यूक्रेन ने क्रिमिया में ड्रोन हमले करने के बाद रशिया ने किया ‘ग्रेन डील’ से बाहर होने का ऐलान

यूक्रेन

मास्को/किव – यूक्रेन ने क्रिमिया में रशियन नौसेना के अड्डे पर किए हमले पर रशिया की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी है। संयुक्त राष्ट्र संगठन और तुर्की की मध्यस्थता से किए गए ‘ग्रेन एक्सपोर्ट डील’ से पीछे हटने का ऐलान रशिया ने किया है। यूक्रेन ने इस समझौते के लिए बनाए कॉरिडॉर का इस्तेमाल करके रशिया पर हमला करने का आरोप रशिया ने इस दौरान लगाया। ‘ग्रेन डील’ से बाहर होने के रशिया ने किए निर्णय की अमरीका समेत यूरोपिय देश और यूक्रेन ने भी जोरदार आलोचना की। अमरिकी विदेश मंत्री ने यह आरोप लगाया कि, रशिया फिर से अनाज़ का हथियार की रह इस्तेमाल कर रही हैं।

‘ग्रेन डील’

शनिवार सुबह क्रिमिया में स्थित सेवैस्टोपोल बंदरगाह में रशियन नौसेने के अड्डे पर यूक्रेन ने ड्रोन हमले किए। इन हमलों में रशिया के एक युद्धपोत और कुछ जहाज़ों को नुकसान पहुँचने की जानकारी रशियन रक्षा विभाग ने प्रदान की। इस दौरान यूक्रेन ने अंडरवॉटर ड्रोन्स का इस्तेमाल करने के दावे भी किए गए हैं। इन हमलों के लिए अमरीका और ब्रिटेन ने यूक्रेन की सहायता की, ऐसा आरोप रशिया ने लगाया।

रशियन बंदरगाह पर ड्रोन हमले हो रहे थे तभी अमरीका का रिपर ड्रोन ब्लैक सी के समुद्री क्षेत्र में गश्त लगा रहा था, यह दावा भी रशिया के रक्षा विभाग ने किया। साथ ही ड्रोन हमले की योजना तैयार करने के लिए ब्रिटेन के विशेष गुट ने यूक्रेन की सेना को सहायता प्रदान की, यह आरोप भी रशिया ने लगाया है। सेवैस्टोपोल बंदरगाह पर हुए इस हमले को रशिया ने आतंकी हमला करार दिया है। रशिया ने इन हमलों पर करारा प्रत्युत्तर देने का इशारा भी दिया। अमरीका और ब्रिटेन ने रशिया ने लगाए आरोप ठुकराए हैं और इन दावों में सच्चाई ना होने का खुलासा किया।

‘ग्रेन डील’

क्रिमिया में हुए ड्रोन हमलों के लिए ‘ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव’ के तहत बनाए गए मानवीय कॉरिडॉर का इस्तेमाल होने का आरोप रशिया ने लगाया। इस वजह से आगे से हम इस उपक्रम का हिस्सा नहीं रहेंगे और इससे पीछे हट रहे हैं, ऐसा रशिया के रक्षा और विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया। जुलाई महीने में तुर्की और संयुक्त राष्ट्र संगठन ने मध्यस्थता करने के बाद रशिया ने ‘ग्रेन डील’ पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अनुसार यूक्रेन के बंदरगाहों में फंसा पड़ा लाखों टन अनाज़ निर्यात करने के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया गया था। इसके तहत लाखों टन अनाज़ यूरोप, अफ्रीका एवं एशियाई देशों को निर्यात किया गया था।

लेकिन, अब रशिया इस समझौते से पीछे हटने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से अनाज़ की किल्लत का संकट गंभीर हो सकता हैं, ऐसा ड़र विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने यह आरोप लगाया कि, रशिया अनाज़ का फिर से हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं। इसी दौरान यूक्रेन ने यह दावा किया कि, रशिया अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ब्लैकमेल कर रही हैं।

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