रशिया ने बेलारूस के साथ किया परमाणु अस्त्रों की तैनाती का समझौता

- नाटो ने इसे घातक और गैरज़िम्मेदार निर्णय करार दिया

मिन्स्क – यूक्रेन की सेना ने जीता बाखमत क्षेत्र निजी सैनिकों की आपूर्ति करने वाले रशिया के ‘वैग्नर ग्रूप’ ने रशियन सेना के हवाले किया है। इस युद्ध में हमारे २० हज़ार सैनिकों के मारे जाने का बयान वैग्नर ग्रूप ने किया है। लेकिन, इस खबर से भी अधिक रशिया-बेलारूस ने किए ‘न्यूक्लियर वेपन्स डील’ ने अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने ध्यान आकर्षित किया है। इस समझौते के अनुसार रशिया अपने परमाणु अस्त्रों की बेलारूस में तैनाती करेगी। नाटो ने अपनाई नीति के कारण रशिया और बेलारूस को यह निर्णय करना पड़ा, ऐसा दावा दोनों देशों के रक्षा मंत्री ने किया है। ऐसे में नाटो ने यह निर्णय घातक और गैरज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया।

परमाणु अस्त्रों की

रशिया के रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू और बेलारूस के रक्षा मंत्री विक्टोर क्रेनिन ने गुरुवार को इस ‘न्यूक्लियर वेपन्स डील’ पर हस्ताक्षर किए। रशिया और बेलारूस को नाटो की हरकतों से काफी बड़ा खतरा बन सकता है। नाटो की परमाणु गतिविधियों की वजह से होनेवाले खतरे को भांपकर रशिया और बेलारूस यह निर्णय करने के लिए मज़बूर हुए। नाटो ने रशिया और बेलारूस के विरोध में अघोषित युद्ध छेड़ा ह ैं, यह कहकर रशिया के रक्षा मंत्री शोईगू ने इस समझौते का समर्थन किया।

इस समझौते के अनुसार रशिया अपने परमाणु अस्त्र बेलारूस में तैनात कर रही हैं। इसका मतलब रशिया इन परमाणु अस्त्रों की आपूर्ति बेलारूस को कर रही हैं। लेकिन, बेलारूस में तैनात होने के बावजूद यह परमाणु अस्त्र रशिया के नियंत्रण में ही रहेगी। इनका इस्तेमाल करना है या नहीं, इसका निर्णय भी रशिया ही करेगी, ऐसा रक्षा मंत्री शोईगू ने स्पष्ट किया। साथ ही रशिया के रक्षा मंत्री शोईगू ने यह ऐलान भी किया कि, रशिया इस देश को इस्कंदर मिसाइलों की आपूर्ति करेगी।

परमाणु अस्त्रों की

बेलारूस के रक्षा मंत्री क्रेनिन ने भी यह बयान किया कि, नाटो की आक्रामक नीति की वजह से ही स्थिति बिगड़ी और इसी कारण से बेलारूस में परमाणु अस्त्रों की तैनाती करने के लिए मज़बूर हुए। इस तैनाती के कारण पश्चिमी शक्तियों को इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियां जारी रखने पर दोबारा सोचना होगा, ऐसा बेलारूस के रक्षा मंत्री ने आगे कहा। इन परमाणु अस्त्रों की तैनाती की काफी बड़ी रणनीतिक अहमियत होने की बात पर क्षी रक्षा मंत्री क्रेनिन ने ध्यान आकर्षित किया।

यूक्रेन युद्ध शुरू होन के बाद बेलारूस ने रशिया का खुला समर्थन किया था। इसके साथ ही पश्चिमी देशों के संभावित खतरा बढ़ने से रशिया परमाणु अस्त्रों की तैनाती बेलारूस में करें, ऐसी मांग बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकोशिन्को ने की थी।

रशिया के प्रभाव क्षेत्र के देशों को नाटो में शामिल करने की योजना को बड़ी सफलता प्राप्त होने के दौरान बेलारूस में परमाणु अस्त्र तैनात करने की तैयारी करके रशिया ने अमरीका और नाटो के अन्य सदस्य देशों को काफी बड़ा झटका दिया है। नाटो ने इसका बड़ी गंभीरता से संज्ञान लिया है। बेलारूस में परमाणु अस्त्र तैनात करने का रशिया का निर्णय काफी घातक और गैरज़िम्मेदाराना है, ऐसा आरोप नाटो ने लगाया है। इसी बीच रशियन रक्षा मंत्री ने यह दावा किया है कि, नाटो ने रशिया और बेलारूस के विरोध में शुरू किए अघोषित युद्ध को दिया गया प्रत्युत्तर हैं।

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