करके रशिया पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी युक्रेन के मुद्दे पर परमाणु युद्ध भड़केगा, ऐसी चेतावनी देकर रशिया ने अमरीका और नाटो को इसके भयंकर परिणामों का एहसास करा दिया है।

घमासान हमले

यूक्रेन के युद्ध में अपने 498 जवान मारे जाने की कबूली रशिया ने दी। इस संघर्ष में युक्रेनी सेना के 2800 से अधिक जवान मारे गए होकर, साढ़ेतीन हजार से अधिक जवान घायल हुए हैं, ऐसी जानकारी रशियन रक्षा मंत्रालय ने दी। साथ ही, रशिया ने युक्रेन के 572 जवानों को बंदी बना लिया है, ऐसा रक्षा मंत्रालय ने कहा है। युक्रेन की राजधानी समेत 10 प्रमुख शहरों पर रशियन हवाई बल के विमान ज़बरदस्त बमबारी कर रहे होकर, उससे इमारतें जलने के फोटोग्राफ्स माध्यम और सोशल मीडिया में भी जारी हो रहे हैं।

इन हमलों में बेगुनाह युक्रेनी नागरिकों की जानें जा रही है, ऐसा होहल्ला पश्चिमी माध्यम कर रहे हो कर, उसका रशियाविरोधी प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अमरीका और युरोपीय देश भी इन हमलों का इस्तेमाल करके रशिया के विरोध में अन्तर्राष्ट्रीय जनमत भड़का रहे हैं। लेकिन रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅवरोव्ह ने माध्यमों को दिए इंटरव्यू में पश्चिमी देशों के ये आरोप ठुकराए हैं।

पश्चिमी देश लगातार युक्रेन को शस्त्र सिद्ध कर रहे हैं और युक्रेन की सेना को प्रशिक्षण देकर इस देश में अड्डे विकसित कर रहे हैं, ऐसे आरोप उन्होंने किए। इन अड्डों के ज़रिए रशिया के विरोध में आगे बढ़ने के लिए युक्रेन का इस्तेमाल करने की पश्चिमी देशों की साज़िश थी। रशिया के विरोध में जिनका इस्तेमाल करने की साज़िश की जा रही है, ऐसी लष्करी बुनियादी सुविधाओं को नष्ट किए बगैर हम चुपचाप नहीं बैठेंगे, ऐसा विदेश मंत्री लॅवरोव्ह ने डटकर कहा। इससे पहले लॅवरोव्ह ने यह दिल दहलानेवाली चेतावनी दी थी कि युक्रेन के मुद्दे पर तीसरा विश्वयुद्ध भड़केगा और तीसरे विश्वयुद्ध में परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल होगा।

इस चेतावनी को नज़रअंदाज करना अमरीका और नाटो के लिए मुश्किल बन चुका है। परमाणु युद्ध का ख़तरा बढ़ने के कारण, युक्रेन के संदर्भ में अमरीका-नाटो ने अपनाई भूमिका से, कम से कम कुछ देश तो यक़ीनन ही किनारा कर सकते हैं। फिलहाल रशिया के विरोध में होनेवाला अन्तर्राष्ट्रीय जनमत भी युक्रेन के युद्ध को रोकने के लिए समझौता करने का आग्रह रखेगा, ऐसी चिंता अमरीका और नाटो को प्रतीत होने लगी है। इसीलिए इस मसले पर रशिया को अधिक जहाल धमकियाँ देने के बजाय, ‘परमाणु धमकियाँ देने की जरूरत नहीं है’ ऐसा अमरीका और नाटो के अधिकारी बताने लगे हैं।

English      मराठी 

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info