मनामा – ‘यूएई, बहरीन, सूड़ान और मोरोक्कको इन देशों के साथ अन्य अरब देशों से भी इस्रायल को सहयोग करना हैं। वह भी इस्रायल से सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं’, ऐसा ऐलान इस्रायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने किया। बहरीन के मनामा में कुछ दिन पहले इस्रायल का दूतावास शुरू किया गया। इस पृष्ठभूमि पर बहरीन के दौरे पर पहुंचे इस्रायल के विदेश मंत्री ने अन्य अरब देशों के सहयोग का मुद्दा उठाया।
तीन साल पहले वर्ष २०२० में अमरीका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता से इस्रायल ने यूएई और बहरीन इन अरब देशों के साथ ऐतिहासिक अब्राहम समझौता किया था। उससे पहले इस्रायल ने इजिप्ट और जॉर्डन के साथ सहयोग स्थापित किया था। लेकिन, खाड़ी के प्रमुख अरब देशों के साथ इस्रायल का यह पहला सहयोग था। खाड़ी की शांति के लिए आवश्यक इस सहयोग का पूरे विश्व में स्वागत हुआ था। सौदी अरब के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने भी इस सहयोग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी।
इस पृष्ठभूमि पर पिछले कुछ सालों से सौदी और अन्य अरब देशों के साथ सहयोग स्थापित करने की कोशिश इस्रायल कर रहा हैं। चार दिन पहले मनामा में इस्रायल का दूतावास शुरू किया गया। उस समय इस्रायल के विदेश मंत्री एली कोहेन उपस्थित थे। अन्य अरब एवं मुस्लिम देशों के साथ शांति से भरा सहयोग स्थापित करने के लिए इस्रायल तैयार हैं और कुछ देशों ने इसके लिए उत्सुकता भी दिखाई हैं, ऐसा कोहेन ने कहा। लेकिन, इन देशों का नाम बयान करने से इस्रायली विदेश मंत्री दूर रहे।
पिछले हफ्ते कोहेन ने लीबिया का दौरा करके सहयोग स्थापीत करने के मुद्दे पर लीबिया ईविदेश मंत्री से मुलाकात की थी। इसकी जानकारी माध्यमों में सार्वजनिक होने के बाद लीबिया के विदेश मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था। लीबिया की एक इस्रायल का द्वेष करने वाले देश के तौर पर पहचान है। इस वजह से इस देश ने इस्रायल से सहयोग करने के लिए पहल करने की खबर सामने आने के बाद लीबिया में प्रदर्शन और आगजनी शुरू हुई थी।
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