मास्को – पश्चिमी देशों को ‘मॅड’ बताकर यूक्रेन को लगातार हो रही हथियारों की आपूर्ति तीसरें विश्व युद्ध को अधिक करीब लाने वाली साबित होगी, ऐसी गंभीर चेतावनी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने दी है। इसी के साथ पश्चिमी देशों ने कितने भी हथियार प्रदान किए तो भी रशिया के उद्देश्य बदलेंगे नहीं और यूक्रेन अभियान रशिया जारी रखेगी, यह इशारा भी मेदवेदेव ने दिया। लिथुआनिया में शुरू नाटो बैठक की पृष्ठभूमि पर ‘जी ७’ गुट के साथ अन्य देशों ने यूक्रेन को भारी मात्रा में शस्त्र सहायता करने का आश्वासन दिया है। इसके मद्देनज़र मेदवेदेव की यह चेतावनी ध्यान आकर्षित कर रही है।
पिछले साल शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध के ५०० से अधिक दिन पूरे हुए हैं और किसी भी देश में इस युद्ध में निर्णायक कामयाबी हासिल करना मुमकी नहीं हुआ है। यूक्रेन ने रशिया को भारी नुकसान पहुंचाने के दावे किए जा रहे हैं, फिर भी पिछले कुछ महीनों की घटनाएं रशिया की रक्षा क्षमता अभी तक कायम होने के संकेत देती हैं। उल्टा यूक्रेन को पश्चिमी देशों द्वारा अरबों डॉलर के प्रगत हथियार प्राप्त होने के बावजूद रशिया का बचाव तोड़ने में नाकामी मिलने की बात स्पष्ट तौर पर रेखांकित हुई है।
लेकिन, फिर भी अमरीका और नाटो सदस्य देशों द्वारा यूक्रेन को हथियारों की लगातार आपूर्ति हो रही है। अमरीका ने हाल ही में यूक्रेन को ‘क्लस्टर बम’ देने का ऐलान किया है। जर्मनी ने यूक्रेन को अतिरिक्त ‘पैट्रिऑट मिसाइल्स’ और फ्रान्स ने ‘स्काल्प मिसाइल्स’ देने का ऐलान किया हैं। पोलैण्ड के साथ कुछ देशों ने लड़ाकू विमान भी प्रदान किए हैं। लिथुआनिया में आयोजित नाटो की बैठक में भी यही गवाही दी गई है कि, युद्ध खत्म होने तक और उसके बाद भी यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करना जारी रखेंगे।
यूक्रेन को लगातार हो रही शस्त्र सहायता के कारण युद्ध की तीव्रता और दायरा और भी बढ़ेगा, यह चेतावनी रशिया बार बार दे रही हैं। लेकिन, पश्चिमी देशों ने इसे अनदेखा किया है। इस वजह से रशिया ने अधिक से अधिक आक्रामक भूमिका अपनाना शुरू किया है और अधिक उन्नत हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी भी दी है। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मेदवेदेव ने इससे पहले यह चेतावनी भी दी थी कि, रशिया परमाणु अस्त्र इस्तेमाल कर सकती है। अब तीसरे विश्व युद्ध का ज़िक्र करके खतरा अधिक बढ़ने की बात वह रेखांकित करते दिख रहे हैं।
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