बुसान – अमरीका की परमाणु पनडुब्बी सोमवार को दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप पर दाखिल हुई। पिछले दस दिनों में अमरीका ने दक्षिण कोरिया में तैनात की हुई यह दूसरी पनडुब्बी है। उत्तर कोरिया की बढ़ती सैन्य कार्रवाई के कारण इस क्षेत्र में बने तनाव की पृष्ठभूमि पर अमरीका यह तैनाती कर रही है, ऐसा दावा हो रहा है। वहीं, अमरिकी परमाणु अस्त्रों की तैनाती इस क्षेत्र में तनाव निर्माण करती है, ऐसी चेतावनी उत्तर कोरिया ने दी थी।
उत्तर कोरिया ने पिछले कुछ महीनों से अंतरमहद्वीपीय, बैलेस्टिक मिसाइलों का लगातार परीक्षण करना शुरू किया है। इनमें से कुछ मिसाइलों ने जापान की हवाई सीमा के उपर उड़ान भरने से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा था। इसी बीच अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों का परीक्षण करके अमरीका और मित्र देशों को चेतावनी देने का ऐलान उत्तर कोरिया ने किया था। उत्तर कोरिया की यह हरकतें खतरनाक है, ऐसा आरोप लगाकर अमरीका ने दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया था।
इसी के तहत अमरीका और दक्षिण कोरिया में स्वतंत्र परमाणु गुट स्थापीत किया गया है। ऐसे में कुछ ही हफ्ते पहले अमरीका के परमाणु वाहक बॉम्बर विमानों ने दक्षिण कोरिया की हवाई सीमा में युद्धाभ्यास किया था। पिछले हफ्ते अमरीका के परमाणु बैलेस्टिक मिसाइलों से लैस ‘यूएसएस केंटूकी’ दक्षिण कोरिया के बुसान बंदरगाह में दाखिल हुई। अमरिकी परमाणु वाहक पनडुब्बी की दक्षिण कोरिया में हुई यह पहली तैनाती बनी थी।
इस परमाणु पनडुब्बी की तैनाती करके अमरीका इस क्षेत्र को परमाणु युद्ध की ओर धकेल रही हैं, ऐसी धमकी उत्तर कोरिया ने दी थी। साथ ही अमरीका को ही इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसा इशारा उत्तर कोरिया की हुकूमत ने दिया था। इसके कुछ ही दिनों बाद अमरीका की दूसरी परमाणु पनडुब्बी ‘यूएसएस एनापोलीस’ जेजू द्वीप पर दाखिल हुई हैं। दक्षिण कोरिया ने इस पनडुब्बी का बड़े जोरों से स्वागत किया। लेकिन, उत्तर कोरिया इसपर नई धमकी देगा, ऐसी उम्मीद है।
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