वॉशिंग्टन/बगदाद/तेहरान – अमेरिकी बॉम्बर विमान ने शुक्रवार की रात इराक और सीरिया में किए हमले में कम से कम ४० लोग मारे गए। इनमें ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस् के सैनिकों का समावेश होने की बात कही जा रही है। बीते हफ्ते पहले जॉर्डन स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हुए हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इसके जवाब में अमेरिका ने इराक-सीरिया स्थित ईरान से जुड़े आतंकियों के ठिकानों को लक्ष्य किया है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ईरानी आतंकवाद के सामने कमज़ोर भूमिका अपना रहे हैं, ऐसी कड़ी आलोचना होने के बाद उन्होंने अमेरिकी रक्षाबलों को इराक और सीरिया स्थित ईरान से जुड़ी आतंकी संगठनों पर हमला करने के आदेश दिए है।
इराक और सीरिया के कुल ८५ ठिकानों पर अमेरिका ने हमले किए हैं और इस दौरान १२५ मिसाइल दागे। इन दोनों देशों में मौजूद रिवोल्युशनरी गार्डस् से संबंधित अड्डों पर हमले करने की जानकारी अमेरिका के रक्षा विभाग ने प्रदान की। इराक में हुए हमले में मारे गए १६ लोग ईरान से जुड़ी आतंकी संगठन ‘पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स’ (पीएमएफ) के सदस्य थे। इसके अलावा सीरिया में ईरान से संबंधित बिल्डींग की सुरक्षा में खड़े २३ आतंकी मारे गए हैं, ऐसा अमेरिकी सेना का कहना है।
पिछले हफ्ते जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इन तीनों के शव शुक्रवार को अमेरिका पहुंचे। इसी दौरान इराक-सीरिया के ठिकानों पर बम हमले हुए। खाड़ी क्षेत्र में मौजूद अमेरिका के ‘सेंटकॉम’ या भूमध्य समुद्र में तैनात अमेरिकी विमान वाहक युद्धपोत इस हमले में शामिल नहीं थे। बल्कि अमेरिका से लंबी उड़ान भरकर पहुंचे ‘बी-१ बॉम्बर’ विमानों ने इस हमले को अंजाम दिया है।
अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने इराक-सीरिया में हुई इस हवाई कार्रवाई का समर्थन किया है। अमेरिका ने प्रत्युत्तर देना शुरू किया है। यह पहली कार्रवाई है और आगे ऐसी कार्रवाई और भी होगी, ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने दी। इसके बाद अमेरिका ने रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने इराक-सीरिया की कार्रवाई पर बोलते हुए बड़ी सावधानी से बयान किया। ‘खाड़ी या अन्य क्षेत्र में संघर्ष शुरू करने की इच्छा अमेरिका नहीं रखती। लेकिन, हमारे सैनिकों पर हमले होना हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे’, ऐसा ऑस्टिन ने कहा।
जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर ईरान से जुड़ी आतंकी संगठन ने ही हमला किया था, ऐसा आरोप व्हाईट हाऊस ने हाल ही में लगाया था। इस हमले का जवाब विभिन्न स्तरों पर दिया जाएगा, ऐसा व्हाईट हाऊस ने स्पष्ट किया था। इस वजह से अमेरिका के रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने दी हुई चेतावनी बड़ी गंभीर है। अमेरिका के इस हमले पर इराक, सीरिया ने गुस्सा जताया है। इराक ने अमेरिकी राजदूत को समन थमाया है। यह हमारी संप्रभुता पर किया हमला होने का आरोप इराक ने लगाया है। वहीं, सीरिया में हमले करने वाले अमेरिकी सैनिक सीरिया से निकल जाए, ऐसी मांग सीरिया ने की है।
अमेरिकी बॉम्बर विमान ने इराक-सीरिया में की हुई इस कार्रवाई का ब्रिटेन ने समर्थन किया है। वहीं, यूरोपिय महासंघ ने इस कार्रवाई पर चिंता जताई है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इन हमलों पर तीव्र गुस्सा जताया है। इस हमले को अंजाम देकर अमेरिका ने बड़ी रणनीतिक गलती की है। इसका गंभीर परिणाम अमेरिका को भुगतना होगा, ऐसा ईरान के विदेश मंत्रालय ने धमकाया है।
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