तालिबान के भीषण हमलों में अफ़गान सेना के १५० सैनिक मारे गए

तालिबान के भीषण हमलों में अफ़गान सेना के १५० सैनिक मारे गए

काबुल – तालिबान के आतंकियों ने बीते २४ घंटों के दौरान अफ़गानिस्तान में किए हमलों में कम से कम १५० अफ़गान सैनिक मारे गए हैं। अफ़गान सरकार के वरिष्ठ अफसर ने यह जानकारी प्रदान की। इसके अलावा तालिबान ने और दो जिलों पर कब्ज़ा करके अपनी पकड़ मज़बूत करने की खबरें हैं। इसी बीच अफ़गान सेना की कार्रवाई में १२६ तालिबानी आतंकियों के मारे जाने का ऐलान अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने किया है।

सैनिक मारे गए

अफ़गानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़ने की जानकारी सामने आ रही है। तालिबान के आतंकी अफ़गान रक्षा बल के सैनिकों को लक्ष्य कर रहे हैं। फिलहाल अफ़गानिस्तान के ३४ में से २६ प्रांतों में अफ़गान सेना और तालिबान के बीच संघर्ष जारी है। १३३ जिलों पर अफ़गान सरकार और ७५ जिलों पर तालिबान का पूरा नियंत्रण है। इसके अलावा १८९ जिलों के लिए सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है।

इस संघर्ष में अफ़गान रक्षाबलों को काफी अधिक जीवित नुकसान उठाना पड़ने के दावे किए जा रहे थे। लेकिन, इसका ब्यौरा सामने नहीं आया था। लेकिन, सोमवार के दिन अफ़गान सरकार के अधिकारी ने नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर बड़ी जानकारी सार्वजनिक की। बीते चौबीस घंटों के दौरान हुए संघर्ष में कम से कम १५० अफ़गान सैनिक मारे गए हैं। कौनसे प्रांत या जिले में हुई कार्रवाई में अफ़गान सेना को इतनी बड़ी तादात में जान का नुकसान भुगतना पड़ा यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है।

सैनिक मारे गए

इसके अलावा तालिबान ने बीते चौबीस घंटों के दौरान दो जिलों पर कब्ज़ा किया। रविवार के दिन फरयाब प्रांत के कैसर और सोमवार की सुबह होने से पहले घोर प्रांत के शाहराक जिले को तालिबान ने अपने नियंत्रण में लिया। फिलहाल अफ़गानिस्तान के १९ प्रतिशत क्षेत्र पर तलिबान की हुकूमत होने का दावा किया जा रहा है और ४७ प्रतिशत हिस्से पर अफ़गान सरकार का नियंत्रणा है। अमरीका और नाटो सेना की अफ़गानिस्तान से वापसी शुरू होने के साथ ही तालिबान के हमलों में बढ़ोतरी हुई है।

इसी बीच, तालिबान के विरोध में हमें काफी बड़ी कामयाबी हासिल हो रही है, यह दावा अफ़गान सेना कर रही है। बीते चौबीस घंटों के दौरान १५ प्रांत में जारी कार्रवाई में तालिबान के १२६ आतंकी ढ़ेर और ७९ घायल होने की जानकारी अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने साझा की। नांगरहार, खोस्त, मैदान वरदाक, लोगार, पाकतियाक, गज़नी, उरूज़गन, बदघीस, फरयाब, बघलान, कुन्दूज़ और हेल्मंड़ प्रांत में इस कार्रवाई को अंजाम दिया होने की बात रक्षा मंत्रालय ने कही है।

इसी बीच अफ़गानिस्तान में जारी संघर्ष तीव्र हो रहा है और तभी तालिबान ने सोमवार के दिन एक पत्रक जारी किया। ‘बीते २० वर्षों से जारी अफ़गानिस्तान के संघर्ष में अमरीका और नाटो की सेना के लिए दुभाषिया, हमाल एवं जासूस के तौर पर सहायता प्रदान करनेवाले अफ़गान नागरिकों को इजा नहीं पहुँचाएँगे। इन अफ़गान नागरिकों को देश छोड़कर जाने की आवश्‍यकता नहीं है। सिर्फ उन्हें अपने पुराने कर्म के लिए तालिबान के सामने पछतावा व्यक्त करना होगा’, यह ऐलान तालिबान ने किया है। तालिबान का यह ऐलान यानी अफ़गान नागरिकों के लिए इशारा होने का दावा किया जा रहा है। अफ़गानिस्तान ने फिरसे तालिबान की जुल्मी हुकूमत स्थापित होगी, यही बात इस धमकी से स्पष्ट हो रही है, ऐसा कहा जा रहा है।

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