तेहरान – रविवार को ईरान के नातांझ न्यूक्लियर प्लांट में हुए ब्लैकआउट के लिए इस्रायल ही जिम्मेदार है। इस्रायल का यह हमला यानी परमाणु आतंकवाद होकर, ईरान इसका बदला यकीनन ही लेगा, ऐसी चेतावनी ईरान के विदेश मंत्री झरिफ ने दी। इसी बीच, इस हमले के कारण नातांझ न्यूक्लियर प्लांट का परमाणु कार्यक्रम नौं महीने से पिछड़ गया होने का दावा अमरीका के एक अखबार ने किया है। लेकिन इससे परमाणु कार्यक्रम का बहुत बड़ा नुकसान ना हुआ होकर, जल्द ही यहाँ अतिप्रगत सेंट्रीफ्यूजेस बिठाये जायेंगे, ऐसा ऐलान ईरान ने किया है।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए युरेनियम संवर्धन और प्रगट सेंट्रीफ्यूजेस पर प्रक्रिया करने की सुविधा होनेवाले नातांझ इस न्यूक्लियर प्लांट की बिजली सप्लाई रविवार सुबह को खंडित हुई थी। ईरान के परमाणु ऊर्जा आयोग ने इसे एक अपघात बताकर, इस्रायल को दोषी ठहराना टाला था। लेकिन सोमवार की सुबह को ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरिफ ने सरकारी न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत करते हुए, नातांझ न्यूक्लियर प्लांट को परमाणु आतंकवाद का लक्ष्य किया होने का दोषारोपण किया।
‘व्हिएन्ना की चर्चा के बाद ईरान प्रतिबंधमुक्त होनेवाला है। ठीक यही बात इस्रायल नहीं चाहता। ईरान को प्रतिबंधमुक्त नहीं होने देंगे, ऐसी घोषणा इस्रायल के नेताओं ने इससे पहले की थी। इसी कारण ईरान को उकसाने के लिए इस्रायल ने नातांझ पर हमला किया। लेकिन ईरान इस्रायल के इस हमले का बदला लेगा’, ऐसी धमकी विदेश मंत्री झरिफ ने दी। ईरान को प्रतिबंधों में उलझाकर रखने के लिए इस्रायल ने कीं कोशिशें नाकाम साबित हुईं होने की आलोचना ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबझादेह ने की।
नातांझ पर हुए इस हमले के संदर्भ में एक संदिग्ध की पहचान हुई है। अभी इस संदिग्ध को गिरफ्तार ना किया होकर, ईरान के स्पेशल फोर्सेस इसके लिए कोशिश कर रहे हैं, ऐसा दावा ईरान की सरकार से जुड़ी वेबसाइट ने किया। नातांझ न्यूक्लियर प्लांट पर हुए हमले के लिए इस्रायल की मुख्य गुप्तचर यंत्रणा ‘मोसाद’ जिम्मेदार होने का आरोप इस्रायली मीडिया ने पश्चिमी गुप्तचर सूत्रों के हवाले से किया।
इस्रायल की सरकार ने इन गतिविधियों पर प्रतिक्रिया देना टाला है। लेकिन शत्रु देशों को अब इस्रायल के सामर्थ्य का एहसास हो रहा होगा, ऐसा सूचक बयान इस्रायल के रक्षाबलप्रमुख अविव कोशावी ने किया।
रविवार के हमले के कारण ईरान के न्यूक्लियर प्लांट की युरेनियम संवर्धन की क्षमता नौं महीने से पिछड़ गई है। इसका सीधा परिणाम ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर होनेवाला होने के कारण वह भी नौं महीने पिछड़ा है, ऐसा दावा अमरीका के ‘द न्यूयॉर्क टाईम्स’ इस अखबार ने किया। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को झटके देने के लिए ही यह हमला हुआ था , ऐसा इस अखबार ने कहा है। लेकिन ईरान ने ये दावे ठुकराए हैं। साथ ही, न्यूक्लियर प्लांट के पुराने सेंट्रीफ्यूजेस निकालकर उनके स्थान पर प्रगत सेंट्रीफ्यूजेस बिठाए जायेंगे, ऐसा ईरान के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया।
बता दें, इससे पहले सन २०१० में इसी न्यूक्लियर प्लांट पर हुए स्टक्सनेट वायरस के साइबर हमले में, ईरान के न्यूक्लियर प्लांट के हज़ार से भी अधिक सेंट्रीफ्यूजेस नष्ट हुए थे। इस कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम पिछड़ गया था। इस्रायल और अमरीका ने मिलकर स्टक्सनेट का साइबर हमला करवाया होने का आरोप ईरान ने किया था। इस समय अमरीका का बायडेन प्रशासन ईरान के साथ बातचीत कर रहा होकर, जल्द ही इन कोशिशों को सफलता मिलेगी, ऐसे संकेत बायडेन प्रशासन द्वारा लगातार दिए जा रहे हैं।
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