वॉशिंग्टन/बीजिंग/ब्रुसेल्स – गाजा पट्टी के रफाह क्षेत्र में इस्रायल ने शुरू किए सैन्य अभियान की अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपिय महासंघ सहित चीन ने भी आलोचना की है। अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के बीच इस मुद्दे को लेकर मतभेद होने का दावा किया जा रहा है। इस्रायल यदि रफाह में कार्रवाई जारी रखता है तो बड़ा संकट उभरेगा, यह इशारा चीन ने दिया है। इस बीच इस्रायल को हो रही सैन्य सहायता रोकने का आवाहन भी यूरोपिय महासंघ ने किया है।
रफाह की सैन्य कार्रवाई को लेकर इस्रायल काफी गंभीर है। हमास पर जीत हासिल करने के लिए रफाह की कार्रवाई आवश्यक है, ऐसा इस्रायली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू का कहना है। इसके लिए इस्रायल के रक्षाबलों ने सेना का विशेष दल तैनात कि है। फिलहाल इस्रायल के लड़ाकू विमान रफाह में स्थित हमास के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं। लेकिन, अगले कुछ ही घंटे में इस्रायल रफाह में व्यापक सैन्य कार्रवाई शुरू करेगा।
ऐसे में इस्रायल रफाह में सैन्य कार्रवाई शुरू न करें, ऐसा अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन कह रहे हैं। रफाह की कार्रवाई के कारण पैलेस्टिनियों की मौत होगी और युद्ध विराम को कोशिश को नुकसान पहुंचेगा, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इसके विरोध अपशब्दों का प्रयोग करने की जानकारी सामने आ रही है। इसके बाद ब्रिटेन ने भी अमेरिका की भूमिका अपनाकर इस्रायल से रफाह की कार्रवाई रोकने का आवाहन किया है।
चीन के विदेश मंत्री ने इस मामले में इस्रायल को स्पष्ट शब्दों में धमकाया है। इस्रायली सेना ने रफाह में कार्रवाई करने के कारण इस क्षेत्र में मानवीय संकट उभर सकता है। इससे इस्रायल जितना मुमकिन हो, रफाह की कार्रवाई रोक दे, ऐसी फटकार चीन ने लगाई है। गाजा के पैलेस्टिनियों से ज्यादा हमास की फिक्र कर रहा चीन अब इस्रायल पर दबाव बढ़ाने की कोशिश में होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।
इस बीच, इजिप्ट और जॉर्डन ने भी इस्रायल को युद्ध विराम करने के लिए आवाहन किया है। रफाह की कार्रवाई की वजह से पैलेस्टिनी शरणार्थी इजिप्ट में दाखिल हुए तो शांति समझौता खत्म होगा, यह इशारा इजिप्ट ने पहले ही दिया है।
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