रशिया ने कब्ज़ा किए क्षेत्र का अधिकार छोड़ने पर यूक्रेन को नाटो की सदस्यता प्राप्त होगी

- नाटो अधिकारी का दावा

ब्रुसेल्स/किव – ‘यूक्रेन ने रशिया ने कब्ज़ा किए क्षेत्र का अधिकार छोड़ा तो इसके बदले में उसे नाटो की सदस्यता प्राप्त हो सकती है। नाटो में इस मुद्दे को लेकर पहले से चर्चा हो रही है। संघर्ष खत्म करने के लिए यह एक संभावित इलाज़ हो सकता है’, ऐसा सनसनीखेज दावा नाटो अधिकारी स्टिअन जेन्सेन ने किया। उनके इस दावे पर यूक्रेन ने तीव्र बयान किया है। हमारे क्षेत्र का अधिकार कभी भी नहीं छोड़ेंगे, ऐसा कहकर यूक्रेन के सलाहकार ने आगाह किया है।

नाटो की सदस्यता

नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ की ज़िम्मेदारी संभाल रहे स्टिअन जेन्सेन ने एक चर्चा के दौरान यूक्रेन और नाटो के मुद्दे पर बयान किया। नॉर्वे के ‘वीजी’ नामक अखबार ने यह वृत्त प्रसिद्ध किया है। एक समाचार चैनल पर हुई चर्चा के दौरान जेन्सेन ने संघर्ष रोकने के लिए नाटो के विभिन्न प्रस्तावों का ज़िक्र करते हुए रशिया ने कब्ज़ा किए क्षेत्र का अधिकार छोड़ने का मुद्दा बयान किया।

कुछ महीने पहले एक स्वीस अखबार ने भी इससे संबंधित खबर जारी की थी। अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआईए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने रशिया का गुप्त दौरा करने का दावा इसमें किया गया था। इस दौरान बर्न्स ने रशिया को ‘लैण्ड फॉर पीस’ का प्रस्ताव दिया था। इसके अनुसार यूक्रेन का २० प्रतिशत क्षेत्र रशिया के कब्ज़े में रहेगा और इसके बदले में रशिया संघर्ष रोक देगी, ऐसा कहा गया था। लेकिन, अमरीका और रशिया ने इसका खंड़न किया था।

नाटो की सदस्यता

अमरीका के ज्येष्ठ कुटनीतिक हेन्री किसिंगजर ने भी शुरू के दौर में किए बयान में यही कहा था कि, रशिया ने कब्ज़ा किए क्षेत्र का अधिकार यूक्रेन छोड़ दे और शांति वार्ता करें। इसपर यूक्रेन ने किसिंजर की कड़ी आलोचना की थी। अब नाटो अधिकारी के वर्णित प्रस्ताव के बाद भी यूक्रेन से तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी है।

यूक्रेन के वरिष्ठ सलाहगार मिखाईल पोडोलिक ने इस बयान पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है और यह भी स्पष्ट किया कि, यूक्रेन ऐसा प्रस्ताव कभी भी स्वीकार नहीं करेगा। यह बड़ी मूर्खता और हास्यकारी कल्पना होने का बयान पोडोलिक ने किया है। नाटो सदस्य देश इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से दूर रहे हैं। लेकिन, कुछ दिन पहले ही यूक्रेन के वरिष्ठ मंत्री ने पश्चिमी देश राजनीतिक बातचीत के लिए दबाव बनाने में लगे होने का ज़िक्र किया था।

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