इस्रायल-हमास युद्ध में अमेरिका और ईरान उतरने पर वैश्विक मंदी और आर्थिक संकट उभरेगा

- नामांकित आर्थिक विश्लेषक का इशारा

इस्रायल-हमास युद्ध में अमेरिका और ईरान उतरने पर वैश्विक मंदी और आर्थिक संकट उभरेगा

वॉशिंग्टन: फिलहाल गाजा पट्टी तक सीमित इस्रायल-हमास युद्ध का विस्तार हुआ या अमेरिका-ईरान इस युद्ध में खींचे गए तो इससे दुनिया पर मंदी और आर्थिक संकट टूटेगा। ईंधन की कीमते प्रति बैरल १५० डॉलर तक उछलेगी, ऐसा इशारा जानेमाने आर्थिक विश्लेषक जिम रिकार्डस्‌ ने दिया है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था पहले से बाधित होने की याद भी रिकार्डस्‌ ने बयान की। इस्रायल-हमास संघर्ष अधिक लंबा चला तो जागतिक व्यापार के लिए अहम समुद्री मार्ग बाधित हो जाएंगे और इससे दुनियाभर में ईंधन और इस पर आधारित उत्पादों की कीमतों में भारी उछाल होगा, ऐसा ड़र कुछ विश्लेषकों ने जताया था। साथ ही इस्रायल-हमास युद्ध रोकने के लिए जोरदार कोशिश करने का आवाहन भी इन विश्लेषकों ने किया था।

इस्रायल-हमास युद्ध तीसरे हफ्ते भी जारी है। यह संघर्ष रोकने का आवाहन पुरी दुनिया से किया जा रहा है। लेकिन, हमास और इस्लामिक जिहाद के आतंकवादी गाजा से इस्रायल के तेल अवीव, अश्केलॉन शहर को लक्ष्य कर रहे हैं। साथ ही हमास के आतंकवादी अपहृत इस्रायली नागरिकों के वीडियो और फोटो जारी करके इस्रायल को उकसा रहे हैं। इस वजह से इस्रायल ने गाजा पर हमले करना जारी रखा हैं। शुक्रवार को इस्रायल की सेना ने गाजा पट्टी में टैंक उतारकर हमास के ठिकानों पर जोरदार हमले किए।

इस्रायल ने हमास के विरोध में शुरू की हुई इस कार्रवाई से बेचैन हुए ईरान ने इस्रायल को धमकाया है। लेबनान की हिजबुल्लाह इस्रायल पर हमले करने के लिए तैयार होने की चेतावनी ईरान ने दी है। साथ ही अमेरिका यदि इस युद्ध में उतरी तो अमेरिका को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसी धमकी ईरान ने दीथी। इस्रायल-हमास के इस युद्ध में अमेरिका और ईरान के संभावित समावेश पर अमेरिका के नामांकित आर्थिक विश्लेषक जिम रिकार्डस्‌ ने चिंता जताई है।

इस्रायल-हमास युद्ध का विस्फोट हुआ तो प्रति बैरल ९० डॉलर रही ईंधन की कीमत १२० या १५० डॉलर तक उछलेगी, ऐसी चेतावनी रिकार्डस्‌ ने दी है। पहले से शटडाऊन के संकट का सामना कर रही अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ी चुनौती होगी, ऐसा इशारा रिकार्डस्‌ ने दिया। रशिया-यूक्रेन युद्ध के कारण उभरा ईंधन का संकट अभी भी कायम है, इसकी याद भी रिकार्डस्‌ ने बयान की। बायडेन प्रशासन ने रशिया पर प्रतिबंधों को ज़रूरत से अधिक इस्तेमाल करके ‘डि-डॉलराइजेशन’ का रास्ता खोल दिया है।

‘स्वयं ही डॉलर का हथियार की तरह इस्तेमाल किया। इस वजह से आगे के दिनों में अपने सहयोगी देश डॉलर का हथियार की तरह इस्तेमाल करने की संभावना हैं। यूक्रेन के आर्थिक युद्ध हम खो रहे हैं’, ऐसे स्पष्ट शब्दों में रिकार्डस्‌ ने बायडेन प्रशासन की आर्थिक नीति की आलोचना की। इससे पहले अमेरिका के नेता और विश्लेषकों ने भी बायडेन प्रशासन की आर्थिक नीति की निंदा की थी।
इस्रायल-हमास युद्ध के कारण वैश्विक मंदी और आर्थिक संकट उभरेगा, ऐसा इशारा देने वाले रिकार्डस्‌ पहले विश्लेषक नहीं हैं। दो दिन पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश की प्रमुख ख्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने भी यह चेतावनी दी थी कि, इस युद्ध का इजिप्ट, लेबनान और जॉर्डन जैसे आर्थिक संकट का मुकाबला कर रहे देशों पर सीधा असर होगा। इसी बीच, यूरोप के विश्लेषकों ने भी यही चेतावनी दी है कि, इस्रायल-हमास युद्ध के कारण जागतिक अर्थव्यवस्था मंदी का सामना करेगी।

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