मास्को/किव – यूक्रेन ने गुरुवार को ज़ौपोरिज़िया में स्थित परमाणु ऊर्जा प्रकल्प पर हमले किए, ऐसा आरोप रशियन अधिकारी ने लगाया। यूक्रेन के इन गैरज़िम्मेदाराना हमलों की वजह से विश्व परमाणु संकट की दिशा में धकेला जा रहा है, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ में रशिया के राजदूत वैसिली नेबेन्ज़िया ने दी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इन नए हमलों का गंभीरता से संज्ञान लिया है और ऐसे हमले भयानक और संकट को न्यौता देनेवाले साबित होंगे, ऐसी चेतावनी दी है। रशिया और यूक्रेन ने परमाणु प्रकल्प क्षेत्र में ‘डिमिलिटराईज्ड ज़ोन’ तैयार करने के लिए कदम उठाएँ, ऐसी गुहार महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने लगायी। रशिया ने दो दिन पहले ज़ौपोरिज़िया के परमाणु ऊर्जा प्रकल्प की सुरक्षा के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित करने की माँग की थी।
गुरूवार को यूक्रेन की सेना ने ज़ौपोरिज़िया में स्थित परमाणु ऊर्जा प्रकल्प पर दो हमले किए, ऐसी जानकारी स्थानीय रशियन अधिकारी ने साझा की। पहले हमले में प्रकल्प कमांडंट के दफ्तर के करीब पांच विस्फोट हुए। इसके बाद प्रकल्प के अग्नीशामक केंद्र के करीब पांच शेल्स टकराए। इन दोनों हमलों की वजह से प्रकल्प के क्षेत्र में आग लगी, ऐसी जानकारी रशियन अधिकारी व्लादिमीर रोगोव ने साझा की। इन हमलों में से एक विस्फोट प्रकल्प के ‘रेडियोऐक्टिव स्टोरेज’ के करीब होने का दावा भी रोगोव ने किया। इन हमलों की पृष्ठभूमि पर सुरक्षा परिषद की हुई बैठक में रशिया ने गंभीर चेतावनी दी।
‘हम अपने पश्चिमी मित्रदेशों को बार-बार यूक्रेन के परमाणु प्रकल्प पर हुए हमलों के बारे में बता रहे हैं। पश्चिमी देश यूक्रेन को समझाकर यह हमले बंद करवाएं। वरना यूक्रेन के गैरज़िम्मेदार हमलों के काफी लंबे समय तक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। यूक्रेन की हरकतों की वजह से विश्व परमाणु संकट की ओर धकेला जा रहा है। इसके लिए यूक्रेन को समर्थन दे रहे पश्चिमी देश ही ज़िम्मेदार होंगे’, ऐसा इशारा रशिया के राजदूत वैसिली नेबेन्ज़िया ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में दिया। अगले कुछ ही दिनों में किसी भी क्षण ज़ौपोरिज़िया के परमाणु ऊर्जा प्रकल्प में भयंकर आपदा हो सकती है, यह चेतावनी भी उन्होंने इस दौरान दी।
रशिया की चेतावनी के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी ज़ौपोरिज़िया के हमलों का गंभीर संज्ञान लिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव गुतेरस ने एक निवेदन जारी करके परमाणु प्रकल्प को नुकसान पहुँचाया तो इसके भयंकर परिणाम इस पूरे क्षेत्र में दिखाई देंगे, यह चिंता जताई। इस प्रकल्प का इस्तेमाल किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई के लिए ना हो बल्कि, यह क्षेत्र ‘डिमिलिटराईज्ड् ज़ोन’ हो, इसके लिए रशिया और यूक्रेन को उचित कदम उठाने होंगे, ऐसी गुहार भी उन्होंने लगाई। सुरक्षा परिषद के प्रमुख देशों ने भी ज़ौपोरिज़िया के हमलों पर बयान दर्ज़ किया है। भारत ने इन हमलों पर चिंता जताकर दोनों पक्षों को संयम बरतने को कहा है।
यूक्रेन ने इन हमलों को लेकर हो रहे आरोप ठुकराए हैं। बल्कि, रशिया इस प्रकल्प को आगे करके ‘ब्लैकमेल’ कर रही है, यह आरोप यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने लगाया। रशिया इस क्षेत्र से बाहर निकलेगी तभी यूरोप परमाणु संकट से सुरक्षित रहेगा, यह दावा भी उन्होंने किया। फ़रवरी में यूक्रेन पर किए गए हमलों के बाद कुछ ही हफ्तों में रशिया ने यूक्रेन के ज़ौपोरिज़िया के परमाणु प्रकल्प पर कब्ज़ा किया था। यह प्रकल्प यूक्रेन के साथ यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा प्रकल्पों में से एक है और यह छह हज़ार मेगावैट बिजली उत्पादन की क्षमता रखता है। इस प्रकल्प में भारी मात्रा में संवर्धित यूरेनियम एवं परमाणु ईंधन का भंड़ार है। फिलहाल इस प्रकल्प में यूक्रेनी कंपनी के कर्मचारी काम कर रहे हैं।
यूक्रेन ने पिछले महीने दक्षिण यूक्रेन में रशिया ने कब्ज़ा किए हुए क्षेत्र पर जवाबी हमले शुरू किए थे। इस पृष्ठभूमि पर पिछले कुछ दिनों में इस परमाणु प्रकल्प की सुरक्षा का मुद्दा फिर से चर्चा में आया है। रशिया ने इस प्रकल्प में भारी मात्रा में सेना एवं प्रगत रक्षा यंत्रणा की तैनाती की है। रशिया की इस तैनाती को नुकसान पहुँचाने के लिए यूक्रेन की सेना प्रकल्प के करीबी क्षेत्र को लक्ष्य कर रही है, ऐसा कहा जा रहा है। लेकिन, यूक्रेन एवं पश्चिमी यंत्रणाओं ने यह दावे ठुकराए हैं और कह रहे हैं कि, रशिया ही इस प्रकल्प के क्षेत्र में हमले करके इसका ठिकरा यूक्रेन पर फोड़ रही है।
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