ब्रुसेल्स/किव्ह – रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने गुरुवार को सुरक्षा समिती की बैठक में युक्रेन के साथ शांति स्थापित करने के मुद्दों पर चर्चा की। रशियन राष्ट्राध्यक्ष अपनी माँगों पर अडिग होकर, शांति चर्चा के बारे में आशावादी होने का दावा रशियन माध्यम कर रहे हैं। वहीं, आनेवाले समय में तुर्की की मध्यस्थता से युक्रेन के साथ शांति चर्चा जारी रखने के लिए रशिया उत्सुक है, ऐसा तुर्की के विदेश मंत्री मेवलूत कावुसोग्लू ने कहा है। लेकिन युक्रेन का यह युद्ध जल्द खत्म होनेवाला ना होकर, अगले कुछ महीनों या सालों तक यह युद्ध जारी ही रहेगा, ऐसी चेतावनी नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने दी। साथ ही, नाटो के सदस्य देश इस दीर्घकालीन युद्ध के लिए तैयार रहें, ऐसा संदेश स्टोल्टनबर्ग ने दिया है।
आनेवाले कुछ घंटों में संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में रशिया की स्थाई सदस्यता ख़ारिज करने के मुद्दे पर चर्चा होने वाली है। साथ ही, अमरीका और युरोपीय देश रशिया पर अधिक से अधिक सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, बुधवार को नाटो ने ब्रुसेल्स में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक के लिए युक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा भी उपस्थित थे। इस उपलक्ष्य में युक्रेन के विदेश मंत्री ने नाटो के पास बड़ी संख्या से शस्त्र सहायता प्रदान करने की मांग की।
नाटो के सदस्य देश अपने मतभेदों को बाजू में रखकर यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करें कामा ऐसा आवाहन कुलेबा ने किया। यूक्रेन को नाटो से हवाई सुरक्षा यंत्रणा, टैंक्स, तोपे और लड़ाकू विमानों की सख्त जरूरत है। इसके बाद नाटो के प्रमुख स्टोल्टनबर्ग ने भी यूक्रेन के युद्ध के बारे में वास्तव वादी रहने की आवश्यकता होकर यह युद्ध प्रदीर्घ समय तक चलेगा, ऐसी चेतावनी दी।
रशिया युक्रेन का युद्ध ख़त्म करना नहीं चाहता, बल्कि वह पूरे युक्रेन पर कब्ज़ा करना चाहता है, ऐसा दावा स्टोल्टनबर्ग ने किया। साथ ही, नाटो के सदस्य देश युक्रेन को शस्त्र सहायता करें, ऐसा आवान भी उन्होंने किया। साथ ही, रशिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए और नाटो की सुरक्षा यंत्रणा मज़बूत करने के लिए सदस्य देशों की सहायता अपेक्षित है, ऐसा स्टोल्टनबर्ग ने कहा।
इसी बीच, हालाँकि अमरीका और नाटो आवाहन कर रहे हैं, फिर भी युक्रेन विरोधी युद्ध में नाटो में ही मतभेद होने की बात इससे पहले सामने आई है।
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