बीजिंग – ‘ अपने विध्वंसक हेतु हासिल करने के लिए अमरीका शीतयुद्ध के दौर जैसे लष्करी-राजनीतिक मोरचे नए से बना रही होकर, संयुक्त राष्ट्र संघ पर आधारित जागतिक व्यवस्था नष्ट करने जा रही है। ऐसे समय, कानून पर आधारित आधुनिक व्यवस्था बरकरार रखने के लिए रशिया और चीन की एकजुट अत्यावश्यक साबित होगी, ऐसा रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने कहा है। लॅव्हरोव्ह फिलहाल चीन के दौरे पर हैं। अमरीका के चीन के साथ संबंध बिगड़ रहे हैं; ऐसे में उनके इस चीन दौरे को बहुत बड़ा सामरिक महत्व प्राप्त हुआ है।
रशिया अमरीका का दुश्मन है और चीन अमरीका का प्रतिस्पर्धी है, ऐसी घोषणा बायडेन प्रशासन ने की थी । राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने तो रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन का उल्लेख ‘खूनी’ कहकर किया था। इस पर रशिया से जहाल प्रतिक्रियाएँ आ रहीं हैं। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के कड़े विरोधक होनेवाले नॅव्हॅल्नी की हुई गिरफ्तारी के मुद्दे पर अमरीका ने रशिया पर प्रतिबंध लगाए हैं। उसी समय, रशिया और जर्मनी के बीच के इंधनवाहिनी प्रोजेक्ट पर भी प्रतिबंध लगाने की धमकी बायडेन प्रशासन ने दी है। बायडेन प्रशासन के समर्थन पर, युक्रेन ने रशिया के विरोध में आक्रामक गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। युरोप में नाटो को सक्रिय बनाकर बायडेन प्रशासन फिर एक बार रशिया की घेराबंदी करने की तैयारी कर रहा है, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति में चीन के दौरे पर होने वाले रशिया के विदेश मंत्री ने अमरीका के हेतु विध्वंसक होने का दोषारोपण किया।
अमरीका शीतयुद्ध के दौर के लष्करी और राजनीतिक मोरचें नए सिरे से बना रही होकर, इसके द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ प्रणित अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था को नष्ट करने की तैयारी में है। अपने विध्वंसक हेतुओं को अंजाम देने के लिए अमरीका, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा होनेवाले अपने डॉलर का, हथियार जैसा इस्तेमाल कर रही है, इसपर रशिया के विदेश मंत्री ने गौर फरमाया। इसी कारण, अमरिकी डॉलर के लिए विकल्प के रूप में, रशिया और चीन अपनी मुद्राओं में व्यवहार करें और अन्य जागतिक मुद्राओं का इस्तेमाल करें, ऐसा आवाहन विदेश मंत्री लॅव्हरोव्ह ने चीन को किया है। साथ ही, पश्चिमियों की ‘पेमेंट सिस्टीम्स’ का इस्तेमाल बंद करके, रशिया और चीन अन्य विकल्पों को अपनाएँ, ऐसी माँग रशिया के विदेश मंत्री ने की है।
पश्चिमी देश उन्हें चाहिए वैसी व्यवस्था अन्य देशों पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा बताकर रशिया और चीन के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त निवेदन में उसका विरोध किया। साथ ही, अमरीका द्वारा थोपे जानेवाले एकतरफ़ा प्रतिबंधों के विरोध में एकजुट करने का निर्धार रशिया के विदेश मंत्री लॅव्हरोव्ह और चीन के विदेश मंत्री वँग ई ने व्यक्त किया है। इन दिनों रशिया के युरोपीय महासंघ के साथ के संबंध ठप्प हुए हैं। वहीं, चीन के साथ रशिया के संबंध तेजी से विकसित हो रहे हैं, इस पर विदेश मंत्री लॅव्हरोव्ह ने गौर फरमाया है।
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