कीव/मॉस्को – रशिया द्वारा जबरदस्त हमलों के कारण बयान करते हुए युक्रेन ने युरोपिय देशों को होनेवाली ईंधनाअपूर्ति रोकी। युक्रेन-रशिया सीमा पर स्थित डोन्बास भाग में ‘सोख्रानोवका ट्रान्ज़िट पॉईंट’ से होनेवाली ईंधनाअपूर्ति बुधवार से रोकी गई है। युरोपिय देशों को होनेवाले नैसर्गिक ईंधनवायु की आपूर्ति अचानक रुकने से ईंधन के दरों में पांच प्रतिशत का उछाल आया है।
रशिया ने पिछले कुछ दिनों में पूर्व युक्रेन के डोन्बास क्षेत्र में हमलों की तीव्रता में बडे पैमाने पर बढोतरी की है। कई शहर एवं मौके के स्थानों पर रशिया द्वारा मिसाइल, रॉकेट्स एवं तोपों की बौछार जारी है। युक्रेन के दूसरे क्रमांक के शहर के तौर पर पहचाने जानेवाले खार्किव के लिए घनघोर संघर्ष छिडा हुआ है। दोनों तरफ से हररोज नए-नए दावे किए जा रहे हैं।
कुछ दिनों पूर्व रशिया ने पोलैंड एवं बल्गेरिया को होनेवाली ईंधन आपूर्ति पेमेंट के मुद्दे पर बंद की थी। इस बात के अलावा संघर्ष के जारी रहते हुए रशिया ने युरोपिय देशों को होनेवाली ईंधन आपूर्ति खंडित नहीं होने दी। दूसरी तरफ युक्रेन निरंतर मांग कर रहा है कि, युरोपिय देश ईंधन की आपूर्ति रोकें। अमेरिका एवं ब्रिटेन समेत अन्य मित्रराष्ट्रों ने भी इस बात पर महासंघ पर दबाव बनाना शुरु किया है। पर महासंघ में आघाडी के देश जर्मनी ने स्पष्ट इन्कार करने से रशियन ईंधन आपूर्ति निरंतर जारी है।
इस पृष्ठभूमि पर युक्रेन ने अचान युरोप को ईंधन आपूर्ति करने वाली पाईपलाईन बंद करने का निर्णय लेने से खलबली मची है। ‘सोख्रानोवका ट्रान्ज़िट पॉईंट’ से युरोप स्थित इटलीम ऑस्टिया, हंगेरी, स्लोवाकिया जैसे देशों को ईंधन आपूर्ति होती है। हररोज़ ३.२६ करोड घनमीटर ईंधनवायु इस पाईपलाईन द्वारा भेजा जाता है। युरोप को आपूर्ति करनेवाले कुल ईंधनवायु की तुलना में यह प्रमाण एकतिहाई है।
युक्रेन की कंपनी ने रशिया द्वारा किए जानेवाले हमले और भविष्य में अनपेक्षित घटाओं का कारण बताकर ईंधन अपूर्ति को रोके जाने की बात कही है। पर युरोप को ईंधन आपूर्ति करनेवाले ’गाज़ाप्रोम’ कंपनी ने आपूर्ति रोकने जैसी कोई घटना नहीं घटी है, ऐसा कहा है। तो, युरोप को दिए जानेवाले दूसरी ईंधनपाईपलाईन से बडे पैमाने पर पर्यायी अपूर्ति करना संभव ना होने की बात भी स्पष्ट की है। युक्रेन के निर्णय के कारण रशिया एवं युक्रेन में संघर्ष अधिक बढ सकता है, ऐसी संभावना विश्लेषकों द्वारा जताई गई है।
रशिया से पिछले वर्ष युरोपिय देशों ने १५० अरब घनमीटर से अधिक ईंधनवायु का निर्यात किया गया था। युरोप के कुल जरुरत में से ४० प्रतिशत अधिक जरुरत रशियन ईंधनवायु के माध्यम से पूरी की गई थी। युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया से आयात घटाने के लिए युरोप कदम उठा रहा है और अमेरिका समेत अफ्रीका तथा खाडी देशों से आयात बढाने की गतिविधियां जारी हैं। तथा, दूसरी ओर रशिया ने भी अपने ईंधन के लिए पर्यायी बाजार ढूंढने की शुरुआत करने के संकेत मिल रहे हैं। युरोपिय देशों को होनेवाली ईंधनवायु की आपूर्ति को रशिया एशियाई देशों की ओर मोड सकती है, ऐसा दावा रशियन विश्लेषकों ने हाल ही में किया था।
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