किव – यूक्रेन की सेना ‘एव्हडिव्हका’ से पीछे हट चुकी है। कुछ महीने तक एव्हडिव्हका का मोर्चा यूक्रेन की सेना के लिए बड़ा अहम समझा जा रहा था। लेकिन, अमेरिका और अन्य देशों ने हथियारों की आपूर्ति नहीं करने से हमारी सेना को वहां से पीछे हटना पड़ा, ऐसा यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने कहा है। साथ ही यूक्रेन की सेना को आवश्यक हथियार प्राप्त न होने के कारण रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इस युद्ध में बढ़त प्राप्त कर रहे हैं, यह चेतावनी भी यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने पश्चिमी देशों को दी है। इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी और फ्रान्स ने यूक्रेन से सैन्य समझौता करके यूक्रेन को अधिक हथियार और रक्षा सामान प्रदान करने की तैयारी दर्शायी है।
यूक्रेन की सेना ने शनिवार के दिन एव्हडिव्ह का छोड़ने का ऐलान किया। रशियन सेना हमें यहां घेर सकती हैं, इस संभावना पर गौर करके यूक्रेन की सेना यह निर्णय करने के लिए मज़बूर हुई। लेकिन, यूक्रेन की सेना को सीर्फ हथियार नहीं होने के कारण ही यहां से हटना पड़ा। यहां से पीछे नहीं हटते तो यूक्रेन की सेना को भारी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ता, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने एव्हडिव्हका छोड़ने के निर्णय का समर्थन किया। वहीं, यूक्रेन की सेना का एव्हडिव्हका छोड़ना इस देश की हार के संकेत देता है, ऐसा रशिया कह रही है।
यूक्रेन को पिछले कुछ महीनों से अमेरिका से हथियार और अन्य ज़रूरी सामान की आपूर्ति बंद हुई है। अमेरिका के विपक्ष ने यूक्रेन को करीबन ६० अरब डॉलर की रक्षा सहायता देने का प्रावधान होने वाला विधेयक रोक रखा है। इससे रशिया के विरोध में शुरू युद्ध में यूक्रेन की मुश्किल होने का दावा किया जा रहा है। खास तौर पर बारूद और लंबी दूरी पर हमला करने के लिए आवश्यक मिसाइल न होने की वजह से यूक्रेन के हालात बड़े खराब होने का अफसोस राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने व्यक्त किया।
इस वजह से एव्हडिव्हका छोड़कर हमारी सेना पीछे हटने के लिए मज़बूर हुई, ऐसा झेलेन्स्की कह रहे हैं। इसका रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन पूरा लाभ उठा रहे हैं, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने अमेरिका और पश्चिमी देशों को दी। इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी और फ्रान्स ने यूक्रेन के साथ रक्षा सहयोग संबंधित समझौता करने की खबरें प्रसिद्ध हुई हैं। इस समझौते के अनुसार जर्मनी द्वारा यूक्रेन को १.१ अरब युरो की सहायता मुहैया होगी। इस माध्यम से यूक्रेन को ३६ ‘सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर’ तोप और १.२० लाख तोप के गोले, दो स्काइनेक्स हवाई सुरक्षा यंत्रणा और आइरिस-टी हवाई सुरक्षा यंत्रणा के मिसाइल यूक्रेन को प्राप्त होंगे। इस व्यापक समझौते के अनुसार जर्मनी यूक्रेन को सीर्फ रशिया विरोधी हमले के लिए सहायता प्रदान नहीं करेगा, बल्कि आधुनिक सेना खड़ी करने के लिए भी सहायता करेगा, यह कहा जा रहा है।
वहीं, फ्रान्स ने यूक्रेन के साथ स्वतंत्र रक्षा समझौता किया है। इसके तहत फ्रान्स वर्ष २०२४ में यूक्रेन को तीन अड़ब युरो की रक्षा सहायता प्रदान करनेगा। जर्मनी और फ्रन्स ने पहल करके यूक्रेन को यह सहायता मुहैया करना सहायक साबित होगा, ऐसा फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने कहा है। लेकिन, अमेरिका ने घोषित की हुई करीबन ६० अरब डॉलर की सहायता प्राप्त हुए बिना यूक्रेन इस रशियाविरोधी युद्ध में खड़ा नहीं रह सकेगा, यही बात एव्हडिव्हका से यूक्रेनी सेना के पीछे हटने से स्पष्ट हुई है। वहीं, अमेरिका ने कितनी सहायता प्रदान की तो भी यूक्रेनी सेना इस युद्ध में रशियन सेना के सामने खड़ी नहीं रह सकेगी, ऐसा सामरिक विश्लेषक कह रहे हैं।
इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |