कैरो- गाजा के पैलेस्टिनी शरणार्थी भारी संख्या में इजिप्ट की सीमा के करीबी रफाह स्थित शिविर में दाखिल हुए हैं। पैलेस्टिनी शरणार्थियों के यह झुंड़ अपनी सरहद तक पहुंचने से इजिप्ट बड़ा बेचैन हुआ है। ‘इनमें से एक भी शरणार्थी सीमा पार करके इजिप्ट के सिनाई प्रांत में कदम रखता है तो यह समझा जा रहा है कि, वर्ष 1979 शांति समझौता खत्म हुआ है’, ऐसी चेतावनी इजिप्ट की सिसी सरकार ने देने का दावा किया जा रहा है। इसी बीच, इस्रायल अब रफाह की सीमा सुरक्षा के लिए यहा पर मौजूद सैन्य तैनाती का ज़िम्मा इजिप्ट से अपने हाथों में लेगा, ऐसी खबरें कुछ दिनों से सामने आ रही है।
वर्ष 1979 में इस्रायल और इजिप्ट में किए गए ‘फिलाडेल्फी कॉरिडोर’ समझौते के अनुसार इस्रायल ने गाजा की रफाह सीमा की सुरक्षा का ज़िम्मा इजिप्ट को दिया था। पिछले 18 सालों से इजिप्ट ने रफाह सीमा के करीब भारी मात्रा में सेना की तैनाती की थी। यह सीमा पार करके पैलेस्टिनियों के झुंड़ अपनी सीमा में दाखिल न हो, इसके लिए इजिप्ट ने बड़ी दिवार खड़ी की थी। लेकिन, पिछले कुछ दिनोंसे गाजा के अधिकांश सुरक्षा की बागड़ोर इस्रायल ने अपने हाथों में ली है और जल्द ही रफाह सीमा के करीब भी इस्रायल अपनी फौज तैनात करेगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।
इसी बीच, इस्रायल ने रफाह की सीमा के करीब हवाई हमले करना शुरू किया है। इससे पैलेस्टिनी नागरिकों के झुंड़ बड़ी तेज़ी से इजिप्ट की सीमा के करीब पहुंच रहे हैं। इजिप्ट यह सीमा खोल दे, ऐसी मांग पैलेस्टिनी शरणार्थी कर रहे हैं। दोहरे पासपोर्ट रखने वाले पैलेस्टिनी नागरिकों को ही इजिप्ट प्रवेश दे रहा है। लेकिन, इसके अलावा एक भी पैलेस्टिनी हमारे क्षेत्र में कदम न रखे, ऐसी भूमिका इजिप्ट ने अपनाई है।
कुछ हफ्ते पहले जॉर्डन ने भी यही भूमिका अपनाई थी। गाजा में शुरू हमले इस्रायल बंद करें, ऐसा आवाहन जॉर्डन ने किया था। लेकिन, पैलेस्टिनी शरणार्थियों को हमारे देश में प्रवेश नहीं देंगे, ऐसा ऐलान जॉर्डन ने किया था। कुछ दशक पहले जॉर्डन में दाखिल हुए पैलेस्टिनी शरणार्थियों ने जॉर्डन की हुकूमत का तख्तापलट करने की कोशिश की थी। इस वजह से जॉर्डन ने पैलेस्टिनी शरणार्थियों को लेकर सख्त भूमिका अपनाई है।
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