मास्को/किव – पिछले हफ्ते डोन्बास के अहम शहर और बड़े हिस्सा खोने के बाद यूक्रेन की सेना डोन्बास से पीछे हटने के लिए मज़बूर होगी, ऐसा दावा यूक्रेन के वरिष्ठ अधिकारी ने किया है। डोन्बास का हिस्सा होनेवाले लुहान्स्क में यूक्रेन के गवर्नर ने रशियन सेना ने सेवेरोडोनेत्स्क में प्रवेश करने की बात मानी है। एक ओर डोन्बास पर हमले तीव्र हो रहे हैं और दूसरी ओर रशिया ने ‘झिरकॉन’ नामक हायपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण करके यूक्रेन और पश्चिमी देशों को नई चेतावनी दी है। तभी, अमरीका ने यूक्रेन को ‘गाइडेड मल्टिपल लौंच रॉकेट सिस्टम’ प्रदान करने की अमुमति दी है, यह दावा अमरिकी माध्यमों ने किया है।
रशिया ने शुक्रवार को डोन्बास के रणनीतिक नज़रिए से अहम लिमन शहर पर कब्ज़ा किया था। यह शहर डोन्बास में अहम स्थानों को जोड़नेवाले ‘ईस्ट-वेस्ट रोड़’ का हिस्सा है। यूक्रेन की सेना के लिए अहम ‘ट्रान्सपोर्ट सप्लाई हब’ ‘स्लोवियान्स्क’ से लिमन मात्र २० किलोमीटर पर है। साथ ही इस शहर से बाखमत और सेवेरोडोनेत्स्क दोनों शहरों को लक्ष्य करना मुमकिन हो सकता है। इस वजह से लिमन रशिया के नियंत्रण में आने से लुहान्स्क प्रांत पर रशिया आसानी से कब्ज़ा करके उत्तरी यूक्रेन पर भी हमला कर सकेगी, यह दावा किया जा रहा है।
लिमन के कब्ज़े के बाद रशिया ने डोन्बास के अन्य हिस्सों में हमले अधिक तीव्र किए हैं। रशियन सेना ने पिछले २४ घंटों में यूक्रेन की सेना के ६०० से अधिक ठिकानों और सैन्य यंत्रणाओं पर हमले करने की जानकारी रशिया के रक्षा विभाग ने प्रदान की। इसमें ४० से अधिक आर्टिलरी युनिटस् और ५७ कमांड पोस्टस् का समावेश है। लुहान्स्क पर कब्ज़ा करने के लिए आखरी जंग साबित होनेवाले सेवेरोडोनेत्स्क शहर में रशियन सेना ने प्रवेश किया है। शहर की सीमा पर बना हुआ एक अहम होटल पर रशियन सेना ने कब्जा किया है।
लुहान्स्क में यूक्रेन के गव्हर्नर ने इसकी कबूली दी है। साथ ही यूक्रेन के वरिष्ठ अधिकारी ने रशिया के लुहान्स्क और अन्य हिस्सों में जारी हमलों की तीव्रता देखें तो यूक्रेन की सेना को डोन्बास से पीछे हटना होगा, यह दावा किया जा रहा है। रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार यूक्रेन के अधिकारी के ऐसे बयान सामने आ रहे हैं। इस वजह से यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष, वरिष्ठ नेता एवं पश्चिमी देश यूक्रेन की जीत का भरोसा दिला रहे हैं, फिर भी डोन्बास क्षेत्र यूक्रेन को खोना होगा, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त होने लगे हैं। डोन्बास खोने के बाद यूक्रेन और उसके पश्चिमी समर्थकों के लिए यह एक बड़ा झटका होगा, ऐसा इशारा विश्लेषकों ने दिया है।
इसी बीच, डोन्बास पर कार्रवाई तेज़ करने के साथ ही रशिया ने हायपरसोनिक ‘झिरकॉन’ मिसाइल का परीक्षण करने का ऐलान किया। ‘बैरेन्टस् सी’ में तैनात रशियन विध्वंसक से यह परीक्षण किया गया। इस दौरान ‘झिरकॉन’ ने तकरीबन १ हज़ार किलोमीटर दूरी पर स्थित लक्ष्य को निशाना बनाया, ऐसा रशियन रक्षा विभाग ने कहा। यूक्रेन विरोधि युद्ध में रशिया ने बड़ी संख्या में हायपरसोनिक और ‘प्रिसिजन मिसाइल्स’ का प्रयोग किया है और इसे बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। इस पृष्ठभूमि पर झिरकॉन का परीक्षण करके रशिया ने यूक्रेन और यूक्रेन को रक्षा सहायता प्रदान करनेवाले पश्चिमी देशों को उचित संदेश दिया है, यह कहा जा रहा है।
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