मास्को/वॉशिंग्टन – परमाणु निरस्त्रीकरण से संबंधित अंतरराष्ट्रीय समझौता और इस पर आधारित यंत्रणा ढ़ह गई है और करीबी दिनों में भी इसमें सुधार होने के आसार नहीं है। ऐसे में रशिया और अमरीका जैसे परमाणु देश चरम स्थिति में परमाणु अस्त्र इस्तेमाल करने की चेतावनी बार-बार दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर विश्व के दो प्रमुख देश रशिया और अमरीका के बीच परमाणु युद्ध छिड़ने की संभावना बढ़ी है, ऐसे दावे माध्यम एवं विश्लेषक कर रहे हैं। कुछ दिन पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने भी परमाणु युद्ध का खतरा लगातार बढ़ रहा है और इससे इन्कार करना गलत होगा, ऐसी चेतावनी दी थी।
रविवार को रशिया के रक्षा विभाग ने परमाणु वाहक ‘एवनगार्ड हायपरसोनिक मिसाइल’ के रेजिमेंट कार्यरत होने का ऐलान किया। रशिया के ‘ऑरेबनबर्ग रीजन’ में यह मिसाइल रेजिमेंट तैनात की गई है। ‘एवनगार्ड हायपरसोनिक मिसाइल’ ध्वनि के २७ गुना अधिक गति से धावा बोल सकती है और धरती पर निर्धारित किसी भी लक्ष्य को ३० मिनिटों में निशाना बनाने की काबिलियत इस मिसाइल में है, यह कहा जा रहा है। इस नई मिसाइल की तैनाती की वजह से रशिया के ‘स्ट्रैटेजिक मिसाइल फोर्सेस’ की युद्ध क्षमता अधिक बढ़ेगी, यह दावा भी रशिया के रक्षा विभाग ने किया। पिछले हफ्ते रशिया ने राजधानी मास्को के करीब एक अड्डे पर परमाणु अस्त्र ‘यार्सन की तैनाती करने के फोटो और वीडियो जारी किए थे।
कुछ ही दिनों में ‘यार्स’ और ‘एवनगार्ड’ की हुई तैनाती और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के ‘प्रिएम्प्टिव स्ट्राईक पॉलिसी’ के बयान से परमाणु युद्ध का मुद्दा फिर से चर्चा का विषय बनता दिख रहा है। रशिया समेत अमरीका एवं यूरोप के माध्यम और विश्लेषकों में इससे संबंधित संभावना पर चर्चा शुरू हुई है। रशिया-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपने ‘न्युक्लियर फोर्सेस’ को अलर्ट रहने के आदेश दिए थे। इसके बाद परमाणु युद्ध की चर्चा शुरू हुई थी।
रशिया के आक्रामक बयान पर प्रत्युत्तर देते हुए अमरीका और ब्रिटेन ने भी आक्रामक रवैया अपनाया है। अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने कहा है कि, ज़रूरत पडने पर अमरीका परमाणु अस्त्र का इस्तेमाल कर सकती है। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री लिज़ ट्रुस ने भी हम परमाणु अस्त्र इस्तेमाल कर सकते हैं, यह चेतावनी दी थी। अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी रशिया ने परमाणु हमले का कदम उठाया तो अमरीका पूरी क्षमता से जवाब देगी, ऐसी चेतावनी दी थी। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने भी रशियन हमले का इंतजार किए बिना नाटो देशों को रशिया की परमाणु क्षमता तबाह करने की आक्रामक मांग की थी।
रशियन अभ्यासक कॉन्स्टन्टिन ब्लॉखिन ने रशिया और अमरीका के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो इसके परीणाम पूरे विश्व को भुगतने पड़ेंगे और सभी कुछ ना कुछ खोएंगे, यह इशारा दिया। लेकिन, साथ ही यूक्रेन के लिए यह दोनों देश परमाणु युद्ध शुरू करने की संभावना को भी नाकारा गया है। ऐसे में रशिया को यूक्रेन अभियान में सफलता प्राप्त होने की संभावना बनी तो पश्चिमी गुट भी परमाणु हमले के विकल्प पर विचार कर सकते हैं, यह दावा रशियन विश्लेषक व्लादिमीर वैसिलिव ने किया है।
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