दोहा – अमेरिका और इस्रायल के गुप्तचर संस्था के प्रमुखों की कतर में हुई मुलाकात ने दुनियाभर के माध्यमों का ध्यान खींचा हैं। दोनों देशों ने इस चर्चा की कोई खास जानकारी साझा नहीं की है। लेकिन, इस्रायल और हमास का युद्धविराम बढ़ाने के उद्देश्य से ही सीआयए के प्रमुख विल्यम बर्न्स मोसाद के प्रमुख डेविड बार्निया से बातचीत कर रहे हैं, ऐसा दावा अमेरिकी माध्यमों ने किया है। साथ ही हमास ने अभी तक अपने कब्ज़े से अमेरिकी बंधकों को रिहा नहीं किया है, यह मुद्दा भी अमेरिकी समाचार चैनल उठा रहे हैं। इस वजह से अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए युद्ध विराम बढ़ाना ज़रूरी हैं और इसके लिए सीआयए के प्रमुख मोसाद के प्रमुख से चर्चा कर रहे हैं, ऐसा दावा इन समाचार चैनलों ने किया है।
सीआयए के प्रमुख बर्न्स और मोसाद के प्रमुख बार्निया सहित कतर के अधिकारी भी चर्चा करने में लगे होने की जानकारी साझा की जा रही है। युद्ध विराम बढ़ाने के साथ ही इस्रायल की गाजा पर शुरू कार्रवाई नियंत्रित करने का मुद्दा भी बर्न्स इस चर्चा में उठाएंगे, ऐसा यह चर्चा शुरू होने से पहले दी जा रही थी। गाजा के उत्तरी हिस्से में स्थित हमास के ठिकानों पर हमले कर रहे इस्रायल ने कुछ समय बाद गाजा के दक्षिणी हिस्से में हमले करना शुरू किया था। इस वजह से जान बचाने के लिए उत्तर से दक्षिण की ओर भाग रही गाजा की जनता की स्थिति खराब होने के दावे किए जा रहे हैं। इसका संज्ञान लेकर अमेरिका ने इस्रायल के सामने गाजा के दक्षिणी हिस्से पर हमले न करने की मांग रखी थी।
लेकिन, हमास के आतंकवादी गाजा की जनता के साथ उत्तर से दक्षिणी गाजा में प्रवेश कर रहे हैं और रफाह की सीमा पार करके वह इजिप्ट भाग जाने की तैयारी में होने का आरोप इस्रायल ने लगाया था। इन आतंकवादियों को लक्ष्य करने के लिए हमले आवश्यक है, ऐसा इस्रायल का कहना है। इस वजह से सीआयए के प्रमुख से हुई बैठक में इस्रायल की मोसाद के प्रमुख यह मुद्दा ड़टकर उठाएंगे, ऐसे संकेत प्राप्त हुए थे। साथ ही युद्ध विराम अनिश्चित समय के लिए बढ़ाना मुमकिन नहीं होगा। क्यों कि, इसका लाभ उठाकर हमास इस्रायल पर नए हमले कर सकेगी, इस वजह से कुछ भी हो हमास के आतंकवादियों के नए हमले करने ही होंगे, इसका अहसास मोसाद के प्रमुख इस बैठक में दिलाएंगे, ऐसी चर्चा हो रही है।
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण हमास के साथ युद्ध विराम करना पड़ेगा, ऐसी चिंता मोसाद के प्रमुख ने जताई थी। अगवा नागरिकों की रिहाई के लिए युद्ध विराम करना पड़ा तो भी इस्रायल की सुरक्षा की सोचे तो आगे के दिनों में यह युद्ध विराम ज्यादा देर तक नहीं कर सकेंगे, यही इस्रायली सरकार की भूमिका है। इस्रायली रक्षाबलों के अधिकारी युद्ध विराम खत्म करने का आवाहन प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू से कर रहे हैं। इसके साथ ही रक्षा मंत्री योव गैलंट भी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू से यह आवाहन कर रहे है कि, अंतरराष्ट्रीय दबाव की परवाह न करें। ऐसे में बर्न्स और बार्निया की कतर की राजधानी दोहा में शुरू बैठक को बड़ी अहमियत प्राप्त हुई है।
इस बैठक से पहले अगवा किए गए अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के मुद्दे पर हमास ने हमपर दबाव बनाया नहीं है, ऐसा ऐलान अमेरिका ने किया है। अलग शब्दों में हमास बातचीत के लिए तैयार हैं और युद्ध विराम बढ़ाने के लिए उत्सुक होने का संदेश अमेरिका दे रही है। वहीं, युद्ध विराम के राह में इस्रायल अड़ंगा बन रहा है, ऐसा संदेश अमेरिका देना चाहती है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन भी जल्द ही युद्ध विराम बढ़ाने के लिए इस्रायल का दौरा करेंगे, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस वजह से युद्ध विराम के मुद्दे पर अमेरिका और इस्रायल के बीच बने मतभेद अधिक तीव्रता से विश्व के सामने आते दिख रहे हैं।
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