सूड़ान संघर्ष में ६०४ की मौत

- राजधानी खार्तूम हवाई हमलों से दहल उठी

खार्तूम – सूड़ान की सेना और अर्धसैनिक बलों के जारी संघर्ष में अबतक ६०४ लोग मारे गए हैं और ७ हज़ार से भी अधिक घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ (डब्ल्यूएचओ) ने यह जानकारी साझा की। लेकिन इस संघर्ष में मारे गए लोगों की संख्या सूड़ान की यंत्रणा ने प्रदान किए जानकारी पर आधारित है और मृतकों की संख्या इससे कई ज्यादा होने की चेतावनी स्थानीय माध्यम दे रहे हैं। सौदी अरब में युद्ध विराम करने की चर्चा नाकाम होने के बाद राजधानी खार्तूम का संघर्ष तीव्र हुआ है। सेना के लड़ाकू विमान और अर्धसैनिक बलों के हेलीकॉप्टर्स खार्तूम में एक दूसरे के ठिकानों को लक्ष्य कर रहे हैं।

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वर्ष २०२१ में सूड़ान की सरकार के विरोध में विद्रोह करने वाले सेनाप्रमुख जनरल बुरहान और अर्धसैनिक बल के प्रमुख जनरल दागालो के जारी संघर्ष की तीव्रता बढ़ी है। पिछले कुछ दिनों में अमरीका, सौदी अरब, संयुक्त राष्ट्र संघ और अफ्रीकन महासंघ ने इन दोनों जनरलों के बीच युद्ध विराम करने की कोशिश की। लेकिन, जनरल बुरहान सूड़ान में जनतंत्र पर आधारित सरकार स्थापीत करने पर कायम हैं। लेकिन, अर्धसैनिक बल के प्रमुख जनरल दागालो इसके लिए तैयार नहीं। जनतांत्रिक सरकार स्थापित करने की प्रक्रिया एक साल बाद पुरी करे, ऐसी शर्त जनरल दागालो ने रखी है।

इस संघर्ष को रोकने के लिए कोई भी गुट पहल करने के लिए तैयार नहीं। सौदी की बैठक से यह बात सामने आयी है। सेना और अर्धसैनिक बल सूड़ान का कब्ज़ा छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। साथ ही सूड़ान के इस संघर्ष में हमारी ही विजय होगी, ऐसा दावा यह सेना अधिकारी कर रहे हैं। दो दिन पहले सौदी में असफल हुई चर्चा के बाद सूड़ान में तीव्र हुए संघर्ष मे कम से कम ५० लोग मारे गए हैं। इस वजह से सूड़न के संघर्ष में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर ६०४ होने का दावा ‘डब्ल्यूएचओ’ ने किया।

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लेकिन, राजधानी खार्तूम और बड़े शहरों में हताहत हुए लोगों की जानकारी ही सूड़ानी यंत्रणा साझा कर रही हैं। दर्फूर और अन्य हिस्सों के संघर्ष में मारे जानेवालों की पुरी जानकारी सामने आयी नहीं है। कुछ शहरों में लूटपाट की घटनाओं में भी नागरिकों की मौत हुई है। इस वजह से सूड़ान के गृहयुद्ध में मृतकों की संख्या घोषित आंकड़ों से कई ज्यादा होने का दावा किया जा रहा है।

पिछले चार हफ्तों से सूड़ान में शुरू गृहयुद्ध इतनी जल्द खत्म नहीं होगा, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। पश्चिमी देश सूड़ान का यह संघर्ष रोकने के लिए सेना और अर्धसैनिक बल पर दबाव बना रहे हैं, ऐसी शिकायत माध्यम एवं मानव अधिकार संगठन कर रही हैं। लेकिन, इस गृहयुद्ध को समय पर रोका नहीं, यहां पर हो रही हिंसा रोकी नहीं तो सूड़ान में भूखमरी विक्रमी स्तर पर जा पहुंचेगी, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ संगठन ने दी है।
अगले कुछ महीनों में सूड़ान के २० से २५ लाख नागरिकों को भूखमरी का सामना करना पड़ सकता है। १५ अप्रैल से शुरू हुए इस संघर्ष की वजह से सूड़ान में

अगले तीन से छह महीनों में अनाज़ की कीमते २५ प्रतिशत बढ़ेगी, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ की मानव अधिकार संगठन दे रही है। इस संघर्ष के कारण सूड़ान में कृषि व्यवसाय बाधित हुआ है और इसका असर अनाज़ की कीमत पर हो रहा हैं, ऐसा यह संगठन कह रही है।

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