वॉशिंग्टन – ईरान के नेता ने दी हुई धमकी की पृष्ठभूमि पर विमान वाहक युद्धपोत ‘यूएसएस निमित्ज़’ अपने बेड़े के अन्य युद्धपोतों के साथ पर्शियन खाड़ी में ही तैनात रहेगी, यह ऐलान अमरीका के अस्थायी रक्षामंत्री क्रिस्टोफर मिलर ने किया है। बीते डेढ़ महीने में अमरीका ने इस क्षेत्र में परमाणु हथियारों से सज्जित ‘बॉम्बर’ विमानों के साथ परमाणु पनडुब्बी की तैनाती की है। इसके बाद अब अमरीका ने पर्शियन खाड़ी में विमान वाहक युद्धपोत की तैनाती करके ईरान को पहले दिए इशारे सच्चाई में उतारने की तैयारी के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।
अमरिकी नौसेना का विशाल विमान वाहक युद्धपोत ‘यूएसएस निमित्ज़’ जुलाई से ओमान की खाड़ी में तैनात था। इसके बाद इस युद्धपोत ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के साथ युद्धाभ्यास भी किया था। इसके बाद पिछले सप्ताह में ही सोमालिया के दौरे पर पहुँचा इस विमान वाहक युद्धपोत को स्वदेश लौटने की सूचना भी अमरीका के अस्थायी रक्षामंत्री मिलर ने की थी। इस वजह से छह महीने बाद पहली बार अमरीका की ‘सेंट्रल कमांड’ खाड़ी क्षेत्र में किसी भी विमान वाहक युद्धपोत के बिना रहना पडता।
लेकिन, बीते दो दिनों से ईरान ने अमरीका और इसके मित्रदेशों को धमकी देने की तीव्रता बढ़ाई है। पिछले वर्ष अमरीका के ड्रोन हमले में हुई सुलेमानी की हत्या आतंकी हमला ही था, ऐसा आरोप ईरान ने किया है। इसके साथ ही इस आतंकी हमले में शामिल हुए हरएक को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे, यह बयान करके अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प भी इससे बच नहीं सकेंगे, यह धमकी ईरान ने दी थी। अमरीका की जनता ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से बदला लेगी, यह दावा ईरान के कुद्स फोर्सेस के प्रमुख ने किया था।
इसके साथ ही इस समुद्री क्षेत्र में जारी ईरान की लष्करी गतिविधियां भी तीव्र हुई हैं। ईरान की इन धमकियों की पृष्ठभूमि पर अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘यूएसएस निमित्ज़’ को पर्शियन खाड़ी में ही तैनात रहने के आदेश जारी किए हैं, यह जानकारी अस्थायी रक्षामंत्री मिलर ने प्रदान की है। खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा के मुद्दे पर अमरीका की वचनबद्धता को लेकर कोई भी आशंका ना रखे, इसी कारण “निमित्ज़’ की इस खाड़ी क्षेत्र में तैनाती आवश्यक है, यह बात अमरिकी रक्षामंत्री ने स्पष्ट की। अमरीका के इस विमान वाहक युद्धपोत के साथ ही ‘एम्फिबियस’ युद्धपोत और दो विध्वंसक भी पर्शियन खाड़ी में तैनात रहेंगी।
अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को लेकर अपनाई सख्त नीति बरकरार रखी है और ऐसे में अमरीका के भावी राष्ट्राध्यक्ष भी ईरान को राहत नहीं देंगे, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। भावी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने राष्ट्रीय सलाहकार के तौर पर जेक सुलिवैन का चयन किया है और उन्होंने अमरिकी समाचार चैनलों से बातचीत करते समय ईरान के मिसाईल निर्माण के कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है। बायडेन ने नया परमाणु समझौता करेंगे तब भी इससे ईरान के मिसाइल निर्माण का कार्यक्रम रोकने के मुद्दे पर चर्चा करने के एवं इस चर्चा में क्षेत्रीय देशों को भी शामिल करने के संकेत सुलिवैन ने अपने बयान से दिए है।
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