ताइवान के करीब चीन ने की लंबी दूरी के मिसाइलों की तैनाती

- सैन्य विश्लेषक की चेतावनी

वॉशिंग्टन – चीन अगले कुछ सालों में ताइवान पर हमला करने की संभावना नहीं हैं। वर्ष २०२६ से पहले चीन यह हमला नहीं कर सकता, ऐसा दावा अमरीका का बायडेन प्रशासन और सुरक्षा यंत्रणा कर रहे हैं। लेकिन, चीन ने ताइवान पर हमला करने की बड़ी तैयारी रखी होने की खबरें सामने आ रही हैं। पिपल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने आग्नेय तट पर उन्नत ‘डाँगफेंग-१७’ मिसाइल तैनात किए हैं। सीफ ताइवान ही नहीं, बल्कि इस युद्ध में ताइवान का साथ कर रहे देशों के अड्डों पर भी हमले करने की तैयारी चीन ने रखी होने की चेतावनी अमरीका के सैन्य विश्लेषकों ने दी है। घनी आबादी के करीब चीन ने तैनात किए इन मिसाइलों को लक्ष्य करना अमरीका के लिए कठिन हो सकता हैं, ऐसा इन अमरिकी विश्लेषकों का कहना हैं।

मिसाइलों

चीन ने ताइवान के हवाई और समुद्री क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों की तीव्रता बढ़ाई है। शनिवार को चीन ने अपने ३७ लड़ाकू विमान और ७ गश्ती पोत ताइवान की ओर रवाना किए थे। पिछले हफ्ते से चीन ने ताइवान की हवाई सीमा के करीब लगाई यह सबसे बड़ी गश्त होने का दावा किया जा रहा है। ताइवान के जवाब को परखने के लिए चीन ऐसी आक्रामकता दिखा रहा हैं, ऐसा ताइवान के नेता कहते है। ऐसे में ही ताइवान ने अगले हफ्ते युद्धाभ्यास का आयोजन किया है। इससे पहले चीन ताइवान को चेतावनी दे रहा है, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है।

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पूरे विश्व का ध्यान यूक्रेन युद्ध पर केंद्रित होने का लाभ उठाकर चीन ताइवान पर हमला कर सकता हैं, ऐसी चिंता ताइवान के नेताओं ने व्यक्त की थी। चीन हमपर सेना के और साइबर हमले करेगा, ऐसा दावा ताइवान ने किया था। चीन की सेना के हमले का मुकाबला करने के लिए, खास तौर पर ईस्ट चाइना सी क्षेत्र के अपने द्वीपों पर नियंत्रण रखने के लिए ताइवान ने अगले हफ्ते ‘ड्रोन’ के सबसे बड़े युद्धाभ्यास का आयोजन किया है। इसमें गश्ती एवं हमलावर ड्रोन भी शामिल होंगे।

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लेकिन, चीन की ताइवान विरोधी सैन्यकी आक्रामकता विमान, विध्वंसकों की गश्त या घुसपैठ तक सीमित नहीं रहीं, इसपर भी अमरिकी अभ्यास गुट और विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। चीन ने अपने आग्नेय तट के करीब १,००० किलोमीटर मारक क्षमता के बैलेस्टिक मिसाइल तैनात किए हैं। सेटेलाइट से प्राप्त फोटो से चीन की इस तैनाती की जानकारी प्राप्त होने की जानकारी ‘मिडलबरी इन्स्टीट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज्‌’ नामक अभ्यास गुट के विश्लेषक डेकर एवेलेथ ने प्रदान की।

वहीं, चीन ने ‘डाँगफेंग-१७’ मिसाइलों की तैनाती ताइवान के साथ ही पश्चिमी पैसिफिक क्षेत्र में स्थित विदेशी सैन्य ठिकानें एवं युद्धपोतों को लक्ष्य करने के लिए करने का दावा ‘जेन्स एशिया-पैसिफिक’ नामक अभ्यास गुट के विश्लेषक कपिल काजल ने किया। चीन इन मिसाइलों को हाइपरसोनिक ग्लाईड वेहिकल के ज़रिये दाग सकता हैं। इस कारण से आवाज़ से पांच गुना तेज़ धांवा बोलने वाले यह मिसाइल राड़ार पर तलाशना भी कठिन हो जाएगा और उन्हें मार गिराना कठिन होगा, इसपर कपिल ने ध्यान आकर्षित किया। जापान और दक्षिण कोरिया एवं गुआम द्वीप पर तैनात अमरीका की ‘थाड’, ‘एसएम-३’ और ‘पैट्रियॉट हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी पांच से दस मैक के गति के मिसाइलों को नष्ट नहीं कर सकते, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है।

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