अमेरिका और ब्रिटेन सहित १८ देशों ने किया ‘एआय’ तकनीक की सुरक्षा से संबंधित समझौता

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने की ‘एआय’ से संबंधित पश्चिमी देशों के एकाधिकार की आलोचना

अमेरिका और ब्रिटेन सहित १८ देशों ने किया ‘एआय’ तकनीक की सुरक्षा से संबंधित समझौता

लंदन/वॉशिंग्टन- आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स (एआय) तकनीक की सुरक्षा संबंधित मार्गदर्शक तत्व तय करने के अंतरराष्ट्रीय समझौते का ऐलान किया गया है। ब्रिटेन और अमेरिका की पहल से किए गए इस समझौते पर १८ देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। ‘एआय’ प्रौद्योगिकी की सुरक्षा से संबंधित किया गया यह पहला ही समझौता होने का दावा किया जा रहा है। यह समझौता होने से पहले ही रशिया में आयोजित एक परिषद के दौरान राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने ‘एआय’ से संबंधित पश्चिमी देशों के एकाधिकार की आलोचना की। रशिया स्वतंत्र ‘एआय’ प्रौद्योगिकी का विकास करेगी, यह दावा भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया।

Agreement between 18 countries including US UK on security of 'AI' technologyपिछले साल ‘ओपन एआय’ नामक कंपनी ने ‘चैट जीपीटी’ नाम से ‘जनरेटिव एआय मॉडेल’ पेश किया था। इस मॉडेल का बढ़ता इस्तेमाल और इससे प्राप्त होने वाले जवाबों की पृष्ठभूमि पर ‘एआय’ के खतरे एवं इसके नियंत्रण का मुद्दा चर्चा का विषय बना था। विश्व के प्रमुख देशों के साथ बहुराष्ट्रीय कंपनियां, शीर्ष उद्यमि, अभ्यास गुट और संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी एआय तकनीक को लेकर चिंता जताई थी। इस पृष्ठभूमि पर नवंबर महीने के शुरू में ब्रिटेन में पहले ‘एआय सेफ्टी समिट’ का आयोजन किया गया था।

ब्रिटेन की इस परिषद में ‘एआय’ तकनीक के खतरे और सुरक्षा से संबंधित पहला अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ के सहित २७ प्रमुख देश शामिल थे। इसी परिषद में ‘एआय’ प्रौद्योगिकी के बढ़ते खतरों पर गौर करके सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों को प्राथमिकता देने के संकेत दिए गए थे। इसके बाद ब्रिटेन और अमेरिकी यंत्रणाओं ने पहल करके प्रमुख कंपनियां और विशेषज्ञों से चर्चा करके मार्गदर्शक मुद्दे तय करने की जानकारी सामने आयी है।

Agreement between 18 countries including US UK on security of 'AI' technologyइस समझौते को ‘गाईडलाईन्स फॉर सिक्युअर एआय सिस्टिम डेवलेपमेंट’ नाम दिया गया है। इसमें ‘एआय’ प्रौद्योगिकी का विकास करते हुए इसके हर चरण में साइबर सुरक्षा का ध्यान रखने का प्रावधान है। ‘एआय’ प्रौद्योगिकी की यंत्रणा जड़ों से नई तैयार की गई है या अन्य लोगों ने साझा किए संसाधनों की सहायता इसका निर्माण किया है, इसकी जानकारी साझा करना बाध्य किया गया है। एआय प्रौद्योगिकी का विकास करते समय साबर सुरक्षा की शर्त भी रखी गई है और यह संबंधित प्रौद्योगिकी का हिस्सा होना ही चाहिये, यह समझौते में दर्ज़ है।

समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में ब्रिटेन, अमेरिका, इस्रायल, जापान, फ्रान्स, इटली, जर्मनी, कनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, पोलैण्ड, सिंगापूर, दक्षिण कोरिया, इस्टोनिया, झेक रिपब्लिक, न्यूझीलैण्ड, चिली और नाइजीरिया का समावेश है। ब्रिटेन में आयोजित ‘एआय सेफ्टी समिट’ में प्रस्ताव पारित करने के में २७ प्रमुख देश शामिल थे। लेकिन, समझौते पर हस्ताक्षर मात्र १८ देशों ने करना ध्यान खींच रहा है।

Agreement between 18 countries including US UK on security of 'AI' technologyइस समझौते से पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने ‘एआय’ प्रौद्योगिकी से संबंधित पश्चिमी देशों के एकाधिकार की आलोचना की। ‘रशिया एआय प्रौद्योगिकी का विकास करने के लिए स्वतंत्र राष्ट्रीय नीति तय करेगी। पश्चिमी देशों को प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार की गई एआय प्रौद्योगिकी खतरनाक है और रशिया इसका स्वीकार कभी भी नहीं करेगी। इसमें रशियन संस्कृति के साथ अन्य कई अहम मुद्दों को शामिल नहीं किया गया है’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कह।

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