रशिया के ‘टैक्टिकल न्युक्लियर वेपन्स’ की बेलारूस में होगी तैनाती

- राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का ऐलान

मास्को/मिन्स्क/किव – रशिया आने वाले कुछ ही महीनों में अपने ‘टैक्टिकल न्युक्लियर वेपन्स’ की तैनाती बेलारूस में करेगी, यह ऐलान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया है। परमाणु अस्त्रों की यह तैनाती ब्रिटेन ने यूक्रेन को ‘डिप्लेटेड युरेनियम’ से बनाए गए तोप के गोलों की आपूर्ति करने के निर्णय पर प्रत्युत्तर होने की बात राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने स्पष्ट की। १९९० के दशक के बाद रशिया ने अपने परमाणु अस्त्र रशिया के बाहर अन्य देश में तैनात करने का यह पहला अवसर होगा। पुतिन के इस निर्णय की यूक्रेन ने आलोचना की है और अमरीका ने इस पर बड़ी सावधानी बरतने का बयान किया है।

‘टैक्टिकल न्युक्लियर वेपन्स’

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ रशिया के वरिष्ठ नेताओं ने रशिया की परमाणु तैयारी का बार-बार ज़िक्र किया था। रशिया को पराजित करने की योजना बनाने वाले देश यह न भूलें कि, यह परमाणु देश है, ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने खुलेआम दी थी। वहीं, रशिया के कुछ नेताओं के साथ सैन्य अधिकारियों ने रशिया यूक्रेन में ‘टैक्टिकल न्युक्लियर वेपन्स’ का इस्तेमाल करें, ऐसी मांग भी बड़ी तीव्रता से की थी। यूक्रेन के साथ संघर्ष के दौरान रशिया ने दो बार प्रगत और नवीनतम परमाणु अस्त्रों का परीक्षण किया था। अपनी ‘न्युक्लियर फोर्सेस’ को अलर्ट पर रहने के आदेश भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने जारी किए थे।

‘टैक्टिकल न्युक्लियर वेपन्स’

साथ ही दूसरी ओर पुतिन ने बेलारुस के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया था। यूक्रेन में जारी संघर्ष के दौरान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू और वरिष्ठ अधिकारियों ने बेलारूस का दौरा किया था। दोनों देशों का रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते भी किए गए थे। इसमें रशियन रक्षाबलों के साथ मिसाइल एवं हवाई सुरक्षा यंत्रणा के तैनाती का प्रावधान था।

इसके अलावा रशिया ने लगभग अपने १० हज़ार सैनिक बेलारूस में तैनात किए हैं। साथ ही ‘एस-४०० डिफेन्स सिस्टम’ और इस्कंदर मिसाइलों की भी बेलारूस में तैनाती की गई है। बेलारुस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्ज़ैंडर लुकाशेन्को ने कुछ ही महीने पहले रशिया के सामने परमाणु अस्त्रों से जुड़ी मांग की थी। बेलारूस की इस मांग के अनुसार रशिया अपने परमाणु अस्त्रों की वहां तैनाती करेगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने साक्षात्कार में स्पष्ट किया। जुलाई तक बेलारूस में परमाणु अस्त्र रखने के लिए ज़रूरी ‘स्टोरेज’ बनाने का काम पूरा होगा और इसके बाद रशियन परमाणु अस्त्र बेलारूस में तैनात किए जाएंगे, यह भी पुतिन ने कहा।

‘टैक्टिकल न्युक्लियर वेपन्स’

बेलारूस में परमाणु अस्त्रों की तैनाती अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत ही होने का दावा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया। ‘बेलारूस की इस तैनाती में नया कुछ भी नहीं है। अमरीका पिछले कई दशकों से ऐसी तैनाती करती आ रही है। अमरीका ने अपने मित्र देशों में अपने परमाणु अस्त्र तैनात किए हैं। हम भी वैसा ही कर रहे हैं और किसी भी नियम का इससे उल्लंघन नहीं होगा। परमाणु अस्त्र अप्रसार से संबंधित प्रतिबद्धता का रशिया पालन करेगी’, यह भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने स्पष्ट किया। साथ ही बेलारूस में तैनात परमाणु अस्त्रों का पूरा नियंत्रण रशिया के हाथों में ही होगा, इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

रशियन राष्ट्राध्यक्ष के परमाणु अस्त्रों की तैनाती के इस ऐलान की यूक्रेन ने आलोचना की है। रशिया ने बेलारूस को ‘न्युक्लियर होस्टेज’ बनाया है और नया ऐलान अधिक अस्थिरता फैलाएगा, ऐसी आलोचना यूक्रेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने की। अमरीका ने इस मुद्दे को लेकर सावधानी बरतने की प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। रशिया और बेलारूस के बीच पिछले कुछ महीनों से परमाणु अस्त्रों के हस्तांतरण संबंधित चर्चा जारी थी। लेकिन, फिलहाल इन परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल रशिया ही करेगी, ऐसे कोई भी संकेत प्राप्त नहीं हो रहे हैं, ऐसा बायडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।

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