मास्को/वॉशिंग्टन – ‘मौजूदा दौर में सबसे बड़ा खतरा परमाणु शक्तियों के सीधे जंगी संघर्ष का ही हैं और दुर्भाग्यवश यह खतरा बढ़ता ही जा रहा हैं’, ऐसी चेतावनी रशिया के वरिष्ठ अधिकारी व्लादिमीर येर्माकोव ने दी। ‘अमरीका और रशिया में फिलहाल भारी तनाव बना हैं और अमरीका अधिक से अधिक उकसानेवाली हरकतें कर रही हैं। उसकी यही हरकतें शुरू रही तो दो देशों का सैन्य संघर्ष होने की संभावना भी अधिक बढ़ेगी और यह संघर्ष पूरे विश्व के लिए चिंता का मुद्दा बनेगा’, यह इशारा भी येर्माकोव ने दिया।
व्लादिमीर येर्माकोव रशिया के विदेश विभाग के ‘नॉन प्रोलिफरेशन ॲण्ड आर्म्स कंट्रोल डिपार्टमेंट’ के प्रमुख हैं। रशिया की ‘तास’ वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार में उन्होंने रशिया और अमरीका परमाणु युद्ध के अधिक करीब जा रहे हैं, यह चेतावनी दी। इसके पीछे अमरीका की नीति और हरकतें प्रमुख कारण होने का दावा भी उन्होंने किया। अमरीका और नाटो से यूक्रेन को लगातार हो रही हथियारों की आपूर्ति और अन्य हस्तक्षेप उकसाने वाला है, इसपर येर्माकोव ने ध्यान आकर्षित किया।
स्थिति सुधारनी हैं तो अमरीका ने पुख्ता कदम उठाकर तनाव कम करना होगा और रशिया की सुरक्षा को कम समझने की कोशिश बंद करनी होगी, ऐसी सलाह रशिया के वरिष्ठ अधिकारी ने दी। येर्माकोव परमाणु संघर्ष के खतरे का अहसास करा रहे है तभी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने तीसरे विश्वयुद्ध की संभावनवा जताई हैं।
‘आखरी चिंगारी या ट्रिगर पुख्ता क्या होगा, यह हम नहीं कह सकते। लेकिन, तीसरे विश्व युद्ध की संभावना बढ़ी हैं। हम सभी ने सर्वंकष तीसरे विश्व युद्ध का खतरा टालने की कोशिश करनी होगी। तीसरा विश्व युद्ध हो, यह रशिया की इच्छा नहीं’, ऐसा मेदवेदेव ने कहा। रशिया-यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष पूरा होने के साथ ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को परमाणु तैयारी का अहसास कराया था। इसके बाद रशिया ने बेलारूस में परमाणु अस्त्र तैनात करने का ऐलान करके सनसनी फैलाई थी।
इसी बीच, यूक्रेन संघर्ष में रशिया ने अपने उन्नत ‘टी-१४ आर्माटा’ टैंक भी उतारे हैं। यूक्रेन मोर्चे पर १० से अधिक टैंक रवाना होने की खबर रशियन वृत्तसंस्था ने जारी की है। उन्नत प्रौद्योगिकी और रक्षा कवच से बने इस टैंक की अधिकतम गति प्रति घंटा ८० किलोमीटर हैं। रशिया के रक्षा बल में मौजूद टैंकों में इसे सबसे उन्नत और आधुनिक टैंक कहा जाता है। ‘टी-१४ आर्माटा’ युद्ध के मोर्चे पर रवाना करके यूक्रेन संघर्ष आगे अधिक तीव्र करने के संकेत रशिया ने दिए होने का दावा कुछ विश्लेषकों ने किया।
इसी बीच, रशिया ने डोनेत्स्क स्थित यूक्रेन के ठिकाने पर किए मिसाइल हमले में ६० विदेशी सैनिकों के मारे जाने की जानकारी रशियन रक्षा विभाग ने प्रदान की। इस हमले के लिए रशिया ने ‘इस्कंदर’ बैलेस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल करने की बात कही जा रही है। मारे गए सैनिक ‘जॉर्जियन लिजन’ दल का हिस्सा थे, यह जानकारी रशियन अधिकारी ने प्रदान की। इन हमलों में सेना के १५ से अधिक वाहन और हथियारों का बड़ा भंड़ार भी नष्ट किया गया, ऐसा रशिया ने कहा हैं।
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