किव/मास्को – रशिया विरोधी संघर्ष में यूक्रेन की जनता के साथ पूरा विश्व हमारे पीछे खड़ा होने के दावे राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने बार बार किए थे। लेकिन, किसी समय पीछे खड़े रहे पश्चिमी देशों के साथ अब यूक्रेन की जनता ने भी राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की का साथ छोड़ना शुरू किया है। रशिया विरोधी युद्ध का हिस्सा होने से बचने की मंशा से यूक्रेन के २० हजार से भी अधिक लोगों ने पिछले डेढ़ सालों में यूक्रेन छोड़ दिया है। इस वजह से आगे के दिनों में यूक्रेन को रशिया विरोधी युद्ध में बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है।
पिछले साल फ़रवरी महीने में रशिया-यूक्रेन युद्ध छिड़ गया था। इसके बाद यूक्रेन के साथ पश्चिमी माध्यमों ने रशिया में शुरू सैन्य भरती की उल्टी-पुल्टी खबरें प्रसिद्ध की थी। रशियन सुरक्षा यंत्रणा युवकों को पकड़ पकड़ कर जनबर सेना में भरती कर रही हैं, ऐसी खबरें एवं वीडियो सामने आए थे। रशियन जनता युद्ध से तंग हुई है और राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन की हुकूमत का तख्तापलट ने की कोशिश होने के दावे भी किए गए थे। यूक्रेन ने पकड़े कुछ रशियन सैनिकों के वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए थे।
दूसरी ओर यूक्रेन की जनता बड़े उत्साह से सेना में भरती हो रही हैं, ऐसा कहा जा रहा था। कलाकार, खिलाडू, राजनीतिक नेता ऐसे सभी क्षेत्र के नागरिक सेना में भरती होने के लिए उत्सुक होने की बात दिखाई गई थी। सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्टस् को बड़ी प्रसिद्ध दी जा रही थी। यूक्रेन की पुरी जनता मातृभूमी की सुरक्षा के लिए जान दाव पर लगाने के लिए तैयार होने का ज़िक्र राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की अपने कार्यक्रमों में लगातार कर रहे थे। यूक्रेन पहुंचे पश्चिमी नेताओं ने भी यूक्रेनी जनता के शौर्य, साहस की प्रशंसा की थी।
लेकिन, वास्तव में यूक्रेन की जनता युद्ध के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसी जानकारी अब सामने आने लगी है। पश्चिमी माध्यमों ने जारी किए वृत्त के अनुसार पिछले डेढ़ सालों में यूक्रेन के लगभग २० हजार नागरिक युद्ध से बचने के लिए भागकर दूसरें देश पहुंचे हैं। इन नागरिकों ने रोमानिया, मोल्दोवा, हंगेरी और पोलैण्ड में आश्रय पाने की बात स्पष्ट हुई है। इसके लिए जाली मेडिकल सर्टिफिकेट और मानवीय तस्करी करने वाले गिरोहों की सहायता उन्होंने प्राप्त करने की बात कही जा रही है। यूक्रेन की सैन्य भरती की प्रक्रिया में हो रहा भ्रष्टाचार भी इसके लिए ज़िम्मेदार होने की कबुली यूक्रेन के नेताओं ने दी है।
रशिया विरोधी युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन ने कभी भी अपने हताहत हुए लोगों के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह ध्यान रखने का दावा यूक्रेन के नेता और सेना ने किया है। रशिया एवं पश्चिमी देशों ने किए दावों के अनुसार यूक्रेन ने अब तक एक लाख से भी अधिक सैनिक खोए हैं। यूक्रेन के रक्षाबलों में कुल आठ लाख सैनिक होने की बात कही जा रही है। इसे ध्यान में रखें तो यूक्रेन ने अब तक १० प्रतिशत से भी अधिक सैनिकों को खोया है। ऐसी स्थिति में यूक्रेन की सेना को नई फौज की ज़रूरत रहेगी। लेकिन, ऐसी स्थिति में यूक्रेनी नागरिक विदेश भाग रहे हैं और आगे यूक्रेन को बड़े संकट का मुकाबला करना पड़ेगा, ऐसी संभावना विश्लेषकों ने जताई है।
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