इस्रायल का प्रत्युत्तर खाड़ी क्षेत्र का चेहरा बदल देगा – इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू

इस्रायल का प्रत्युत्तर खाड़ी क्षेत्र का चेहरा बदल देगा – इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू

जेरूसलम, दि. ९ (वृत्तसंस्था) – आम नागरिक गाजां छोड़कर बाहर जाए। क्यों कि, इस्रायल पुरी शक्ति के साथ हमास पर प्रहार करनेवाला है। हमास के हमलों पर इस्रायल से दिए जाने वाला जवाब पूरे खाड़ी क्षेत्र का चेहरा बदले बिना नहीं रहेगा, ऐसा संदेश इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दिया है। साथ ही हमास ने गाजा में तीन जगहों पर इस्रायली अपहृत नागरिकों को बंधक बनाए रखा हैं और उन्हें छुड़ाने के लिए इस्रायल की सेना हमास पर किसी भी तरह से दया भावना रखे बिना कारवाई करेगी, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दी है।

हमास के आतंकवादियों ने बच्चे और महिलाओं की उनके घरों में घुसकर हत्या कर दी। इन हत्यारों ने बुढ़े-बूजुर्गों को भी नहीं छोड़ा। इससे पहले इस्रायल ने इतनी बड़ी तीव्रता का भीषण हमला देखा नहीं था। आगे भी ऐसा हमला करने का साहस कोई भी कर नहीं सकेगा, इसका ध्यान रखा जाएगा। हमास से जुड़ी हर एक बात को मलबे में तब्दिल किया जाएगा, ऐसी दहाड़ इस्रायल के प्रधानमंत्री ने लगाई है। इस्रायल के अन्य नेता भी इस बार प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के पीछे ड़टकर खड़े दिख रहे हैं।

इस्रायल कुछ दिन पहले राजनीतिक मतभेदों के कारण इस्रायल में सरकार और विपक्ष के बीच जमकर विवाद हो रहा था। लेकिन, हमास ने हमला करने के बाद सरकार और विपक्ष ने सभी मतभेद दूर रखकर सभी नेता इस्रायल के शत्रु के विरोध में एकजूट करते दिख रहे हैं। इस्रायल में शासक और विपक्ष मिलकर संयुक्त सरकार गठित करने की गतिविधयां शुरू होने की खबरें प्राप्त हुई है।

इसी बीच, दुनियाभर के प्रमुख देशों का समर्थन इस्रायल को प्राप्त हुआ है और यूएई एवं बहरीन जैसे देश भी हमास के इस हमले की तीव्र शब्दों में कड़ी निंदा कर रहे हैं। ऐसे में सौदी अरब ने किसी के भी पक्ष में खड़े हुए बिना इस्रायल और हमास के बीच शुरू खूनखराबा रोका जाए, ऐसा आवाहन किया है। सौदी की इस तटस्थ रुख के मद्देनज़र यह देश इस्रायल के विरोध में जाने के लिए हम तैयार न होने का संदेश दे रहा हैं। इसपर विश्लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया है और साथ ही सौदी को भी हमास ने किया यह हमला मंजूर न होने का दावा किया है।

ऐसी स्थिति में हमास के हमलों पर इस्रायल से दिया जा रहा प्रत्युत्तर खाड़ी क्षेत्र का चेहरा बदलने वाला होगा, यह प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया दावा भी ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। फिलहाल हमास के पीछे ईरान और कतर जैसे कुछ देश खड़े हुए हैं। ईरान ने इस मुद्दे पर ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’ (ओआईसी) की बैठक आयोजित करने की मांग की है। इसके ज़रिये गाजा पर इस्रायल कर रहे सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए दबाव बनाने की कोशिश ईरान और मित्र देश कर सकते हैं। लेकिन, मौजूदा स्थिति को देखे तो इस्रायल हमास के खिलाफ शुरू कार्रवाई रोकने की बिल्कुल भी संभावना नहीं है। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दी हुई चेतावनी यही दर्शाती है।

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