मास्को – ‘अमरीका ने यूक्रेन को रशिया पर हमला करने के लिए हथियार प्रदान किए तो अमरीका यूक्रेन युद्ध से दूर नहीं रह सकेगी। इस स्थिति में अमरीका यूक्रेन युद्ध का हिस्सा बनेगी और अमरीका का सीधे रशिया से भी संघर्ष शुरू होगा’, ऐसे सख्त शब्दों में रशिया के उप-विदेशमंत्री ने अमरीका को आगाह किया। रशिया अपने हितों की रक्षा करना जानती है। अपनी भूमि और संप्रभुता की सुरक्षा के लिए परमाणु अस्त्र का प्रयोग करने में भी रशिया नहीं हचिकिचाएगी। यह रशिया की रक्षा नीति का हिस्सा है, इसकी याद भी उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने दिलाई है।
यूक्रेन युद्ध की तीव्रता बढ़ रही है। रशिया के हमले के सामने यूक्रेन की स्थिति काफी बिगड चुकी है और ऐसे में अमरिका और नाटो के सदस्य देशों को यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार प्रदान करने का निर्णय किया है। अब तक केवल अमरीका ने यूक्रेन को अरबों डॉलर्स के आधुनिक हथियार और रक्षा सामान की आपूर्ति की है। लेकिन, यह भी पर्याप्त नहीं हैं और अमरीका यूक्रेन को सीधे रशिया पर हमला करनेवाले हथियारों की आपूर्ति करे, यह माँग की जा रही है। यूक्रेन के एक समाचार चैनल पर बोलते हुए अमरिकी सेना के ब्रिगेडियर जनरल मार्क अर्नोल्ड ने बायडेन प्रशासन से यह माँग की थी।
इसका रशिया ने गंभीर संज्ञान लिया है। यूक्रेन को रशिया के क्षेत्र पर हमला करने की क्षमता रखनेवाले हथियार यदि अमरीका प्रदान करती है तो अमरीका इस युद्ध से बच नहीं पाएगी। इससे रशिया और अमरीका में संघर्ष छिड़ सकता है, ऐसी चेतावनी रशियन उप-विदेशमंत्री ने सटीक शब्दों में दी है। रशिया लगातार अमरीका को इस खतरे से आगाह कर रही है, इस पर भी उप-विदेशमंत्री रिब्कोव ने ध्यान आकर्षित किया। तथा, यूक्रेन में अपने उद्देश्य पूरे होने तक रशिया इस देश में अपनी सेना को अधिकाधिक आगे बढ़ाती रहेगी, यह भी रिब्कोव ने ड़टकर कहा। यूक्रेन में तख्ता पलटकर वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की की सरकार को हटना ही रशिया के यूक्रेन पर हमला करने का प्रमुख ध्येय माना जा रहा है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और अन्य प्रमुख नेता भी यह उद्देश्य प्राप्त हुए बिना रशिया पीछे नहीं हटेगी, ऐसा कह रहे हैं।
इसी कारण अमरीका और नाटो सदस्य देश यूक्रेन की सेना को अधिकाधिक हथियारों की आपूर्ति करके रशियन सेना को रोकने की कड़ी कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए यूक्रेनी सेना को रशिया के क्षेत्र में दूर तक हमले करने होंगे, ऐसा अनुमान अमरिका के कुछ सैन्य अधिकारी और विश्लेषक लगा रहे हैं। लेकिन, रशिया इसके गंभीर परिणामों की चेतावनी दे रही है और रशियन विश्लेषक भी अमरीका को गंभीर परिणामों का अहसास दिला रहे हैं।
रशिया के सैन्य विश्लेषक एलेक्ज़ैंडर पेरेन्दझीव ने किसी भी क्षण यूक्रेन युद्ध अमरीका-नाटो बनाम रशिया युद्ध में तब्दील हो सकता है, ऐसा अनुमान लगाया है। पर, रशिया की इस चेतावनी के बावजूद अमरिका यूक्रेन मोर्चे से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। यूक्रेन के बराबारी से नाटो में शामिल होने की गतिविधियाँ शुरू कर रहे स्वीडन के साथ अमरीका का युद्धाभ्यास हो रहा है। इस युद्धाभ्यास के हिस्से के तौर पर अमरिकी वायु सेना के ‘बी-५२’ जैसे भारी मात्रा में बमों की बौछार करने की क्षमता के विशाल विमान ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की संसद के ऊपर से उड़ान भरने की खबर प्राप्त हुई है। इसके ज़रिए अमरीका रशिया को अपनी इस क्षेत्र में तैयारी का अहसास कराती हुई दिख रही है।
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