वॉशिंग्टन – अमरीकी रक्षाबल के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र प्रमुख प्राथमिकता का क्षेत्र है और चीन ही अमरीका के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इस ओर ध्यान आकर्षित करके अमरीकी रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने समुद्री क्षेत्र में जारी चीन की गतिविधियों को रोकने के लिए अमरीकी नौसेना ‘फ्यूचर फॉरवर्ड योजना’ पर अमल करेगी, यह ऐलान किया। इस योजना के अनुसार अमरीकी नौसेना के युद्धपोत और जहाज़ों की संख्या ३५५ तक बढ़ाई जाएगी और इसमें मानव रहित एवं स्वयंचलित युद्धपोत, पनडुब्बियां और प्रगत ड्रोन्स का समावेश होगा। फिलहाल अमरीकी नौसेना में युद्धपोत और जहाज़ों की संख्या २९३ है और संख्या की तुलना में यह चीनी नौसेना से पीछे है। चीन की नौसेना में ३५० युद्धपोत और जहाज़ होने की रपट अमरीकी रक्षा विभाग ने हाल ही में घोषित की थी।
बुधवार को कैलिफोर्निया में ‘रैंड़ कॉर्पोरेशन’ नामक अभ्यासगुट के कार्यक्रम के दौरान रक्षामंत्री एस्पर ने नौसेना की महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी साझा की। भविष्य में अमरीकी नौसेना अधिक प्रभावी और संतुलित होगी। समुद्र के ऊपर, समुद्र की गहराई से एवं हवा से आक्रामक हमले करने की क्षमता यह दल रखेगा। आनेवाले कुछ वर्षों में एवं दशकों में समुद्री क्षेत्र में युद्ध कैसे लड़ा जाएगा, इसकी दिशा इस योजना से प्राप्त होगी, यह कहकर अमरीकी रक्षामंत्री ने नई योजना ‘गेम चेंजर’ होने का दावा किया।
वर्ष २०२१ के रक्षा खर्च में नौसेना के लिए २०७ अरब डॉलर्स का प्रावधान किए जाने की उम्मीद है। रक्षामंत्री एस्पर के ‘फ्यूचर फॉरवर्ड प्लैन’ के अनुसार इसमें से अधिक से अधिक हिस्सा नई और प्रगत युद्धपोत एवं पनडुब्बियों के निर्माण के लिए दिया जाएगा। एस्पर ने अपनी योजना में नए विध्वंसक, ऐम्फिबियस शिप्स, अनमैन्ड शिप्स, ऑटोनॉमस वॉरशिप्स का समावेश होने के संकेत दिए हैं। अगले दिनों में नौसेना में अधिक से अधिक मानव रहित एवं स्वयंचलित युद्धपोत और यंत्रणा सक्रिय रहेगी, यह दावा भी उन्होंने किया। अमरीकी नौसेना के लिए ‘सी हंटर’ जैसे प्रगत ‘ड्रोन शिप’ विकसित किया जा रहा है और यह ड्रोन शिप दो महीनों से अधिक समय तक गश्त लगा सकती है, यह जानकारी रक्षामंत्री ने साझा की।
इससे पहले पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा के कार्यकाल में रक्षाखर्च में बड़ी कटौती की गई थी। उस समय के रक्षामंत्री रॉबर्ट गेट्स ने नौसेना के साथ अन्य रक्षाबलों के खर्च में लगभग १५० अरब डॉलर्स से अधिक कटौती करने के आदेश दिए थे। इसमें नौसेना के लिए आवश्यक कई बड़ी योजनाओं का समावेश था। वर्तमान में भी अमरीकी नौसेना संख्या के आधार पर चीन से पिछड़ने का यही कारण होने की बात कही जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर एस्पर ने रखी योजना ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित होती है।
अमरीकी नौसेना के लिए बनाई गई महत्वाकांक्षी योजना सागरी क्षेत्र में चीन पर वर्चस्व बनाए रखने के लिए अहम साबित होगी, यह वादा रक्षामंत्री एस्पर ने किया है। इसके लिए वर्ष २०४५ तक नौसेना के लिए अरबों डॉलर्स का अतिरिक्त प्रावधान किया जाएगा, यह बात भी उन्होंने कही। अमरीकी नौसेना के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जा रही है और इसके पीचे चीन के साथ इस क्षेत्र में जारी सत्ता की होड़ एक प्रमुख कारण होने की बात एस्पर ने स्पष्ट की।
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