रशिया ने ईंधन की आपूर्ति रोकने के बाद यूरोप शेअर बाज़ारों में गिरावट

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मास्को/ब्रुसेल्स – तकनीकी खराबी के कारण रशिया ने ‘नॉर्ड स्ट्रीम 1’ इंधन पाइपलाइन से ईंधन वायु की आपूर्ति अनिश्‍चित समय तक बंद रखने का ऐलान किया है। इसकी तीव्र गूंज यूरोपिय देशों में सुनाई दे रही है। यूरोप में ईंधन वायु की कीमतें 30 प्रतिशत बढ़ी हैं। साथ ही यूरोप में प्रमुख शेअर बाज़ारों में भारी गिरावट आई है और युरोज़ोन की मुद्रा युरो का मूल्य भी पिछले दो दशकों के निचले स्तर पर जा पहुँचा है। ईंधन की किल्लत, ब्याजदर में बढ़ोतरी और शेअर बाज़ार और मुद्रा की गिरावट के कारण युरोप को मंदी से नुकसान पहुँचने का खतरा बढ़ा है, ऐसी चेतावनी विश्‍लेषकों ने दी है।

रशिया की प्रमुख कंपनी गाज़प्रोम ने पिछले महीने 31 अगस्त से 3 सितंबर के दौरान नॉड्र स्ट्रीम ईंधन पाइपलाइन मरम्मत के लिए बंद रखने का ऐलान किया था। लेकिन, शनिवार को ईंधन पाइपलाइन में खराबी की वजह बताकर ईंधन सप्लाई अनिश्‍चित समय के लिए बंद किया जाएगा, यह जानकारी रशिया ने साझा की। रशिया के इस ऐलान के बाद यूरोप के कई देशों ने ईंधन क्षेत्र के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता के साथ सहायता की अन्य योजनाओं का ऐलान किया था। इसके बावजूद यूरोपियन शेअर बाज़ार और मुद्रा बाज़ार पर तीव्र असर पड़ा है।

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सोमवार को यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था फ्रान्स और जर्मनी के शेअर निदेशांकों में बड़ी गिरावट आई। इसके बाद यूरोप के केंद्रीय शेअर निदेशांक ‘यूरो स्टॉक्स 50’ और ‘युरोपिअन स्टॉक्स 600’ में गिरावट आई। ‘यूरोपिअन स्टॉक्स 600’ 1 प्रतशत और ‘यूरो स्टॉक्स 50’ में 3 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई। इसके बाद सोमवार के कारोबार के दौरान यूरो का मूल्य 1 प्रतिशत गिरावट के साथ 0.9880 डॉलर्स तक घटा। यह 2002 के बाद का निचला स्तर है। ईंधन वायु की कीमतों में उछाल आया है और सोमवार को नैसर्गिक ईंधन वायु की कीमतों में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है।

रशियन ईंधन की सप्लाई अनिश्‍चित समय के लिए बंद रहने का पुख्ता असर अभी तक सामने आने की शुरूआत नहीं हुई है। लेकिन, ईंधन ना होने पर यूरोप के विकास को ब्रेक लग सकते हैं। इसके असर के तौर पर यूरो के मूल्य में अधिक गिरावट आएगी, यह दावा ऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषक रॉड्रिगो कैलि ने किया। ईंधन की कीमतों में उछाल, ईंधन सप्लाई की कटौती का खतरा और आर्थिक नीति के बदलाव यूरोप के विकास दर को नुकसान पहुँचा सकते हैं, ऐसी चेतावनी जर्मन आर्थिक विशेषज्ञ होलगर श्‍मिडिंग ने दी।

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इसी बीच, चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट की वजह से यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था जर्मनी, फ्रान्स और इटली जैसे देशों के निर्यात को नुकसान पहुँचा है। पिछले कुछ महीनों से यूरोप के उत्पादन क्षेत्र की भी गिरावट जारी है और इस क्षेत्र का निदेशांक फ़रवरी 2021 के बाद निचले स्तर पर पहुँचा है। ऊर्जा संकट का बढ़ता दायरा, महंगाई में उछाल, उत्पादन और निर्यात का नुकसान और अब शेअर बाज़ार के साथ यूरो के मूल्य में गिरावट यूरोपिय महासंघ की अर्थव्यवस्था मंदी के घेरे में जाने का खतरा बढ़ने के संकेत दे रहे हैं, यह दावा विश्‍लेषकों ने किया है। रशिया-यूक्रेन युद्ध, विक्रमी महंगाई और आवश्‍यक चीज़ों की किल्लत की पृष्ठभूमि पर अस्थिरता की स्थिति निर्माण हो रही है और पूरे विश्‍व में असंतोष का विस्फोट होने का खतरा अधिक बढ़ा है, यह इशारा ब्रिटीश अध्ययन मंड़ल ने हाल ही में दिया था।

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