अज़रबैजान की सेना ने ‘क्लस्टर बम्स’ का इस्तेमाल किया – आर्मेनिया का आरोप

अज़रबैजान की सेना ने ‘क्लस्टर बम्स’ का इस्तेमाल किया – आर्मेनिया का आरोप

येरेवान/बाकु – आर्मेनिया और अज़रबैजान में बीते नौ दिनों से जारी युद्ध प्रतिदिन अधिक तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इस युद्ध में अज़रबैजान ने प्रतिबंधित ‘क्लस्टर बम्स’ का इस्तेमाल किया है, यह आरोप आर्मेनिया कर रहा है। तभी आर्मेनिया हमारे नागरी इलाकों में मिसाइल और रॉकेट्स का हमला कर रहा है, यह दावा अज़रबैजान की सरकार ने किया है। इसी बीच, ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह अल खामेनी का प्रतिनिधित्व कर रहे ईरान के धर्मगुरू ने अज़रबैजान को अपना समर्थन घोषित करने से सनसनी मची है।

‘क्लस्टर बम्स’

रविवार से आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध के हमलों की मात्रा बढ़ने के दावे दोनों ओर से किए जा रहे हैं। युद्ध का कारण बने नागोर्नो-कैराबख में अज़रबैजान ने संयुक्त राष्ट्रसंघ ने प्रतिबंधित किए क्लस्टर बम्स का इस्तेमाल किया है, यह आरोप आर्मेनिया के रक्षा विभाग ने किया। अपने आरोपों के समर्थन में आर्मेनिया के रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कुछ फोटो भी जारी किए हैं। कैराबख के नागरी इलागों में क्लस्टर बम्स का इस्तेमाल होने की बात भी आर्मेनिया ने कही है। नागोर्नो-कैराबख का हिस्सा होनेवाले स्टेपनकेर्ट और शुशी नामक प्रमुख शहरों में बीते २४ घंटों में लगातार मिसाइल और रॉकेट हमले जारी होने की बात आर्मेनिया के प्रवक्ता ने साझा की। साथ ही इसके आगे के हमले आर्मेनिया की भूमि पर होंगे, यह धमकी भी अज़रबैजान के वरिष्ठ अधिकारियों ने देने की बात सामने आयी है।

‘क्लस्टर बम्स’

तभी, आर्मेनिया की सेना ने युद्धभूमि से दूर स्थित तीन नए शहरों को लक्ष्य किया है, यह दावा अज़रबैजान ने किया है। इससे पहले आर्मेनिया ने अज़रबैजान के दूसरे क्रमांक के गांजा शहर को लक्ष्य किया था। इस शहर में स्थित हवाई अड्डा ध्वस्त करने का दावा किया गया था। इसके बाद अब तार्तार, बर्दा और बेलगन शहरों पर आर्मेनिया ने मिसाइल हमले किए हैं, यह आरोप अज़रबैजान ने किया है। यह हमले नागरी इलाकों में हुए हैं और इस दौरान कई आम नागरिक मारे गए हैं, यह बात भी अज़रबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कही है। आर्मेनिया ने अपने विरोध में लगाए दावे ठुकराए हैं।

‘क्लस्टर बम्स’

इसी बीच, आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध में ईरान भी उतरने के संकेत प्राप्त हुए हैं। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह अली खामेनी का प्रतिनिधित्व कर रहे धर्मगुरू ने खुलेआम अज़रबैजान को समर्थन घोषित किया है। अज़रबैजान-ईरान की सीमा पर स्थित ईस्ट अज़रबैजान, वेस्ट अज़रबैजान, झनझन और अर्दबिल प्रांत के धर्मगुरू ने गानोर्गो-कैराबख पर कब्ज़ा करने के लिए अज़रबैजान ने किए हमले उचित होने का बयान किया है। यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्रसंघ के समझौते के अनुसार होने का दावा भी ईरानी धर्मगुरू ने किया है।

बीते सप्ताह में, ईरान ने आर्मेनिया को हथियारों की आपूर्ति करने के दावे सामने आए थे। लेकिन, ईरान ने यह दावे ठुकराए थे। इसके बाद ईरान की सीमा में कुछ मॉर्टर्स गिरने की जानकारी भी सामने आयी थी। उससे पहले तुर्की और पाकिस्तान ने आर्मेनिया-अज़रबैजान के युद्ध में खुलेआम अज़रबैजान को समर्थन घोषित किया था। अब अज़रबैजान को ईरान से भी सहायता प्राप्त होती होगी, ऐसी आशंका ईरानी धर्मगुरू के निवेदन से निर्माण हुई है। इसकी वजह से अगले दिनों में यह युद्ध और तीव्र होने की संभावना दिखाई देने लगी है।

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