न्यूयॉर्क – ‘रेड सी’ जैसे बड़े अहम समुद्री क्षेत्र में व्यापरिक जहाजों पर हो रहे हमलों के कारण आगे के समय में पूरे विश्व का व्यापार बाधित होगा। इससे महंगाई में नया उछाल दिखेगा, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने दी है। ऐसा होने पर पश्चिमी देश की जनता इस महंगाई की वजह से सबसे पहले बाधित होगी, ऐसा कुछ विश्लेषकों का कहना हैं। इस बीच, रेड सी में व्यापारी जहाजों की यातायात बंद होने के कारण सामान की यातायात के दरों में ५३ प्रतिशत उछाल हुआ है। वहीं, लंबी दूरी के लिए भारी सामान की यातायात करने वाले जहाजों की मांग बढ़ी हैं और पिछले हफ्ते तक ४० फीट के कंटेनर की यातायात के लिए जहां २,४०० डॉलर लगते थे वहीं अब १०,००० डॉलर देने पड़ रहे हैं।
एशिया-खाड़ी और यूरोपिय देशों को व्यापारी मार्ग से जोड़ने वाले क्षेत्र के तौर पर ‘रेड सी’ को देखा जाता है। एशिया-खाड़ी के देशों से ईंधन और व्यापारिक सामान की यातायात कर रहे जहाजों को इजिप्ट के ‘सूएझ नहर’ के रास्ते भूमध्य समुद्र तक पहुंचने से पहले ‘रेड सी’ से गुजरना पड़ता है। येमन, सौदी अरब, इजिप्ट और सूड़ान इन अर देशों के बीच मौजूद संकिरे समुद्री क्षेत्र से विश्व की १२ प्रतिशत व्यापारिक यातायात होती है। इस वजह से रेड सी की सुरक्षा और स्थिरता बड़ी अहमियत रखती है और विश्व के सभी प्रमुख देशों की नौसेना इस क्षेत्र में अपने हितसंबंधो की सुरक्षा करने के लिए तैनात हैं।
लेकिन, पिछले दो महीनों से येमन के हौथी आतंकवादियों ने इस समुद्री क्षेत्र से सफर कर रहे मालवाहक जहाज और ईंधन टैंकर पर हमले करना जारी रखने से तनाव बना हैं। अक्टूबर महीने से हौथी के आतंकवादियों ने इस समुद्री क्षेत्र में १०० हमले किए हैं और १० विदेशी जहाजों को लक्ष्य किया हैं। इनमें से एक जहाज का हौथी ने अपहरण भी किया हैं। पिछले महीने से यह जहाज येमन के बंदरगाह में खड़ा हैं। रेड सी एवं बाब अल-मन्देब की खाड़ी में विदेशी जहाजों पर हुए इन हमलों की वजह से एमएससीस, मर्स्क, हैपैग-लॉईड और ब्रिटिश ईंधन कंपनी ने अपनी यातायात रोक दी है। इसके बजाए इन कंपनियों ने अब अपने भारी जहाज दक्षिण अफ्रीका के मार्ग से रवाना किए हैं।
लेकिन, यह कोई विकल्प नहीं होगा, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कह रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के ‘केप ऑफ गुड होप’ होकर यूरोप पहुंचने के लिए १४ दिन का अतिरिक्त समय लगेगा। इससे मालवाहक जहाजों का खर्चा और इसके बीमे की कीमत भी बढ़ी है। इसका कुल असर वर्णित जहाज में रखे सामान की कीमत पर होगा और इससे जल्द ही महंगाई उछलेगी, ऐसी चेतावनी ‘नॉर्थ कैरोलिना स्टेट युनिवर्सिटी’ के ऑपरेशन अॅण्ड सप्लाई चेन विषय के प्राध्यापक रॉब हैंडफिल्ड ने दी।
रेड सी में जारी तनाव दो महीनें कायम हैं। करीबी दिनों में इसका हल निकलने की संभावना कम हुई हैं। इस वजह से मौजूदा स्थिती कायम रही तो ईंधन के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य सामान की कीमते बड़ी तेज़ बढ़ने की संभावना हैं। खाड़ी के देशों के साथ भारत और वियतनाम से हो रही आयात पर यूरोपिय काफी निर्भर हैं और इस वजह से आगे के दिनों में इन पश्चिमी देशों में महंगाई का उछाल होने की संभावना जेसन मिलर नामक अन्य विश्लेषक ने भी जताई है।
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