मास्को/किव – परमाणु युद्ध का खतरा लगातार बढ़ रहा हैं। इसे नकारना गलत होगा’, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी है। साथ ही रशिया पहले परमाणु हमला नहीं करेगी, यदि रशिया की भूमि पर हमला हुआ तो ही रशिया परमाणु अस्त्र का प्रयोग करेगी, यह गवाही भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दी। यूक्रेन में शुरू अभियान उम्मीद से अधिक लंबा चला है। लेकिन, रशिया अपने उद्देश्य प्राप्त होने तक संघर्ष जारी रखेगी, यह इशारा भी पुतिन ने इस दौरान दिया। पुतिन परमाणु अस्त्र के खतरे के मुद्दे पर चेतावनी दे रहे थे तभी रशिया और अमरीका ने ‘हाइ प्रोफाइल’ बंदियों का आदान-प्रदान करने का वृत्त माध्यमों ने दिया है।
रशिया-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने अपने न्युक्लिअर फोर्सेस को अलर्ट पर रहने के आदेश दिए थे। इसके बाद नए परमाणु अस्त्र का परीक्षण करके रशिया की परमाणु तैयारी भी दिखाई थी। रशिया परमाणु अस्त्र को लेकर कर रहे बयान खोखले ना होने की चेतावनी भी पुतिन ने दी थी। कुछ ही महीने पहले रशिया में सेना अधिकारियों की आयोजित बैठक में यूक्रेन के विरोध में ‘टैक्टिकल न्युक्लिअर वेपन्स’ का प्रयोग करने की मांग भी वरिष्ठ अधिकारियों ने रखी थी। इसके बाद रशिया के कुछ नेताओं ने भी परमाणु हमलों को लेकर बयान किए थे।
इस पृष्ठभूमि पर, बुधवार को हुए एक बैठक में पुतिन ने परमाणु युद्ध के खतरे का मुद्दा उठाना ध्यान आकर्षित करता है। ‘रशिया किसी भी स्थिति में परमाणु अस्त्र का प्रयोग पहले नहीं करेगी। रशिया परमाणु अस्त्र रखती है, फिर भी इसका इस्तेमाल दूसरे को धमकाने के लिए नहीं होगा। रशिया मूरख नहीं हैं, परमाणु अस्त्र कैसे हैं, इसका हमें सही अहसास है। रशिया अपने परमाणु अस्त्र पूरे विश्व में प्रदर्शित करती घुमेगी नहीं’, यह राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने स्पष्ट किया। रशिया के पास विश्व के प्रगत और नवीनतम परमाणु अस्त्र हैं, लेकिन हम इसकी अमरीका की तरह पूरे विश्व में तैनाती नहीं कर रहे हैं, इसपर भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित किया।
परमाणु अस्त्रों के खतरे से जुड़ी चेतावनी दे रहे पुतिन ने यूक्रेन का सैन्य अभियान अधिक समय तक शुरू रहने के संकेत भी दिए। ‘यूक्रेन अभियान के उद्देश्य प्राप्त करने के लिए अधिक समय लगेगा, इस वजह से मौजूदा जारी संघर्ष अधिक लंबा चल सकता हैं। लेकिन, इस दौरान रशिया ने प्राप्त की हुई सफलता भी सराहनीय है। खेर्सन और झेपोरिझिआ जैसें प्रांत रशिया से जोड़े गए हैं। एझोव समुद्र रशिया का अंदरुनि हिस्सा बना है’, यह इशारा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिया। रशियन सेना धीरे धीरे लेकिन, उचित राह से आगे बढ़ रही है, यह दावा भी उन्होंने इस दौरान किया।
इसी बीच, पिछले कुछ दिनों से रशिया के ठिकानों पर हमले करने में सफल हुए यूक्रेन की क्रिमिया पर नया हमले करने की कोशिश को नाकाम करने की जानकारी रशिया ने प्रदान की है। किमिया के सेवस्टोपोल अड्डे पर गुरुवार सुबह यूक्रेनी ड्रोन्स ने हमला करने की कोशिश की। लेकिन, रशियन युद्धपोत ने इस ड्रोन को मार गिराया, ऐसा क्रिमिया के सूत्रों ने कहा। क्रिमिया के अड्डे के साथ ही बेलेगोरोद क्षेत्र में भी यूक्रेन ने हमला करने की कोशिश की है, ऐसा रशियन माध्यमों ने कहा है।
जर्मनी की पूर्व चान्सलर एंजेला मर्केल ने साल २०१४ में किया मिन्स्क समझौता यूक्रेन को हथियारों से मुस्तैद करने की योजना का हिस्सा होने की कबुली दी है। मर्केल के इस बयान पर रशिया से तीव्र बयान सामने आया है और इससे यूरोप की दोगली नीति दिखती है, ऐसी आलोचना रशियन प्रवक्ता ने की। इसी बीच, रशिया और अमरीका ने ‘हाइ प्रोफाइल’ बंदियों का आदान-प्रदान करने का वृत्त सामने आया है। अमरीका ने उनके कैद से हथियारों का व्यापारी विक्टर बाऊट की रिहाई की हैं और वह रशिया पहुँचा है, ऐसा रशियन माध्यमों ने कहा। इस दौरान रशिया ने अमरिकी खिलाड़ी ब्रिटनी ग्रिनर को रिहा किया है और राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने इसकी पुष्टि की हैं।
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