म्युनिक/बीजिंग/मास्को – ‘यूक्रेन युद्ध के लिए चीनी कंपनियां रशिया को अब तक घातक या संहारक साबित ना होने वाली यंत्रणाओं की आपूर्ति कर रहे हैं। लेकिन, आने वाले समय में चीन रशिया को घातक हथियारों की आपूर्ति कर सकता है’, ऐसा आरोप अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने लगाया। ब्लिंकन के इस आरोप पर चीन ने अभी प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। लेकिन, शनिवार को म्युनिक में आयोजित सुरक्षा परिषद में चीन के वरिष्ठ नेता वैंग यी ने निवेदन जारी करके यह ऐलान किया कि, जल्द ही हम यूक्रेन संबंधित भूमिका स्पष्ट करेंगे। इसी बीच यह भी कहा जा रहा है कि, चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग २४ फ़रवरी को रशिया-यूक्रेन शांति समझौते के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे।
म्युनिक की सुरक्षा परिषद में रशिया-यूक्रेन युद्ध और चीन के ‘स्पाय बलून’ का मुद्दा प्रमुख एजेंडा पर होने की बात सामने आ रही है। अमरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और चीन के नेता वैंग यी के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों नेताओं में विवाद होने का दावा सूत्रों ने किया है। ‘बलून’ के मामले को अमरीका ज्यादा ना खींचे, ऐसी मांग चीन के नेता ने की। वहीं, चीन बलून के मामले का पूरा खुलासा करे, ऐसी चेतावनी अमरिकी विदेश मंत्री ने दी। इस चर्चा से पहले म्युनिक में भाषण करते हुए चीन के नेता वैंग यी ने यूरोपिय देशों के साथ पश्चिमी गुट की आलोचना की।
‘यूक्रेन युद्ध में चीन ने आग नहीं भड़काई और ना ही पूरी तरह से तटस्थता की भूमिका अपनाई है। हमारा युद्ध को लेकर भूमिका स्पष्ट करने वाला निवेदन जल्द ही जारी करेंगे। इसमें सभी देशों की प्रादेशिक अखंड़ता का सम्मान करने के तत्व को प्राथमिकता दी जाएगी। अन्य देशों को भी रशिया-यूक्रेन संघर्ष को लेकर शांति से सोचना चाहिए। युद्ध रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं, इस पर ध्यान देना चाहिए। कुछ घटक ऐसे भी हैं जिन्हें रशिया-यूक्रेन बातचीत कामयाब न हो या युद्ध जल्द खत्म न हो, यही सोचते हैं’, ऐसा बयान वैंग यी ने किया।
यी के भाषण के बाद अमरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में चीन के हथियारों की आपूर्ति को लेकर चेतावनी देनेवाला बयान किया। चीन ने रशिया को घातक हथियार प्रदान किए तो यह मुद्दा अमरीका और चीन के संबंधों के लिए गंभीर समस्या बनेगा, ऐसा इशारा ब्लिंकन ने दिया। इससे पहले पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंधों को चकमा देने के साथ इसका प्रभाव कम करने के लिए चीन ने सहयोग किया था, इसकी याद भी ब्लिंकन ने दिलाई। इससे पहले रशिया के ‘वैग्नर ग्रूप’ को सैटेलाइट के फोटो मुहैया कराने के मामले पर अमरीका ने चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए थे।
इसी बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर बयान करके रशिया ने फ्रान्स को इतिहास दोहराकर फटकार लगाई। ‘फ्रान्स की शुरुआत मैक्रॉन से नहीं हुई है। नेपोलिअन के अवशेष अब भी फ्रान्स की राजधानी पैरिस में हैं। फ्रान्स और रशिया दोनों को यह बात याद रखनी पडेगी’, ऐसा इशारा रशिया के विदेश विभाग की प्रवक्ता मारिआ झाखारोवा ने दिया। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने एक साक्षात्कार में बयान किया था कि, ‘यूक्रेन में रशिया की हार होनी चाहिए। लेकिन, वह कुचला जाए यह हमारी इच्छा नहीं है।’ हमें रशिया के नेतृत्व में बदलाव नहीं चाहिये, यह भी मैक्रॉन ने कहा था।
यूक्रेन मोर्चे पर रशिया के हमलों का दायरा बढ़ रहा है और डोनेत्स्क के साथ ही लुहान्स्क और खार्किव के कुछ हिस्सों में भारी मात्रा में तोप, टैंक, रॉकेटस् और मिसाइल हमले जारी होने की जानकारी यूक्रेन की यंत्रणा ने प्रदान की। क्रेमिना, कुपिआन्स्क और स्वातोह क्षेत्र को रशियन सेना ने लक्ष्य किया है, यह जानकारी यूक्रेन ने साझा की है।
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