रशिया ने यूक्रेन पर घातक हथियारों से हमले शुरू किए

- यूक्रेन एवं ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का आरोप

मास्को/किव – रशिया ने यूक्रेन पर काफी घातक हथियारों से प्रहार करना शुरू किया है। रशिया अपने बेड़े के जहाज़ विरोधि मिसाइल ‘केएच-२२’ का इस्तेमाल यूक्रेन के ज़मीनी इलाकों के लक्ष्य के विरोध में कर रही है, ऐसा आरोप यूक्रेन और ब्रिटेन के रक्षामंत्रालयों ने लगाया। रशिया यूक्रेन पर हमले तीव्र कर रही है और इसी बीच अपने देश को हथियारों की ज़रूरत होने का आवाहन यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने पश्चिमी देशों से किया है। लेकिन, पश्चिमी देशों से हथियार मिलने के बावजूद पीछे हट रही यूक्रेन की सेना आगे बढ़ रही रशियन सेना को रोकने की ज्यादातर संभावना ना होने का चित्र फिलहाल दिख रहा है।

यूक्रेन के डोन्बास प्रांत पर रशियन सेना वर्चस्व बनाए हुए है। इस क्षेत्र में रशियन सेना के हमलों की वजह से यूक्रेन को हर दिन तकरीबन २०० सैनिक खोने पड़ रहे हैं। मारिओपोल के बाद रशिया ने सेवेरोडोनेत्स्क शहर भी यूक्रेन की सेना के हाथों से छीन लिया हैं। अब स्लोविआन्स्क पर रशियन सेना ने हमले शुरू किए हैं। यूक्रेन की सेना रशियन सेना का बड़ा प्रतिकार कर रही है, ऐसे बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, असल में यूक्रेन की सेना रशियन सेना के सामने टिक भी नहीं पाती है और यहां की स्थिति यूक्रेन की सेना के लिए अधिकाधिक बिगड़ रही है। ऐसी स्थिति में यूक्रेन और ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने रशिया पर नए आरोप लगाना शुरू किया है।

घातक हथियारों से

यूक्रेन के ज़मीनी इलाकों के लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए रशिया युद्धपोत विरोधि ‘केएच-२२’ मिसाइल दाग रही है, यह आरोप ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने लगाया। यूक्रेन भी कह रहा है कि, इस मिसाइल के साथ रशिया के हमारे खिलाफ अन्य घातक हथियारों से हमला कर रही है। ऐसी स्थिति में रशिया का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को अधिक प्रभावी हथियारों की ज़रूरत होने का आवाहन यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने किया। इससे पहले अमरीका और यूरोपिय देशों ने यूक्रेन को प्रगत हथियारों की आपूर्ति करने का वादा किया था। लेकिन, रशिया पर हमले करना मुमकिन होगा ऐसे लंबी दूरी के मिसाइल यूक्रेन को प्रदान ना करने की बात अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने स्पष्ट की थी।

इस मर्यादा के अलावा यूक्रेन के लिए अरबों डॉलर्स के हथियार प्रदान करने का निर्णय अमरीका ने किया है। लेकिन, कुछ भी हो यूक्रेन को यह हथियार प्राप्त करने नहीं देंगे, ऐसा इशारा रशिया ने दिया है। इस वजह से पश्चिमी देशों के हथियार यूक्रेन तक पहुँचे तब भी क्या यूक्रेन की सेना इनका इस्तेमाल करने की स्थिति में रहेगी, यह नया सवाल खड़ा हो रहा है।

इसी बीच, यूक्रेन का युद्ध रोकने के लिए पश्चिमी देशों से चर्चा करने के लिए रशिया तैयार है, लेकिन, पश्चिमी देश रशिया को प्रतिसाद देने के लिए तैयार नहीं है, ऐसा विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने कहा है। दोनों मिलकर टैंगो नृत्य कर सकते हैं, लेकिन पश्चिमी देश अकेले ही ब्रेक डान्स कर रहे हैं, ऐसा कहकर पश्चिमी देशों को इस समस्या का हल चर्चा के माध्यम से निकालने में रूचि ना होने का अहसास भी रशियन विदेशमंत्री लैव्हरोव्ह ने कराया।

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