यूरोप में अमरिकी परमाणु अस्त्रों की तैनाती पर रशिया सटिक प्रत्युत्तर देगी

- राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता की चेतावनी

मास्को – अमरीका ने यूरोप के सैन्य ठिकानों पर परमाणु अस्त्रों की तैनाती बढ़ाई तो रशिया इसपर उचित प्रत्युत्तर देगी, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने दी। इस दौरान पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बेलारूस में रशियन परमाणु अस्त्रों की तैनाती का समर्थन करके बेलारूस को रशिया अलग थलग होने नहीं देगी, ऐसी गवाही भी दी। बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकाशेन्को रशिया के दौरे पर पहुंचे हैं और इस पृष्ठभूमि पर पेस्कोव ने परमाणु अस्त्रों की तैनाती को लेकर किए बयान ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

परमाणु अस्त्रों की तैनाती

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ रशिया के वरिष्ठ नेताओं ने रशिया की परमाणु तैयारी का लगातार ज़िक्र किया था। रशिया को पराजित करने की योजना बना रहें यह ना भुले कि, यह परमाणु अस्त्रधारी देश हैं, ऐसी खुली चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दी थी। ऐसे में रशिया के कुछ नेताओं के साथ सैन्य अधिकारियों ने भी यह मांग की थी कि, यूक्रेन में रशिया ‘टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स’ का प्रयोग करें। यूक्रेन के साथ शुरू संघर्ष के दौरान ही रशिया ने दो बार उन्नत परमाणु अस्त्रों का परीक्षण किया था। अपने ‘न्यूक्लियर फोर्सेस’ को अलर्ट पर रहने के आदेश भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिए थे।

परमाणु अस्त्रों की तैनाती

रशियन हुकूमत की इस आक्रामक भूमिका के बाद भी रशिया के ‘न्यूक्लियर पोश्चर’ में बदलाव दिखाई ना देने की बात अमरीका और नाटो ने कही है। लेकिन, साथ ही अमरीका ने नाटो की सहायता से यूरोप में परमाणु तैनाती मे सुधार करें और नए परमाणु अस्त्र एवं परमाणु बम तैनात करने की गतिविधियां शुरू की हैं। यूरोपिय देशों को परमाणु अस्त्रों का प्रयोग करना मुमकिन होगा, ऐसे लड़ाकू विमान एवं यंत्रणा प्रदान की जा रही है। नाटो में नए से शामिल हुए फिनलैण्ड के साथ पूर्व यूरोप के देशों में परमाणु अस्त्र तैनाती करने पर गौर किया जा रहा है।

परमाणु अस्त्रों की तैनाती

अमरीका और नाटो की इन गतिविधियों का रशिया ने बड़ा गंभीर संज्ञान लिया है। रशिया ने पड़ोसी देश बेलारूस के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश गतिमान की हैं और इसी बीच राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने बेलारूस का दौरा किया था। दोनों देशों का रक्षा सहयोग बढ़ाने से संबंधित समझौते भी किए गए थे। इसमें रशियन रक्षाबलों के साथ मिसाइल एवं हवाई सुरक्षा यंत्रणा तैनाती का भी प्रवधान था। इस समझौते के अनुसार रशिया ने लगभग अपने १० हज़ार सैनिकों को बेलारूस में तैनात किया है। साथ ही ‘एस-४००’ डिफेन्स सिस्टिम और इस्कंदर मिसाइल भी बेलारूस में तैनात किए गए हैं।

इसके बाद अगले कुछ महीनों में रशिया अपने ‘टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स’ की बेलारूस में तैनाती करेगी, यह ऐलान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में किया था। रशियन परमाणु अस्त्रों की तैनाती के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकाशेन्को रशिया पहुंचे हैं। इस दौरान परमाणु अस्त्र तैनाती के साथ ही बेलारूस को ‘सिक्योरिटी गॅरन्टी’ प्रदान करने के मुद्दे पर चर्चा होने की बात कही जा रही है।

इसी बीच, अमरीका और नाटो ने यूक्रेन अभियान के लिए बनाई कुछ योजना सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध होने का वृत्त हैं। अमरिकी रक्षा विभाग ने इसका गंभीर संज्ञान लिया हैं और जांच के निर्देश जारी किए हैं। पेंटॅगॉन के डेप्युटी प्रेस सेक्रेटरी सब्रिना सिंह ने इसे कबुला हैं और रक्षा विभाग इसपर काम करने में लगा होने का बयान किया है।

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