सीधे फौजी हस्तक्षेप करके अमरीका यूक्रैन में तीसरा विश्‍वयुद्ध नहीं छेडेगी

- लेकिन नाटो की भूमि की रक्षा करने का अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का वादा

वॉशिंग्टन/किव – रशिया की सेना यूक्रैन की राजधानी किव पर कब्ज़ा करने के लिए जोरदार हमले कर रही है| यूक्रैन की सेना इन हमलों को रोकने की कोशिश कर रही है| लेकिन, इनका यह विरोध अभी और कितने समय तक जारी रहेगा, यह सवाल यूक्रैन का पक्ष उठाने अंतरराष्ट्रीय माध्यम भी करने लगे हैं| ऐसी स्थिति में रशिया के पड़ोसी देशों में अमरीका के तकरीबन १२ हज़ार सैनिक तैनात होने का ऐलान राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने किया| लेकिन, यूक्रैन में सेना उतारकर अमरीका ‘तीसरा विश्‍वयुद्ध’ शुरू नहीं करेगी, यह ऐलान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया|

तीसरा विश्‍वयुद्ध

राजधानी किव से रशिया की सेना मात्र २५ किलोमीटर की दूरी पर है| यहां पर यूक्रैन के सैनिक रशिया को रोकने के लिए जोरदार जंग लड़ रहे हैं| यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की ने इसकी जानकारी देकर अपनी सेना की वीरता की सराहना की| यूक्रैन की सेना रशिया के हमले का और कितने समय तक प्रतिकार कर सकेगी, यह सवाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूछा जा रहा है| किव पर कब्ज़ा करने के लिए रशिया ने एक ही समय पर कई मोर्चों से हमले किए हैं| साथ ही यूक्रैन के अन्य हिस्सों पर भी रशिया के जोरदार हवाई हमले जारी हैं|

रशियन लड़ाकू विमान यूक्रैन के उद्योग क्षेत्र एवं बुनियादी सुविधाओं को लक्ष्य कर रहे हैं| यूक्रैन की सेना और सेना से जुड़े सशस्त्र गुटों पर भी रशियन सेना ने हमले तेज़ किए हैं| रशिया के खिलाफ अन्य ताकतवर देशों ने सीधे फौजी हस्तक्षेप नहीं किया तो यूक्रैन का प्रतिकार जल्द ही खत्म होगा, ऐसे दावे माध्यम कर रहे हैं| इसी कारण यूक्रैन से लाखों लोग अन्य देशों में भाग रहे हैं| ऐसी खराब स्थिति में भी अमरीका अपनी फौज यूक्रैन में उतारने के लिए तैयार नहीं है| यूक्रैन के पड़ोसी देशों में अमरीका ने तकरीबन १२ हज़ार अपने सैनिक तैनात किए हैं| इनमें लाटविया, इस्तोनिया, लिथुआनिया, रोमानिया का समावेश है, इसकी याद बायडेन ने करायी|

तीसरा विश्‍वयुद्ध

लेकिन, यूक्रैन में युद्ध में यदि अमरीका उतरती है तो तीसरा विश्‍वयुद्ध छिड़ेगा, अमरीका को यूक्रैन के युद्ध में उतरकर तीसरा विश्‍वयुद्ध शुरू नहीं करना है, यह ऐलान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया| लेकिन, यूक्रैन को अमरीका की पूरी सहायता प्राप्त होगी, यह भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने कहा| साथ ही नाटो के सदस्य देशों पर हमला हुआ तो फिर अमरीका नाटो सदस्य देशों की हर इंच भूमि की रक्षा करेगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने कहा है|

यूक्रैन के युद्ध में उतरेंगे नहीं, लेकिन यूक्रैन की सहायता करेंगे और नाटो देशों की भूमि की रक्षा करेंगे, यह राष्ट्राध्यक्ष बायडेन का संदेश अमरीका की भूमिका की अस्पष्टता दिखानेवला हैं या यह रशिया के खिलाफ रणनीति हैं, यह अभी भी स्पष्ट नहीं हुआ हैं| यूक्रैन को पर्याप्त मात्रा में अमरीका सहायता कर नहीं रही हैं, ऐसी आलोचना अमरीका में ही हो रही हैं| लेकिन, सीधे युद्ध करने के असर से बचकर अप्रत्यक्ष युद्ध करना लाभदायी होगा, यह संदेश बायडेन दे रहे हैं| साथ ही यूक्रैन के पड़ोसी देशों में सैनिक तैयार रखकर एवं उसके ज़रिये यूक्रैन की सहायता करके अमरीका अब रशिया को इन देशों पर सैन्य कार्रवाई करने के लिए मज़बूर करती दिख रही है| यूक्रैन के पड़ोसी नाटो सदस्य देशों को रशिया ने लक्ष्य किया तो युद्ध छेड़ना अमरीका को आसानी से मुमकिन होगा| ऐसी स्थिति का ठिकरा रशिया पर फोड़ना अमरीका के लिए आसान हो सकता है|

इस रणनीति की जानकारी रशिया को है और यूक्रैन के पड़ोसी देश अमरीका की इस साज़िश में शामिल ना हो, यह इशारा रशिया लगातार दे रही है| इसका कुछ देशों ने गंभीर संज्ञान लिया है और अमरीका की सूचना के अनुसार यूक्रैन को सीधी सहायता प्रदान करने से इन्कार किया है|

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