तीसरें विश्व युद्ध में इस्रायल अग्रस्थान पर लड़ रहा है

इस्रायल के नए विदेश मंत्री काट्ज का ऐलान

तीसरें विश्व युद्ध में इस्रायल अग्रस्थान पर लड़ रहा है

जेरूसलम – इस्रायल तीसरा विश्व युद्ध लड़ रहा हैं, यह ऐलान इस्रायल के नए विदेश मंत्री ‘इस्रायल काट्ज’ का ऐलान। ईरान ने चरमपंथी विचारों को बढ़ावा देकर शुरू किए इस युद्ध के परिणाम यूरोपिय देशों में भी देखे जा रहे हैं। लेकिन, इस युद्ध के अग्रस्थान पर इस्रायल हैं और कुछ उदारतावादी अरब देश भी ईरान के चरमपंथ के खिलाफ हैं, यह दावा इस्रायल के विदेश मंत्री ने किया। खाड़ी क्षेत्र में शांति स्थापित करने का उद्देश्य सामने रखकर खाड़ी देशों से सहयोग स्थापित करने की तैयारी इस्रायल ने जुटाई थी। ऐसा न हो, इसी कारण से ईरान ने हमास को मोहरा बनाकर ७ अक्टूबर का भयंकर आतंकवादी हमला किया था, ऐसा आरोप भी इस्रायल के नए विदेश मंत्री ने लगाया है।

एली कोहेन की जगह अब ‘इस्रायल काट्ज’ को इस्रायल के विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। अपने ज़िम्मे की बागड़ोर संभालने के बाद पहले दिन ही काट्ज ने यह बयान किया है कि, इस्रायल तीसरे विश्व युद्ध के अग्रस्थान पर लड़ रहा है। ईरान ने अपनी चरमपंथी विचारधारा को बढ़ावा देकर इस्रायल के विरोध में यह युद्ध शुरू किया है। हमास और हिजबुल्लाह इन ईरान समर्थक गुटों से इस्रायल खुलेआम युद्ध लड़ रहा है। इस विश्व युद्ध के मोर्चे यूरोपिय देशों में भी शुरू होने का दावा करके इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं, ऐसा बयान इस्रायल के नए विदेश मंत्री ने किया है।

ऐसे में इस्रायल के विदेश मंत्री के तौर पर हमारे सामने तीन प्रमुख ध्येय होने का बयान काट्ज ने किया। Israel is fighting on the frontline in Third World War announced by Israel's new Foreign Minister Katz‘हमास की कैद में १२९ इस्रायली नागरिक अभी भी है और अगवा किए गए इन नागरिकों की रिहाई हमारा पहला ध्येय हैं। हमास और हिजबुल्लाह के विरोध में इस्रायल ने छिड़ी जंग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैध करार देना हमारा दूसरा ध्येय हैं। इस्रायल के उत्तरी सीमा के करीब पहुंची हिजबुल्लाह को पीछे हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की कोशिश, हमारा तीसरां ध्येय होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ के नियमों के तहत यह होना ही चाहिये, यह दावा काट्ज ने किया।

इसी बीच, इस्रायल ने खाड़ी के देशों के साथ शांति स्थापित करने की गतिविधियां शुरू की थी। सौदी अरब से इस्रायल इसी इरादे से बातचीत कर रहा था। इसी कारण से हमास ने इसे नाकाम करने के लिए ७ अक्टूबर का वह भयंकर आतंकवादी हमला किया, ऐसा आरोप विदेश मंत्री काट्ज ने लगाया।

इस्रायल तीसरें विश्व युद्ध में अग्रस्थान पर लड़ रहा है और तभी खाड़ी के उदारतावादी देश भी ईरान के विरोध में खड़े हुए हैं, यह दावा काट्ज ने किया है। साथ ही हमास के इस हमले के पीछे और हिजबुल्लाह ने इस्रायल पर शुरू किए हमलों के पीछे भी ईरान का ही हाथ होने का बयान काट्ज ने बड़े विश्वास से किया।

इस्रायल ने पहले भी हुए हमलों के पीछे ईरान का हाथ होने के आरोप लगाए थे। ईरान ने यह आरोप स्पष्ट तौर पर ठुकराए भी हैं। हमास के हमलों का हम समर्थन कर रहे है, फिर भी इन हमलों से ईरान को कोई भी संबंध नहीं है, ऐसा खुलासा ईरान के नेताओं ने किया था। लेकिन, इस्रायल का विनाश हुए बिना खाड़ी में शांति स्थापित नहीं हो सकेगी, यही ईरान कह रहा हैं। इसके लिए खाड़ी देश इस्रायल के खिलाफ सख्त रवैया अपनाए, यह आवाहन भी ईरान ने किया था। लेकिन, इस पर खाड़ी देशों की प्रतिक्रिया अभी प्राप्त नहीं हुई है।

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