अफ़गानिस्तान में शांति स्थापित करने का यह आखिरी अवसर

अफ़गानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला

आखिरी अवसर

काबुल/दोहा – ‘अफ़गानिस्तान में राजनीतिक बातचीत और शाश्‍वत शांति स्थापित करने के लिए यह आखिरी अवसर है। यह अवसर जाया ना करें’, ऐसा निवेदन अफ़गानिस्तान के दूसरे क्रमांक के नेता डॉ.अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने किया। कतार में तालिबान के साथ हुई बैठक से कुछ भी हासिल नहीं हुआ है और इसके बाद अब्दुल्ला ने यह बयान किया है। इसी बीच, इस नाकाम बैठक के बाद अफ़गानिस्तान के धार्मिक नेताओं ने तालिबान से युद्धविराम का निवेदन किया है।

तालिबान के प्रमुख मुल्ला अखुंदज़दा ने अफ़गानिस्तान का संघर्ष खत्म करने के लिए बातचीत के माध्यम से राजनीतिक हल निकालने का ऐलान रविवार के दिन किया था। लेकिन, इसके साथ ही उसने अफ़गानिस्तान की गनी सरकार को फटकार भी लगाई थी। इस वजह से तालिबान अफ़गान सरकार के साथ मेल करने के लिए तैयार ना होने की बात स्पष्ट हुई थी। कतार की राजधानी दोहा में रविवार के दिन खत्म हुई बैठक भी अफ़गान सरकार और तालिबान के बीच किसी भी तरह का पुख्ता हल निकाले बगैर खत्म हुई।

आखिरी अवसर

इस बैठक के बाद अफ़गान सरकार और तालिबान ने जारी किए हुए संयुक्त निवेदन में फिर से चर्चा करने का ऐलान किया है। साथ ही आगे की बातचीत अधिक गतिमान करने की बात भी इस निवेदन के ज़रिये स्पष्ट की गई है। लेकिन, अफ़गानिस्तान में युद्धविराम लागू करने का ऐलान तालिबान ने नहीं किया है, ना ही ऐसे संकेत दिए हैं। कतार के प्रमुख समाचार चैनल ने यह जानकारी प्रसिद्ध की है। अफ़गानी माध्यमों ने भी कतार की बैठक असफल होने की बात कही है।

इसके बाद राजधानी काबुल में धार्मिक नेताओं ने तालिबान से निवेदन किया। अगले कुछ दिनों के लिए तालिबान पूरे अफ़गानिस्तान में युद्धविराम का ऐलान करे, यह माँग इन नेताओं ने की है। तकरीबन १५ विदेशी राजनीतिक दूतावासों के अधिकारियों ने भी यह माँग उठाई है। लेकिन, तालिबान ने अभी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। इस वजह से तालिबान युद्धविराम के लिए तैयार ना होने का दावा किया जा रहा है।

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