ताइवान ने चीन के घुसपैठी ड्रोन को मार गिराया

ताइपे – ताइवान ने चीन के घुसपैठी विमान और विध्वंसकों को सबक सिखाने की चेतावनी दी थी। अपनी यह चेतावनी खोखली नहीं है, यह ताइवान ने अब दिखा भी दिया। गुरुवार को ताइवान की सुरक्षा यंत्रणा ने चीन के घुसपैठी ड्रोन को मार गिराया। चीन के तटीय क्षेत्र से मात्र १५ किलोमीटर दूरी पर ताइवान ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है और इससे बड़ी सनसनी फैली है।

घुसपैठी ड्रोन

चीन के ६२ लड़ाकू और बॉम्बर विमानों ने सात विध्वंसकों के साथ बुधवार को ताइवान के हवाई और समुद्री सीमाओं के करीब गश्त लगायी थी। पिछले नौं महीनों में चीन के विमानों ने इतनी बड़ी संख्या में ताइवान की हवाई सीमा के करीब उड़ान भरने का यह पहला अवसर था। कुछ ही घंटे पहले अमरीका ने ताइवान को तकरीबन एक अरब डॉलर्स का रक्षा सामान बेचने का ऐला किया था। इससे आगबबूला हुए चीन ने ताइवान की खाड़ी में अपने विमान और विध्वंसक रवाना करके अमरीका को भी धमकाया है, यह दावा किया जा रहा है।

ऐसी स्थिति में ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के लिए चेतावनी जारी की। चीन के लड़ाकू विमान या विध्वंसकों ने ताइवान की सीमा के करीब से सफर किया तो आत्मरक्षा के अधिकार वाले ताइवान की सीमा इस पर जोरदार जवाब देगी, ऐसा ताइवान ने चेतावनी में कहा था। लगातार चेतावनी देने के बावजूद ताइवान की सीमा में घुसपैठ कर रहे चीन के लड़ाकू विमान और विध्वंसकों तक ही अपनी चेतावनी सीमित नहीं है बल्कि, ताइवान की सीमा में प्रवेश कर रहे चीन के ड्रोन्स के लिए भी यह चेतावनी होने का ऐलान ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने किया था।

घुसपैठी ड्रोन

इसके कुछ घंटों बाद ताइवान के किनमेन प्रांत के ‘लायन’ द्वीप की सीमा में चीनी ड्रोन ने घुसपैठ की। चीन के फुजिआन प्रांत के तट से मात्र १५ किलोमीटर दूरी पर स्थित ताइवान के इस द्वीप पर मौजूद सुरक्षा यंत्रणा ने हमला करके इस ड्रोन को मार गिराया। यह चीनी ड्रोन समुद्र में गिरा, ऐसी जानकारी किनमेन कौंटी के सुरक्षा कमांड ने प्रदान की। ‘इस कार्रवाई के बाद चीन को अपने ड्रोन ताइवान की सीमा में भेजने से पहले दोबारा सोचना पड़ेगा’, ऐसी चेतावनी स्थानीय सुरक्षा अधिकारी टिमोथी त्साई ने दी।

इससे पहले चीन के घुसपैठी विमानों को चेतावनी देने के लिए ताइवान ने हवाई सुरक्षा यंत्रणा कार्यरत की थी। साथ ही चीनी विमानों की दिशा में मिसाइल्स ताने रखे थे। फिर भी ताइवान ने चीन के ड्रोन को मार गिराना ध्यान आकर्षित करनेवाली घटना है। इसमें भी चीन के तट से कुछ ही किलोमीटर दूरी पर स्थित ताइवान के द्वीप पर मौजूद सुरक्षा अधिकारी ने इस कार्रवाई को अंजाम देकर हम चीन के दबाव के सामने नहीं झुकेंगे, यही साबित किया है।

ताइवान के हवाई और समुद्री क्षेत्र में घुसपैठ करते समय चीन की वायु सेना और नौसेना ताइवान के साथ संघर्ष शुरू ना हो, इसका ध्यान रखकर उचित समय पर पीछे हटते हैं। इस माध्यम से सीधे युद्ध किए बिना ताइवान को अपने आतंक में रखा जाएगा, ऐसा चीन का विचार है। लेकिन, इससे कभी किसी हादसा की भी चीन उम्मीद नहीं कर रहा है ऐसा संघर्ष छिड़ जाएगा। इसके बाद यहां की स्थिति पर किसी का नियंत्रण नहीं रहेगा। इस वजह से चीन इस तरह आग से ना खेले, ऐसी चेतावनियां पूरे विश्व के विश्लेषक लगातार दे रहे हैं। ताइवान ने चीन के ड्रोन को मार गिराकर चीन को इसका स्पष्ट एहसास भी कराया हुआ दिख रहा है।

ताइवानी उद्यमी तीस लाख ‘वॉरियर्स’ तैयार करेगा

अपने देश को चीन के खतरे को ध्यान में रखते हुए ताइवान के नामांकित उद्यमी ने लगभग ३० लाख नागरिकों की फौज खड़ी करने की तैयारी की है। ‘युनाइटेड मैक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स कोर’ (यूएमसी) नामक मायक्रोचिप तैयार करनीवेली कंपनी के संस्थापक रॉबर्ट त्साओ ने इसकी पहल की है।

७५ वर्ष के त्साओ ने चीन विरोधी संघर्ष की तैयारी के तौर पर कुल ३० लाख नागरिकों की फौज खड़ी करने के लिए कुल ३.३० करोड़ डॉलर्स दान किए हैं।

चीन ने हमला किया तो ताइवान की सुरक्षा के लिए ३० लाख लोगों को तैयार करने के लिए त्साओ ने यह कदम उठाया है। ताइवान की सेना के लिए सहायक के तौर पर इन ३० लाख लोगों का इस्तेमाल करना मुमकिन होगा, यह जानकारी त्साओ ने साझा की।

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