‘एवरग्रैन्ड’ का संकट यानी चीन का सूझबूझ से रचा गया खेल

भारतीय विश्‍लेषिका का दावा

बीजिंग/वॉशिंग्टन – चीन के रिअल इस्टेट क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ‘एवरगैन्ड’ का संकट यह चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने सूझबूझ से रचा गया खेल है, ऐसा दावा भारतीय विश्‍लेषिका देविना मेहरा ने किया है। ‘एवरगैन्ड’ का संकट नियंत्रित विस्फोट की तरह है और चीन जैसी सरकार द्वारा नियंत्रित अर्थव्यवस्था में यह बात मुमकिन होने का इशारा मेहरा ने दिया है। इस संकट का सबसे बड़ा झटका बैंकिंग क्षेत्र को लगेगा, यह इशारा भी उन्होंने दिया। इसी बीच ‘एवरग्रैन्ड’ की गिरावट और इसके असर सामने आ रहे हैं और इसी बीच चीन की सेंट्रल बैंक ने अर्थव्यवस्था में १८ अरब डॉलर्स से अधिक नगद उपलब्ध कराने की बात सामने आयी है।

‘एव्हरग्रॅन्ड’चे संकट, ‘एवरग्रैन्ड’ का संकट

बीते वर्ष से चीन की संपत्ति और निर्माण क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ‘एवरग्रैन्ड’ के शेअर्स के मूल्य की ८० प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है। इस कंपनी पर ३०५ अरब डॉलर्स के कर्ज़ का भार है और इसका भुगतान करने के लिए कंपनी सक्षम ना होने के दावे किए जा रहे हैं। गुरूवार के दिन कंपनी को ८.३ करोड़ डॉलर्स का बकाया चुकाना है। कंपनी ने यह बकाया नहीं चुकाया तो इससे वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को झटके लगेंगे, यह ड़र व्यक्त किया जा रहा है। बकाया चुकाया नहीं गया तो कंपनी दिवालिया हो सकती है। अमरीका की ‘द स्ट्रीट’ नामक वेबसाईट ने ‘एवरग्रैन्ड’ का संकट चीन के लिए ‘लेहमन मुमेन्ट’ साबित हो सकती है, यह इशारा भी दिया है।

इस पृष्ठभूमि पर ‘फर्स्ट ग्लोबल’ नामक वित्तसंस्था की विश्‍लेषिका देविना मेहरा ने यह दावा किया है कि, ‘एवरग्रैन्ड’ का संकट चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने जानबूझकर निर्माण किया होगा। अर्थव्यवस्था की बड़ी समस्या या संकट को रोकने के लिए चीन की हुकूमत ‘एवग्रैन्ड’ को दिवालिया होने के लिए मज़बूर करेगी, ऐसा मेहरा ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा। ‘एवरग्रैन्ड’ के बाद चीन अन्य कुछ बड़ी कंपनियों को असफल साबित होने के लिए मज़बूर कर सकता है, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। ‘एवरग्रैन्ड’ के संकट की तुलना उन्होंने नियंत्रित विस्फोट से की है। चीन की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से सत्ताधारी हुकूमत की पकड़ में है और इस तरह की अर्थव्यवस्था में यह हो सकता है, यह इशारा भी उन्होंने दिया।

बीते हफ्ते में ‘एवरग्रैन्ड’ की गिरावट हो रही थी और इसी दौरान कई विदेशी विश्‍लेषकों ने चीन की हुकूमत कंपनी को धराशायी करेगी, यह दावे किए थे। मेहरा का बयान भी इसी का समर्थन करता है। लेकिन, अमरीका और यूरोप के वित्तीय बाज़ार एवं निवेशकों में ड़र का माहौल अभी भी कायम है। अमरीका एवं यूरोप के विश्‍लेषकों ने यह ड़र व्यक्त किया है कि, ‘एवरग्रैन्ड’ का संकट अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को झटका दे सकता है। ‘एवरग्रैन्ड’ दिवालिया हुई तो ‘बान्ड मार्केट’ में अराजकता जैसी स्थिति निर्माण होगी, यह इशारा ब्रिटीश विश्‍लेषकों ने दिया है। लंदन के आर्थिक क्षेत्र में चीन में हुए निवेश और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर ‘पैनिक’ स्थिति निर्माण होने का दावा भी किया गया है।

अमरीका के ‘फॉक्स न्यूज’ नामक समाचार चैनल पर विश्‍लेषक लैरी कुडलो ने यह बयान किया कि, ‘एवरग्रैन्ड’ का यह संकट चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने निजी क्षेत्र के खिलाफ चलाई गई मुहिम का हिस्सा हो सकता है। इसी दौरान अमरिकी निवेशक एवं विश्‍लेषक जिम चैनोस ने यह इशारा दिया है कि, ‘एवरग्रैन्ड’ का संकट अमरीका के ‘लेहमन ब्रदर्स’ से भी अधिक बड़ा झटका दे सकता है।

English    मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info