महासंघ ने दिखाई उदासीनता के बाद यूरोप में किसानों का आंदोलन उग्र हुआ

- जर्मनी, फ्रान्स, इटली, बेल्जियम और रोमानिया के किसानों ने हाइवे पर जाम लगाया

महासंघ ने दिखाई उदासीनता के बाद यूरोप में किसानों का आंदोलन उग्र हुआ

पैरिस/ब्रुसेल्स- यूरोपिय महासंघ की अनदेखी और उदासीनता के कारण यूरोप में किसानों का असंतोष काफी बढ़ा है और इनके आंदोलन अधिक उग्र हो रहा है। इस वर्ष के शुरू में यूरोप की शीर्ष अर्थव्यवस्था बने जर्मनी के किसानों ने सड़क पर उतरकर अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी। यह नाराज़गी अब अन्य देशों में फैलना शुरू हुआ है। फ्रान्स, इटली, बेल्जियम और रोमानिया में किसान सड़क पर उतरकर गुस्सा जताते दिखाई दिए हैं।

After federation showed indifference farmers movement became fierce in Europe.यूरोपिय महासंघ ने पिछले कुछ सालों में पर्यावरण, जैविक विविधता, मुक्त व्यापारी समझौता और सस्ती आयात को प्राथमिकता देते हुए कृषी क्षेत्र को अनदेखा किया है। पर्यावरण और जैव विविधता संबंधित क्षेत्र की नीति एवं नियम खेती के लिए नुकसान पहुंचाने वाले होने का दावा यूरोपिय किसान लगातार कर रहे हैं। साथ ही सुके और खत्म हो रहे जलस्रोत की वजह से खेती के हुए नुकसान का हर्ज़ाना देने के लिए ज्यादा आर्थिक प्रावधान भी नहीं किए।

After federation showed indifference farmers movement became fierce in Europe.यूरोपिय देशों में फसल को उचित दाम नहीं मिल रहा है और ऐसे में महासंघ ने यूक्रेन एवं अन्य देशों से कम कीमत पर अनाज़ आयात करने के लिए अनुमति प्रदान की है। इससे यूरोप के किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है और खेती से आय की प्राप्ति न होने से इनका असंतोष अधिक तीव्र हो रहा है। इसी बीच कुछ यूरोपिय देशों ने आर्थिक स्थिति संभालने के लिए खेती के लिए इस्तेमाल हो रहे ईंधन पर प्रदान हो रही सहुलियत रद्द करने का निर्णय किया है। इस वजह से किसानों का गुस्सा फुटा है और आंदोलन के अलावा अन्य विकल्प नहीं रहा, ऐसी प्रतिक्रिया फ्रान्स एवं बेल्जियम के प्रदर्शनकारी किसानों ने ने व्यक्त की है।

After federation showed indifference farmers movement became fierce in Europe.यूरोप की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक फ्रान्स यूरोपिय महासंघ का सबसे ज्यादा कृषि उत्पादक देश कहा जाता है। इस वजह से फ्रान्स के किसानों ने आंदोलन करने से यूरोप सहित पूरे विश्व का ध्यान खींचा है। पिछले हफ्ते से फ्रान्स के किसानों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में हाइवे पर जाम लगाकर जनजीवन बाधित किया था। अब इस हफ्ते फ्रान्स की राजधानी पैरिस को लक्ष्य करने का इशारा फ्रान्स के किसानों की संगठनों ने दिया है। किसानों के इस आंदोलन को फ्रान्स के प्रमुख विपक्ष ‘नैशनल रैली’ ने समर्थन दिया है।

फ्रान्स के किसानों की चेतावनी के बाद राजधानी पैरिस सहित करीबी इलाकों की सुरक्षा बढ़ाई गई है। राजधानी पैरिस की सुरक्षा के लिए कुल १५ हजार पुलिस तैनात किए गए हैं। इसके अलावा पैरिस की सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात होने की जानकारी फ्रेंच सरकार ने प्रदान की।

After federation showed indifference farmers movement became fierce in Europe.जर्मनी और फ्रान्स में शुरू यह आंदोलन अब इटली, बेल्जियम और रोमानिया जैसे देश में भी फैला है। अधिकांश देशों में किसान ट्रैक्टर लेकर सड़क पर उतरे हैं और हाइवे की यातायात बाधित कर दी गई है। आगे जून महीने में यूरोपिय संसद का चुनाव होगा। इसमें किसानों का मुद्दा उठने की संभावना है और यह मुद्दा फ्रान्स और जर्मनी सहित महासंघ के प्रमुख देशों के शासक गुटों के लिए मुश्किल बन सकता है, यह इशारा विश्लेषक दे रहे हैं।

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