खार्तूम – सत्ता के लिए सुड़ान के दो सेनाप्रमुखों के संघर्ष में १०० लोग मारे गए हैं। इन हमलों में घायल लोगों की संख्या हज़ार तक पहुंचने की बात कही जा रही है। लगातार तीसरे दिन सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जारी इस संघर्ष में सुड़ान में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र संघ के तीन कर्मचारी भी मारे गए हैं। यह संघर्ष जितना लंबा चलेगा उतनी मात्रा में यहां मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी, ऐसा दावा किया जा रहा है। लेकिन, सुड़ान की सेना और अर्धसैनिक बलों में यह संघर्ष रुकने की संभावना नहीं है और यहां के अस्पतालों पर भी हमले हो रहे हैं।
सुड़ान की सेना और अर्धसैनिक बल का शनिवार से छिडा हुआ संघर्ष सोमवार को तीव्र हुआ। पहले दो दिन दोनों गुटों के सैनिक सरकार और सैन्य ठिकानों पर कब्ज़ा करने के लिए गोलीबारी और बमों का इस्तेमाल कर रहे थे। हवाई हमले काफी कम तादात में हो रहे थे। लेकिन, सेना ने सोमवार को लड़ाकू विमान और अर्धसैनिक बल ने हेलीकॉप्टर से एक-दूसरे के प्रभावी क्षेत्र में हवाई हमलों की तीव्रता बढ़ाई। राजधानी खार्तूम सबसे ज्यादा हमलों का केंद्र बना।
खार्तूम के अस्पतालों पर भी हमले होने की शिकायत वहां के वैद्यकीय अधिकारी कर रहे हैं। अल-शबा अस्पताल पर जोरदार हमले हुए और अस्पतालों के साथ डॉक्टर भी वहां सुरक्षित न होने की आलोचना की जा रही है। साथ ही वैद्यकीय सेवा के लिए आवश्यक दवाईयों की आपूर्ति बंद होने की जानकारी भी सामने आ रही है। कुछ घंटों के लिए यह संघर्ष रोककर मानवीय सहायता पहुंचाने का प्रस्ताव सेना ने रखा था। लेकिन, अर्धसैनिक बल ने हमले करके मानवीय सहायता मार्ग बंद किया। साथ ही इस संघर्ष की वजह से सुड़ान के कुछ शहरों को पानी पहुंचानेवाली व्यवस्था भी टूटने की कगार पर है।
पिछले तीन दिनों से इस संघर्ष में बढ़त प्राप्त करने के दावे दोनों गुट कर रहे हैं। अर्धसैनिक बलों ने कब्ज़ा किए हुए रेडियो चैनल एवं अन्य ठिकानों पर दोबारा कब्ज़ा करने का दावा सेना ने किया है। साथ ही जनरल डागलो के नेतृत्व में अर्धसैनिक बल बरखास्त करने का बड़ा ऐलान सेनाप्रमुख जनरल बुरहान ने किया। सुड़ान के अर्धसैनिक बल में तकरीबन तीन लाख सैनिक हैं। साथ ही राजधानी खार्तूम के अलावा प्रमुख शहरों की व्यवस्था का ज़िम्मा भी इसी दल को दिया गया था।
ऐसे में अर्धसैनिक बल के इस विद्रोह ने सुड़ान की सेना को बड़ा झटका देने का दावा किया जा रहा है। तीन दिनों के संघर्ष के बावजूद सेनाप्रमुख जनरल बुरहान ने अर्धसैनिक बल से चर्चा करने की तैयारी जताई। लेकिन, जनरल डागलो इस चर्चा के लिए तैयार न होने की जानकारी सामने आ रही है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने पेश किए युद्ध विराम का प्रस्ताव भी जनरल डागलो ने ठुकराया है।
इसी बीच, सुड़ान एक ईंधन समृद्ध ओपेक प्लस का सदस्य देश है। सुड़ान में ईंधन के अलावा सोना, लोहा, क्रोमाईट, ज़िंक, ऐल्युमिनियम और निकेल धातुओं के बडे भंड़ार हैं। इन पर कब्ज़ा करने के लिए अर्धसैनिक बल की कोशिश जारी होने का दावा किया जा रहा है। सुड़ान का यह संघर्ष सही समय पर खत्म नहीं हुआ तो इस देश में गृहयुद्ध छिडेगा, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं।
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