यूक्रेन युद्ध यानी रशिया-नाटो संघर्ष का ‘रिहर्सल’

- रशियन विश्लेषकों का दावा

मास्को – ‘रशिया का यूक्रैन में जारी सैन्य अभियान भविष्य के बड़े युद्ध की ‘रिहर्सल’ है। रशिया नाटो के हथियारों के विरोध में अपने शस्त्रों की क्षमता परख रही है। रशियन हथियार नाटो की तुलना में कितने प्रभावी हैं, इसे परखा जा रहा है। यह युद्ध भविष्य के युद्ध के लिए रशियान सेना के लिए अच्छा अभ्यास है’, यह दावा रशियन विश्लेषक एलेक्सी फेनेन्को ने किया। तो, रशिया के पूर्व सेना अधिकारी मिखाईल खोदारिनोक ने चेतावनी दी है कि, रशिया ने अभी अपनी १० प्रतिशत रक्षा क्षमता का भी इस्तेमाल नहीं किया है।

‘रिहर्सल'

रशिया ने पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन में हमलों की तीव्रता काफी बढ़ाई है। डोन्बास क्षेत्र के साथ दक्षिण एवं मध्य यूक्रेन में लगातार मिसाइल और रॉकेटस्‌‍ के हमले शुरू किए हैं। डोन्बास में रशिया ने बड़ा क्षेत्र कब्ज़े में करने की सफलता हासिल की है। तो, किव एवं खार्किव शहरों से रशिया को पीछे हटना पड़ा। रशिया की इस वापसी के पीछे नाटो देशों ने यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार प्रदान करने की प्रमुख वजह रही। नाटो के सदस्य देश अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रान्स, तुर्की, पोलैण्ड ने यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार प्रदान किए हैं।

नाटो अधिक प्रगत हथियार, लड़ाकू विमान और मिसाइल प्रदान करे, यह मांग यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष लगातार कर रहे हैं। यूक्रेन की इस माँग को पूरा करने के लिए अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने बड़ी मात्रा में निधि देने का ऐलान भी किया है। अमरीका के साथ नाटो सदस्य देशों द्वारा यूक्रेन को हो रही सहायता की हमें पूरी जानकारी है और रशियन सेना इसी के अनुसार जवाब देगी, ऐसा रशियन नेता लगातार कह रहे हैं।

‘रिहर्सल'

रशिया-यूक्रेन युद्ध के पीछे यूक्रेन की नाटो का सदस्य बनने की इच्छा प्रमुख कारण बनी थी। लेकिन, रशिया को नाटो की बढ़ती सैन्य तैनाती का खतरा अपनी सीमा से करीब नहीं चाहिये, और इस खतरे को दूर करने के लिए रशिया ने यूक्रेन पर हमला किया है। किसी भी स्थिति में नाटो को रशियन सीमा के करीब प्रभाव बढ़ाने नहीं देंगे, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी थी। आवश्यकता होने पर रशिया अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकती है, यह इशारा भी पुतिन ने दिया था। इससे पहले विभिन्न विश्लेषक और विशेषज्ञों ने जताए अनुमान के अनुसार युद्ध होने पर रशिया नाटो पर भारी पड सकती है। इस पृष्ठभूमि पर गौर करें तो फेनेन्को का दावा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

इसी बीच, रशिया ने यूक्रेन के झायटोमिर प्रांत में विदेशी हथियारों का भंड़ार तबाह करने का दावा किया है। अमरिका और यूरोपिय देशों से प्राप्त हुआ हथियारों का यह भंड़ार डोन्बास में यूक्रेन की सेना के लिए भेजा जाना था, ऐसा रशियन सेना ने कहा। पिछले हफ्ते रशिया ने यूक्रेन के लिव शहर में स्थित विदेशी हथियारों के भंड़ारण वाले ठिकाने पर हमला करने का भी दावा किया था।

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