यूक्रेन युद्ध के अनुभव से अमरीका को चीन के संभावित युद्ध के लिए सीख मिली

- ‘सीएसआईएस’ की रपट का अनुमान

वॉशिंग्टन – यूक्रेन युद्ध से अमरीका को ताइवान की सुरक्षा के लिए चीन के साथ संभावित युद्ध करने के लिए आवश्यक सीख मिली है। इस अनुभव का अमरीका को बड़ा लाभ होगा। साथ ही चीन के इस संभावित युद्ध की तैयारी करने के लिए अमरीका को कुछ महीने लग सकते हैं, यह खतरे की बात है। यूक्रेन युद्ध यकायक शुरू नहीं हुआ, बल्कि धीरे धीरे इसकी तीव्रता बढ़ती गई। लेकिन, ताइवान पर चीन ने हमला करने के बाद शुरू होनेवाला अमरीका-चीन का युद्ध विस्फोट की तरह शुरू होगा। इसकी तैयारी करने के लिए अमरीका के हाथों में पर्याप्त समय नहीं रहा, इसका अहसास कर रही रपट ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ॲण्ड इंटरनैशनल स्टडीज्‌‍’ (सीएसआईएस) ने जारी की।

यूक्रेन युद्ध

अमरीका यूक्रेन युद्ध में व्यस्त हैं। यूक्रेनी सेना के लिए अमरीका प्रचंड़ मात्रा में हथियारों की आपूर्ति कर रही हैं। यूक्रेन की सेना हर दिन तोप के करीबन सात हज़ार गोले, रॉकेटस्‌‍ और मिसाइल रशियन सेना पर दाग रही है। यूक्रेनी सेना के इस तोप और रॉकेटस्‌‍ के हमले पर नाटो के अधिकारियों ने भी चिंता जताई थी। लेकिन, आत्मरक्षा के लिए ऐसे हमला करने के लिए यूक्रेन मज़बूर होने का दावा ‘सीआईएसआई’ ने किया।

यूक्रेन की सेना को अमरीका प्रचंड़ मात्रा में तोप का बारूद एवं न्य विस्फोटकों की आपूर्ति कर रही हैं। इनमें ८,५०० जैवलिन ॲण्टी आर्म सिस्टिम, १,६०० एण्टी एअरक्राफ्ट सिस्टिम और १२५ एमएम टैंक के लिए आवश्यक एक लाख तोप के गोलों का समावेश है। इसके साथ ही होवित्ज़र तोप के एक लाख से भी अधिक तोप के गोलों की आपूर्ती अमरीका ने यूक्रेन को की है। इससे अमरीका के रक्षा उत्पाद पर काफी बड़ा भार बना है। ऐसी स्थिति में चीन ने ताइवान पर हमला किया तो क्या होगा, इसकी संभावना ‘सीएसआईएस’ की रपट में दर्ज़ है।

यूक्रेन युद्ध

चीन ने ताइवान पर हमला किया तो ताइवान को जोरदार प्रतिकार करके चीन की सेना को रोकना होगा, क्यों कि ताइवान को सहायता पहुँचाने वाले मार्ग की चीन पहले से घेराबंदी कर देगा। इस वजह से चीन का घेराव होने तक ताइवान प्रतीक्षा नहीं कर सकता। ताइवान को उससे पहले ही चीन की सेना पर हमला करना होगा, ऐसा दावा ‘सीएसआईएस’ ने किया। यूक्रेन युद्ध से प्राप्त हुए अनुभव अमरीका को चीन से होने वाले इस युद्ध में सहायक साबित हो सकते ैहं। लेकिन, इसकी तैयारी करने के लिए अमरीका के हाथों में ज्यादा समय नहीं बचा है, इसका अहसास भी इस रपट में कराया गया है। रशिया के विरोध में यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियारों की आपूर्ति करते समय चीन ने ताइवान पर हमला किया तो अमरीका को हथियारों की किल्लत महसूस हो सकती हैं। ताइवान की सुरक्षा का ज़िम्मा उठा रही अमरीका अपनी सेना के हथियारों का इस्तेमाल करके चीन को प्रत्युत्तर दे सकेती हैं, यह भी ‘सीएसआई’ ने कहा है।

इसके लिए अमरीका को जल्द गति से आक्रामक निर्णय करने होंगे, इसका अहसास ‘सीएसआईएस’ ने कराया। इसी बीच, यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका का पूरा ध्यान इसी युद्ध पर लगा हैं और ऐसे में ताइवान को चीन से होने वाला खतरा बढ़ने के दावे किए जा रहे हैं। चीन यकायक हमला करके ताइवान पर कब्ज़ा करेगा और इसके बाद अमरीका कुछ भी नहीं कर सकेगी, ऐसा इशारा कुछ लोगों ने पहले ही दिया था। ऐसी स्थिति में ‘सीएसआईएस’ ने जारी की हुई रपट की अहमियत बढ़ती है। लेकिन, चीन यानी रशिया नहीं और ताइवान यानी यूक्रेन नहीं, यह कहकर ताइवान के नेता और सेना अधिकारी इस युद्ध के परिणाम यूक्रेन युद्ध से काफी अलग होंगे, ऐसा दावा कर रहे हैं।

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